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बीएड टेट 2011 अचयनित बेरोजगार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में 8 से 10 सितम्बर तक लखनऊ के ईको गार्डन में आंदोलन होगा जिसमें पूरे प्रदेश के हज़ारों अचयनित अभ्यर्थियों का जमावाड़ा लगेगा।
यह आंदोलन बीएड टेट के अभ्यर्थी 2012 न्यू एड विज्ञापन पर नियुक्ति पाने के लिए कर रहे हैं क्योंकि 25 जुलाई 2017 के सुप्रीमकोर्ट के अंतिम आदेश में भी इस विज्ञापन पर भर्ती के लिए लिबर्टी मिली हुई है
सुनील यादव ने किया आह्वान
सुनील ने सोशल मीडिया द्वारा कहा ये आपकी लड़ाई है और आप सभी को 8 ,9 व 10 सितम्बर को ईको गार्डन आना ही चाहिये।कम से कम 10 तारीख को सभी की उपस्थिति अनिवार्य है। जो असहाय हैं उनकी जानकारी जिलाध्यक्ष और हमारे पास है बाकी बाद में कोई नहीं सुनेगा ।
जिलों के अनुसार लगेगी लाइनें…
सुनील ने कहा कि ईको गार्डन में होने वाले आंदोलन के लिए प्रत्येक जिले की अलग लाइन लगेंगी जो कि जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में होगी। और जिसे राजीव दुबे जी के नेतृत्व में गठित टीम उपस्थिति लेगी चूंकि लड़ाई अंतिम है इसलिए आपकी उपस्थिति महत्वपूर्ण है।
आंदोलन में शिरकत न कर पाने वाले लोग नहीं कर सकते संगठन से शिकायत
सुनील ने कहा कि अगर आपके पास स्वयं की हक की लड़ाई के लिये समय नहीं है तो आपको आगे संगठन से भी शिकायत का कोई अधिकार नहीं है।
साथ में लाएं सफेद A4 साइज़ पेपर
सुनील ने निर्देशित किया कि आंदोलन में शामिल होने वाले सभी बीएड टेट 2011 के बेरोजगार एक सफेद सादा कागज अवश्य लायें जिसकी ज़रूरत स्लोगन ज लिए पड़ेगी।
जिलाध्यक्ष की रहेगी ज़िम्मेदारी
8 से 10 तक होने वाले आंदोलन की समस्त सटीक सूचनाएं देने के लिए सभी सम्मानित जिलाध्यक्ष सूचना को प्रत्येक जिले के व्हाट्सएप ग्रुप में पहुंचा दें ताकि बाद में कोई आप पर दोषारोपण न कर सके, अगर आपके जिले में 50 लोग हैं उनमें से जो गम्भीर समस्याओं से ग्रसित हैं जिनकी सूचना आप लिखित रूप से 10 तारीख को उपलब्ध करायेंगे उसके बाद संगठन आगे उपस्थिति के आधार पर ही लड़ाई लड़ेगा।
सुनील यादव का यूपी के CM के नाम संदेश
सुनील यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से यूपी के CM योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि आपने जो वादे बीएड टेट 2011 से किये जिस कमेटी का गठन बीएड टेट 2011 के लिये किया वो आज तक सार्वजनिक नहीं हुआ। सरकार खुद कोर्ट में खाली पदों का ब्यौरा दे चुकी है पर सरकार को बताना चाहिए कि पिछले 4.5 सालों में अभी तक कितने पदों पर भर्ती कर चुकी है क्योंकि 69000 और 68500 शिक्षक भर्ती शिक्षा मित्रों के खाली हुए पदों की भर्ती थी।
सुनील ने कहा कि आदरणीय मुख्यमंत्री जी आपके पास मौका है सब कुछ आपके हाथों में है आप 22 हजार वालों की मांग भी पूरी कर सकते हैं और बीएड टेट2011 से किये वादे भी सत्र वाइज भर्ती की घोषणा भी कर सकते हैं। आप चाहें तो 2012 के न्यू एड 7-12-12 विज्ञापन पर भर्ती भी कर सकते हैं। मगर हम सभी अचयनितों को अफसोस इस बात कक है कि शायद अधिकारियों और माननीय शिक्षामंत्री जी की वजह से आप तक सही बातें पहुँच नहीं पा रही हैं।
अंत में सुनील यादव ने कहा कि मैं संगठन की तरफ से स्पष्ट कर दूं कि बीएड टेट का ये आंदोलन शांतिपूर्ण होगा। हमारी मांगे विधिसम्मत हैं। कमेटी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गठित की गयी थी प्लीज हमें एक अवसर दें,और वादाखिलाफी के दाग से भी बचें।हम भी वादा करते हैं आजीवन आपके ऋणी रहेंगे
इससे पहले भी किया था बीएड टेट 2011 के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन
आपको बता दें कि इससे पहले 29 मई को लखनऊ के ईको गार्डन में बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था जिसमें उनकी पुलिस के बीच तगड़ी झड़प हो गई थी। इस दौरान पुलिस ने वहाँ लाठीचार्ज किया और अभ्यर्थियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा । महिला अभ्यर्थियों के ऊपर भी लाठियाँ भांजी गयी थी जिसके बाद अभ्यर्थियों ने भी पुलिस पर पथराव किया। दोनों पक्षों की भिड़ंत में कई पुलिसकर्मी और अभ्यर्थी घायल हो गए। तब जाकर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभ्यर्थियों की समस्या को लेकर 3 सदस्यीय समिति गठित थी।इसी कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए इस आंदोलन की फ़िर से रूपरेखा बनाई गई है।
जानिए क्या था पूरा मामला?
दरअसल ये मामला लगभग 10 साल पुराना है। साल 2011 नंवबर में 72,825 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इन पदों पर टीईटी के अंकों पर भर्ती होनी थी, जिसे अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट इलाहबाद में चैलेंज किया था। अभ्यर्थियों ने अकादमिक मेरिट पर भर्ती की मांग रखी थी। इसी बीच 2012 में सपा सरकार आ गई और सरकार ने टीईटी मेरिट पर आधारित विज्ञापन को रद्द करके 7 दिसंबर 2012 को 72825 पदों के लिए अकादमिक मेरिट के आधार पर नया विज्ञापन जारी किया गया। पुराना मामला कोर्ट में चलता रहा।
मुकदमे के दौरान इलाहबाद कोर्ट ने पुराने विज्ञापन को भी सही मानते हुए उस पर ही भर्ती का आदेश दिया। यह आदेश नवंबर 2014में आया। सपा सरकार ने विज्ञापन बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अभ्यर्थियों के अनुसार 25 जुलाई 2017 को SC ने अपने आदेश में नए विज्ञापन को सही मानते हुए अब तक हुए अंतरिम आदेशों पर हुई भर्तियों को सुरक्षित करते हुए, नए विज्ञापन पर भी भर्ती की सरकार को छूट दी लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी भर्ती नहीं हो सकी है। इसी कारण हज़ारों अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं।