उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों के लिए शिक्षा के बड़े और तमाम शिक्षा अधिकारियों के द्वारा निर्गत अजब गजब आदेश आते रहते हैं जिनका विरोध शिक्षक संगठनों के द्वारा किया जाता है और कभी कभार ऐसे आदेश भारी विरोध के चलते वापस भी लिए जाते रहे हैं।
अब ऐसा ही एक आदेश स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद के द्वारा दिया गया है जिसमें कहा गया है कि यूपी के परिषदीय स्कूलों की निगरानी और निरीक्षण का कार्य डायट की 5 सदस्यीय निर्धारित टीम के द्वारा वीडियो और ऑडियो कॉल के द्वारा किया जाएगा।
बच्चों की पढ़ाई का मूल्यांकन और निगरानी के लिए मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। @UPGovt @CMOfficeUP @thisissanjubjp pic.twitter.com/hPQCqxu2di
— Department Of Basic Education Uttar Pradesh (@basicshiksha_up) April 27, 2023
इतना ही नहीं आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि डायट की जांच टीम के द्वारा यह तीन लगातार ऑडियो या वीडियो कॉल को रिसीव नहीं किया जाता तो उक्त शिक्षक के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही होगी इस आदेश के विरोध में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ द्वारा कड़ा विरोध दर्ज करते हुए आदेश को नष्ट करने की मांग की गई।
क्या है विभागीय आदेश?
विभागीय आदेश में कहा गया है कि निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु दिनांक 27 जून 2022 निर्गत किये गये हैं जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों संचालित की जा रही हैं।
प्रायः देखने में आया है कि विद्यालयों की अकादमिक गतिविधियों में शिथिलता पाई जाती है, समय सारिणी का सही पालन नहीं होता है तथा शिक्षकों द्वारा शिक्षणार्थ अपेक्षित समय तथा प्रतिबद्धतापूर्वक लक्ष्य प्राप्ति हेतु कार्य निष्पादन की प्रवृत्ति नहीं दर्शायी जाती है।
इस प्रवृत्ति के परिणामस्वरूप निपुण लक्ष्य की प्राप्ति त्वरित गति से नहीं हो पा रही है। उक्त के अतिरिक्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा भी नियमित निरीक्षण के दौरान अकादमिक बिन्दुओं पर चर्चा नहीं की जा रही है। डायट मेण्टर , SRG, ARP द्वारा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण जो कि माह में एक बार ही होता है, जिसके कारण अन्य कार्यदिवसों में शिक्षक अपने विद्यालयों में विभिन्न गतिविधियों / कार्यक्रमों के प्रभावशाली संचालन में रुचि नहीं लेते हैं।
अतः शिक्षकों में सक्रियता बनाये रखने एवं गतिविधियों के प्रभावशाली संचालन हेतु निरंतर निगरानी / अनुश्रवण (मॉनिटरिंग) की आवश्यकता अनुभव की जा रही है।
अतः वर्णित परिस्थितियों में समस्त जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में एक मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस मूल्यांकन प्रकोष्ठ का उद्देश्य शिक्षकों के मध्य एक ऐसा संवाद व संदेश स्थापित करना है, जिससे वे अपने विद्यालयों में विभिन्न गतिविधियों के नियमित एवं बेहतर संचालन में रुचि लेने लगे तथा विद्यालयों में अपेक्षित गतिविधियों के संचालन हेतु सजग रहें।
मूल्यांकन प्रकोष्ठ का कार्य परिषदीय विद्यालयों की अकादमिक गतिविधियों, कार्यक्रमों की निगरानी , देखरेख ऑनलाइन माध्यम से ( वीडियो कॉल और वॉइस कॉल द्वारा) किया जायेगा। इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश निम्नवत है-
1. मूल्यांकन प्रकोष्ठ हेतु प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में 05 सदस्यीय टीम का गठन किया जाये, जिसमें डायट प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता, 02 प्रवक्ता (01 पुरुष प्रवक्ता एवं 01 महिला प्रवक्ता) एवं तकनीकी सहायक एक साथ मिलकर एक टीम के रूप में कार्य करेंगे।
2. मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम द्वारा अपने जनपद के समस्त ब्लॉक के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय, कम्पोजिट (Composite) विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में से प्रत्येक कार्यदिवसों में कम से कम 10 विद्यालयों का चयन यादृच्छिक (Randomly) रूप से करते हुए ऑनलाइन अनुश्रवण ( वीडियो कॉल या वॉइस कॉल) किया जायेगा।
3. मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम ऑनलाइन अनुश्रवण (वीडियो कॉल या वॉइस कॉल) के माध्यम से एक विशेष चेकलिस्ट (प्रति संलग्न) पर कार्य करते हुए विभिन्न सूचनाओं का संकलन व ऑनलाइन पर्यवेक्षण करेगी।
4. ऑनलाइन अनुश्रवण हेतु मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम द्वारा अपने जनपद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत समस्त प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मोबाइल नम्बर की सूची प्राप्त कर ली जाये।
5. मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम द्वारा एक पंजिका पर निर्धारित चेकलिस्ट के माध्यम से सभी विद्यालयों में किये जा रहे कार्यक्रमों और गतिविधियों की सूचना संकलित की जाये।
6. यदि किसी विद्यालय के प्रधानाध्यापक , शिक्षक , शिक्षामित्र , अनुदेशक द्वारा 03 बार अलग-अलग कार्यदिवसो में वीडियो कॉल या वॉइस कॉल रिसीव न की जाये, तो ऐसे विद्यालयों के शिक्षकों के सम्बन्ध में डायट में होने वाली मासिक समीक्षा बैठक में चर्चा की जाये तथा उक्त शिक्षकों के प्रति नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाये।
7. डायट की समीक्षा बैठक में मूल्यांकन प्रकोष्ठ हेतु आगे की रणनीति और कार्ययोजना तैयार की जाये। उपर्युक्तानुसार मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित की जाये।
मूल्यांकन प्रकोष्ठ हेतु चेक लिस्ट
मूल्यांकन प्रकोष्ठ हेतु चेक लिस्ट
* संकुल का नाम
* कॉल करने का समय
* विकास खण्ड
* विद्यालय का नाम
* कॉल करने का दिनांक
* जिस शिक्षक को कॉल की गई है उसका नाम, पदनाम
* जिस शिक्षक को कॉल की गई है, क्या वह विद्यालय में उपस्थित है, यदि नहीं तो
* कारण समय सारणी के अनुसार कौन सा कालांश जारी है किस विषय का शिक्षण किया जा रहा है।
* कक्षा में कौन सी गतिविधि करायी जा रही है संदर्शिका / निर्देशिका / शिक्षण योजना के पालन की स्थिति विभाग द्वारा प्रदत्त टी०एल०एम० के प्रयोग की स्थिति
* क्या गणित / विज्ञान किट का प्रयोग किया जा रहा है
* रिमीडियल टीचिंग का प्रभाव
* क्या विद्यालय में नियमित घंटी वादन हो रहा है।
* क्या निपुण विद्यालय कार्ययोजना बनाकर अपडेट की जा रही है।
* निपुण तालिका भरने की स्थिति
* कार्यरत कुल स्टाफ महिला• महिला पुरूष
* उपस्थित स्टाफ पुरूष
* कुल छात्र नामांकन • कुल छात्र उपस्थिति गत माह / इस माह किस मेन्टर द्वारा विजिट किया गया?
* मेन्टर द्वारा दिया गया समय?
* चिन्हित समस्या (यदि कोई हो)
आदेश आने के बाद शिक्षक संगठनों के अलावा शिक्षकों ने भी सोशल मीडिया पर इस आदेश का कड़ा विरोध जताया है। शिक्षकों का कहना है कि इस शाही निरीक्षण व्यवस्था को शिक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि जल्द से जल्द पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए जिससे त्वरित और स्थलीय निरीक्षण की पुष्टि हो सके।
डायट की 5 सदस्य की टीम के द्वारा ऑडियो और वीडियो कॉल के जरिए शैक्षणिक गतिविधियों का निरीक्षण शिक्षक और शिक्षक संगठनों के गले नहीं उतर रहा जिसको लेकर शिक्षक संगठनों के अलावा हजारों शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर इस आदेश का कड़ा विरोध दर्ज किया है।
यूपी के शिक्षक इस आदेश से खासे नाराज हैं उनका कहना है कि जिस प्रकार से शिक्षा विभाग का निरीक्षण किया जाता है ऐसे मनमाफिक आदेश अन्य किस विभाग के लिए आते है। शिक्षा क्षेत्र को छोड़कर ऐसे कितने विभाग हैं जहां वीडियो और ऑडियो कॉल के जरिए निरीक्षण और समस्या का निस्तारण किया जाता है।
टीम एक्टिव टीचर यूपी नाम के यूजर द्वारा ट्वीट करते हुए इस आदेश का कड़ा विरोध दर्ज करते हुए लिखा गया कि जब वीडियो कॉल से ही बेसिक विद्यालयों का निरीक्षण करना है तो अधिकारियों की गाड़ी वापस ले। वाहन भत्ता तत्काल प्रभाव से बन्द कर सरकार को अतिरिक्त वित्त भार से राहत दे।
जब वीडियो कॉल से ही बेसिक विद्यालयों का निरीक्षण करना है तो अधिकारियों की गाड़ी वापस ले। वाहन भत्ता तत्काल प्रभाव से बन्द कर सरकार को अतिरिक्त वित्त भार से राहत दे।@AmarUjalaNews @BarabankiDainik @basicshiksha_up @thisissanjubjp @CMOfficeUP @DBE_SA @bstvlive @NewsStateHindi
— Team Active Teachers UP (@ActiveTeachers) April 26, 2023
संजय कुमार ने लिखा कि बेसिक विभाग की तरह अन्य विभागों की भी जांच वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कराई जानी चाहिए।
इसके अलावा अलग अलग जनपदों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को संघ के द्वारा आदेश को निरस्त करने संबंधी ज्ञापन दिए जा रहे हैं। मुजफ्फरनगर के राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष अरविन्द मलिक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला एवं डायट प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि इस तरह का आदेश शिक्षकों का उत्पीड़न है। शिक्षक द्वारा विभाग के सभी कार्यों को अपने निजी फोन से संपादित किया जाता है और विद्यालय समय में शिक्षण कार्य के दौरान मोबाइल से शिक्षक की दूरी रहती है।ऐसे में ऑडियो व वीडियो कॉलिंग से निरीक्षण के आदेश से शिक्षक का मनोबल टूटेगा। अतः ऐसे मनमाफिक आदेश को निरस्त किया जाए।