शाहजहांपुर के छावनी परिषद में स्थित नालन्दा स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में देश के स्वतंत्रता आन्दोलन के सबसे बड़े नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती को पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) के रूप में मनाया गया।
विद्यालय में पराक्रम दिवस के अवसर पर बच्चों के मध्य विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें क्विज , निबंध एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में स्कूल के बच्चों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। विजयी प्रतिभागियों को विद्यालय में पुरस्कृत भी किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या अनीता श्रीवास्तव ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व एवं उनके स्वतंत्रता के प्रयासों पर प्रकाश डालते बताया कि नेताजी ने आजादी की लड़ाई में कहा था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा उन्होंने कहा कि जय हिन्द जैसे कई नारों से देश की आजादी की लड़ाई में नई ऊर्जा भरने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था।
विद्यालय के सामाजिक विज्ञान शिक्षक पिंकू राम ने नेताजी के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि वह एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने आजाद हिद फौज की स्थापना कर देश को आजाद कराने के लिए और दुनिया से ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ फेंकने के लिए प्रण लिया। वह देश छोड़ जर्मनी जापान होते हुए सिंगापुर पहुंचे जहां उन्होंने जेल में बंद बंदियों को रिहा करवाया और अपनी एक फौज तैयार कर देश को आजाद कराने का बीड़ा उठाया।
पराक्रम दिवस की शुरुआत नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर विद्यालय के प्रधानाचार्या अनीता श्रीवास्तव द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित कर की गई। जिसके बाद विद्यालय के समस्त स्टाफ ने नेताजी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर विद्यालय में शोभना, ममता, हिना आदि महिला शिक्षक और विनोद कुमार ,अभिषेक कुमार, अमित आर्य, पिंकू राम आदि शिक्षक सहित पूरा शिक्षक स्टाफ उपस्थित रहा।