यूपी के जनपद पीलीभीत की तहसील पूरनपुर क्षेत्र के अभयपुर-माधोपुर मार्ग पर चार करोड़ की लागत से बनी सड़क पर सरकारी अफसरों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर खेला कर दिया। यूपी टीचर ट्रांसफर: लखनऊ में ट्रांसफर के नाम पर खेला, सरप्लस शिक्षक बताकर कार्यभार ग्रहण करने आए शिक्षकों को भेजा वापस
यूपी के जनपद पीलीभीत के दियूरिया क्षेत्र में 1 सप्ताह पहले बनी सड़क पर करोड़ों का खेल हो गया। बता दें कि एक हफ्ता पहले बनी सड़क को ग्रामीणों ने केवल हाथों से ही उखाड़ कर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है।बता दें कि पीलीभीत के पूरनपुर इलाके के दियोरिया मार्ग से अभयपुर-माधोपुर मार्ग की 7 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तकरीबन चार करोड़ रुपए की लागत के साथ किया गया था।
मानकों को ताख पर रखकर बनाई गई यह सड़क तकरीबन 1 सप्ताह के बाद ही उखड़ गई। ठेकेदारी और ठेकेदारों और सरकारी अफसरों के साथ इस सड़क के बनने में इतना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ कि ग्रामीणों ने यह सड़क हाथों से ही उखाड़ फेंकी। मानकों के अनुरूप सड़क न बनने के खिलाफ ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क बनाने के लिए आवश्यक मानकों को पूरा नहीं किया गया। ठेकेदारों ने केवल मिट्टी के ऊपर ही सड़क बना दी। यूपी टीचर ट्रांसफर: तबादला सूची को लेकर आपस में ही कई धड़ों में बंटे शिक्षक, अपनी डफली अपना राग वाली कहावत हुई सच
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सड़क निर्माण के ठेकेदारों और अधिकारियों के सिंडिकेट ने सड़क निर्माण के वक्त बहुत लापरवाही बरती है। सड़क बनाने से पहले उसके नीचे की मिट्टी को साफ नहीं किया गया और ना ही सड़क बनाने से पहले उस पर कोलतार डाला गया जिसकी वजह से 7 किलोमीटर की लंबी सड़क इतनी कमजोर हो गई कि हाथों से उखाड़ने के बाद पूरी सड़क ही उखड़ गई
भ्रष्टाचार की खबर के खुलासे के बावजूद शासन और प्रशासन द्वारा अभी तक इन ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ठेकेदारों के द्वारा बनाई गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस सड़क की स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सड़क को हाथ से उखाड़ते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ मगर भ्रष्टाचारियों पर अब तक शिकंजा नहीं कसा गया।
देखें वीडियो…
सूत्रों की माने तो पीलीभीत में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है ऐसी सड़के जो हाथों के नाम मात्र जोर से ही उखड़ जाती है इस योजना के तहत बनी है। कहा जा रहा है कि एक्सईएन फुरकान अली को बावजूद इसके पीलीभीत , शाहजहांपुर सहित लखनऊ का चार्ज भी शासन ने सौंप रखा है।