हमारे देश में जब जब कोई संकट आता है तो सभी मिलजुल कर उस संकट का सामना करते हैं चाहे सरकार चाहे जनतंत्र लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस के आड़ में ऐसे कारनामों को अंजाम देते हैं कि मानवता भी शर्मसार हो जाती है उनका ना कोई धर्म होता है ना कोई जात होती है उनको तो सिर्फ लालच की आंखों पर पट्टी बंधी रहती हैं यह कारनामों को अंजाम देते रहते हैं।
जैसा कि सभी को जानकारी है कि हमारा देश इन दिनों कोविड-19 की चपेट में चल रहा है इसलिए सरकार अनेकों प्रयास कर रही है लेकिन जिनको रक्षक के रूप में कार्य करने को दिया गया है वहीं रक्षक अब भक्षक के रूप में नजर आ रहे हैं ऐसा ही एक मामला लखनऊ के दो बड़े अस्पतालों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन अस्पतालों पर आरोप है कि यहां अंग तस्करी की जा रही है। प्रदेश की राजधानी में स्थित इंटीग्रल और एरा मेडिकल कॉलेज पर ये आरोप लगे हैं पीड़ित परिवार ने शिकायत की है कि मरीज के इलाज में लापरवाही हुई है।
जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के लचीलेपन से जिले में प्राइवेट अस्पताल बेलगाम चल रहे हैं। गरीबों को शिकार बनाकर अस्पताल लाने का काम उनके एजेंट लगातार कर रहे हैं। मासूम गांव वालों को बेवकूफ बनाकर इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने का काम भी निजी अस्पताल कर रहे हैं। लखनऊ के एरा मेडिकन काॅलेज और इंटीग्रल अस्पताल पर अंग तस्करी के आरोप लगे हैं। मृतक के पिता ने कानून मंत्री बृजेश पाठक से इस मामले की शिकायत दर्ज की है। जिसके बाद कानून मंत्री ने सीएम को चिट्ठी लिखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को टीम बनाकर जांच करने के आदेश दिए हैं।
मामला राजधानी के एरा मेडिकल काॅलेज का है. चिनहट के पक्का तालाब निवासी आदर्श कमल पांडेय को बुखार आया. जिसके बाद उनको अस्पताल ले जाया गया. डाॅक्टर की सलाह पर 11 सितंबर को कोरोना चांच हुई. जिसमें कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई. जिसके बाद 15 सितंबर को आदर्श को एंटीग्रल मेडीकल काॅलेज में भर्ती कराया।
कुछ दिनों बाद आदर्श ने अपनी बहन को मैसेज करके इलाज में हो रही गड़बड़ी के बारे में बताया. जिसमें उसने अंग निकालने की आशंका जाहिर की थी. जिसके बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया.इसके बाद आदर्श ने अपनी बहन से जल्द से जल्द वहां से बाहर निकालने के लिए कहा देर होने पर खुद को मार डालने की बात कही।
इसके बाद परिजनों ने आदर्श को एरा मेडिकल कॉलेज रेफर कराया. आरोप लगाया गया है कि पहले से ही एरा के स्टाफ को फोन कर दिया गया। युवक के खिलाफ साजिश करते हुए तबीयत और बिगाड़ दी गई। इतना ही नहीं परिजनों का कहना है कि पहले तो उन्हें आदर्श के ठीक होने की बात फोन करके अस्पताल ने बताई लेकिन बाद में उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार का आरोप है कि मेडिकल कॉलेड ने आदर्श को मार डाला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जांच के आदेश दे रखे हैं टीम जांच कर रही है।