यूपी नगरीय चुनाव में आरक्षण की विसंगति को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आ गया है फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर सरकार द्वारा जारी ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की दलीलों को मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने चुनाव के संबंध में सरकार द्वारा जारी 5 दिसंबर के अनंतिम ड्राफ्ट आदेश को भी निरस्त कर दिया और कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर OBC को कोई आरक्षण न दिया जाए।
हाई कोर्ट के इस फैसले पर राजनीतिक गलियारे में टिप्पणियों का दौर शुरू हो गया डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके कहा कि पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।
यदि आवश्यक हुआ तो माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करके प्रदेश सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी।
यदि आवश्यक हुआ तो माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करके प्रदेश सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 27, 2022
वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके कहा कि यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बिना नगरीय निकाय चुनाव नहीं,चाहे इसके लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा तो भी जायेंगे,सपा पिछड़ा वर्ग विरोधी @yadavakhilesh जी नौटंकी बंद करें,बयानबाज़ी से कोई फ़ायदा नहीं,मेरा वादा है भाजपा है,आरक्षण है और रहेगा!
यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बिना नगरीय निकाय चुनाव नहीं,चाहे इसके लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा तो भी जायेंगे,सपा पिछड़ा वर्ग विरोधी @yadavakhilesh जी नौटंकी बंद करें,बयानबाज़ी से कोई फ़ायदा नहीं,मेरा वादा है भाजपा है,आरक्षण है और रहेगा!
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) December 27, 2022
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए भाजपा पर तंज कसा उन्होंने लिखा कि भाजपा की हार में, आरक्षण की जीत है। वहीं एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा हटाओ, आरक्षण बचाओ!
अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके उन्होंने भाजपा पर वार करते हुए एक ट्वीट और किया कि दाने बाँटकर खेत लूटनेवालों से बचें! कहा कि आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है, कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है।
आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।
आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 27, 2022
मायावती ने कहा कि यूपी में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने सम्बंधी माननीय हाईकोर्ट का फैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है।
एक अन्य ट्वीट करता हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि यूपी सरकार को मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जाना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज बीजेपी को जरूर देगा।
2. यूपी सरकार को मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जाना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज बीजेपी को जरूर देगा। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) December 27, 2022
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने मंगलवार को यह निर्णय OBC आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिया।