उत्तर प्रदेश के जनपद वाराणसी और सुल्तानपुर के परिषदीय स्कूलों में साउथ कोरिया के राजदूत ने पत्नी सहित स्कूल में संचालित क्लास साथी कार्यक्रम का अवलोकन किया।
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 1 से 8वीं तक के स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत विगत चार अप्रैल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा नौनिहालों व उनके अभिभावकों के साथ संवाद कार्यक्रम के साथ शुरू हो चुकी है।
स्कूल चलो अभियान के तहत पूरे अप्रैल महीने में रैली से लेकर लगाकर डोर-टू-डोर सर्वे के साथ विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। भले ही नए सत्र की पढ़ाई जून में गर्मी की छुट्टी के बाद माह जुलाई से शुरू हो मगर नए सत्र से विद्यार्थियों को स्कूल आने के बाद उनकाे पढ़ाने के लिए क्लास साथी एप का प्रयोग भी शुरू हो चुका है।
बता दें कि साउथ कोरिया के राजदूत श्री चेंग जो-बोक व उनकी धर्मपत्नी ने वाराणसी के कम्पोजिट विद्यालय पर्वतपुर व सुल्तानपुर में साउथ कोरिया की कोइका एवं प्रोग्रेसिव फाउंडेशन के ‘क्लास साथी’ कार्यक्रम का अवलोकन किया।
“क्लास साथी” कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों में ‘Clicker’ नामक डिवाइस व मोबाइल एप के जरिए MCQ के उत्तर देने की क्षमता विकसित की जाती है, जिससे बच्चों का त्वरित ढंग से मूल्यांकन करने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास पैदा होता है।
"क्लास साथी" कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों में 'Clicker' नामक डिवाइस व मोबाइल एप के जरिए MCQ के उत्तर देने की क्षमता विकसित की जाती है, जिससे बच्चों का त्वरित ढंग से मूल्यांकन करने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास पैदा होता है।
— Department Of Basic Education Uttar Pradesh (@basicshiksha_up) April 27, 2023
किस कक्षा के लिए है “क्लास साथी ऐप”
उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की पहल पर क्लास साथी एप की शुरूआत हुई जो कि अब हिंदी माध्यम में भी उपलब्ध है। क्लास साथी एप मुख्यतया कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए बेहद उपयोगी है।
किस विषय के लिए है “क्लास साथी एप”
क्लास साथी ऐप के साथ विद्यार्थियों के अलावा शिक्षक इससे जुड़कर शिक्षा की बेहतरी में अपना योगदान प्रदान कर सकते हैं। गणित विषय और विज्ञान विषय की पढ़ाई को सुगम और आसान बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने क्लास साथी एप के प्रयोग की बात कही है।
कोविड के दृष्टिगत भौतिक रुप से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई ऐसे में विद्यार्थियों को आनलाइन तरीके से शिक्षित किए जाने की दिशा में विशेष पहल की जा रही है। प्ले साथी ऐप से अधिक से अधिक विद्यार्थियों को जोड़ते हुए उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में बनाए रखने की पहल की जा रही है।
शिक्षा के अधिकारियों के मुताबिक विद्यार्थियों को उसका अनुचित लाभ दिलाने के लिए शिक्षकों को जागरुक कर ऑनलाइन कार्यशाला कराई जाएगी जिससे शिक्षक बेहतर ढंग से विद्यार्थियों को शिक्षण गतिविधियों से जोड़ सकें।