उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए ऐलान कर कहा है कि मृतक आश्रित कोटे यानी अनुकंपा के आधार पर अब विवाहित बेटियां भी सरकारी नौकरी की हकदार होंगी मतलब अब राज्य सरकार विवाहित पुत्रियों को भी अनुकंपा नियुक्ति के तहत नौकरी का अधिकार देने जा रही है।
CM योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन को मंजूरी दे दी इसके बाद सरकारी विभागों में अनुकंपा के आधार पर विवाहित बेटियों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मतलब साफ है कि जिस राज्य कर्मचारी का निधन अपने सेवाकाल के दौरान हुआ है उसकी शादीशुदा बेटी भी इस योजना की लाभार्थी होगी।यानी उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली’ में 12वें संशोधन को सरकार की मंजूरी मिल गई है।
सार:
●विवाहित पुत्रियों को भी अनुकंपा नियुक्ति के तहत मिलेगी नौकरी
● नियमावली-1974′ के नियम-2 (ग) (तीन) में हुआ संशोधन
● यूपी में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली’ 12वें संशोधन को सरकार द्वारा मिली मंजूरी
●कोर्ट ने कहा शादीशुदा बेटियों को बाहर रखना असंवैधानिक है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है।
●मंजुल श्रीवास्तव नाम की एक महिला द्वारा दायर की गई थी रिट
●जस्टिस जेजे मुनीर ने पिछली 5 जनवरी को दिया था यह आदेश
●मंजुल श्रीवास्तव ने प्रयागराज जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी के 25 जून, 2020 के आदेश को हाई कोर्ट में दी थी चुनौती
●1974 के नियमों के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के उनके दावे को विवाहित कहकर कर दिया था खारिज
●अदालत ने BSA प्रयागराज के आदेश को बताया अवैध
●CM योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन को मंजूरी दे दी।
● इसके बाद सरकारी विभागों में अनुकंपा के आधार पर विवाहित बेटियों को नौकरी मिलने का रास्ता हो गया साफ
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में मृतक आश्रित कोटे के तहत अनुकंपा के आधार पर विवाहित या अविवाहित बेटों के अलावा अविवाहित बेटियों को ही नौकरी देने की व्यवस्था थी।
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में मृतक आश्रित कोटे के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए सिर्फ राज्य कर्मचारी के पति/पत्नि, विवाहित या अविवाहित बेटे और अविवाहित बेटियों को ही नौकरी देने की व्यवस्था थी वहीं विवाहित बेटियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरियां नहीं मिल पा रही थीं और इस वजह से कई परिवारों को मुश्किल का सामना करना पड़ता था लेकिन अब राज्य सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली-1974’ के नियम-2 (ग) (तीन) में संशोधन कर मृतक कर्मचारी के परिवार की परिभाषा में विवाहित बेटी को भी शामिल कर दिया है।
हाईकोर्ट ने दिया था संशोधन का आदेश
आपको बता दें कि हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई थी जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को संशोधन करने का आदेश दिया था।अब कार्मिक मंत्रालय के प्रस्ताव के बाद कैबिनेट द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई है।
अदालत द्वारा अपने पूर्व आदेश में कहा गया था कि यदि एक शादीशुदा बेटा को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का अधिकार मिलता है तो बेटी की उम्मीदवारी को उसके विवाहित होने के आधार पर खारिज करना भेदभावपूर्ण है।इससे पहले विमला श्रीवास्तव के मामले में यह व्यवस्था दी गई थी कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए नियमों में ‘परिवार’ की परिभाषा से शादीशुदा बेटियों को बाहर रखना असंवैधानिक है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है।
आपको बता दें कि मंजुल श्रीवास्तव नाम की एक महिला द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस जेजे मुनीर ने पिछली पांच जनवरी को यह आदेश पारित किया है।
मंजुल श्रीवास्तव ने प्रयागराज जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी के 25 जून, 2020 के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी इसमें अधिकारी ने प्रदेश सरकार के 1974 के नियमों के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के उसके दावे को इसलिए खारिज कर दिया था क्योंकि उसका विवाह हो चुका है।
अदालत ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दावे को खारिज करने का आदेश साफ तौर पर अवैध है। अदालत ने अधिकारी को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के याचिकाकर्ता के दावे पर कानून के मुताबिक और उसकी वैवाहिक स्थिति का संदर्भ लिए बगैर विचार करने और दो महीने के भीतर निर्णय करने का निर्देश दिया।
क्या है अनुकंपा नियुक्ति?
अगर किसी सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्यों में से किसी एक सदस्य को मृतक व्यक्ति के स्थान पर नियुक्ति पाने का अधिकार है। परिवार के किस सदस्य को नियुक्ति दी जाए, इसका प्रावधान भर्ती नियमावली में किया गया है।
नियुक्ति के ऐसे कई मामले कोर्ट तक पहुंचे थे जिसमें विवाहित बेटियों को नौकरी देने की मांग की गई थी। अब इस मामले पर CM योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और पुरानी व्यवस्था में संशोधन करते हुए सहमति बनी कि विवाहित बेटियों को भी जोड़ दिया जाए। यूपी कार्मिक विभाग ने सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली-2021 (12वां संशोधन) को कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा था।
इसके अतिरिक्त कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर
● योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार की कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं।
● इसके तहत यूपी में मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, सैफई और इटावा में 500 बेडे वाले सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण की परियोजना की पुनरीक्षित लागत को स्वीकृति देने का फैसला हुआ।
● इसके लिए 4 अरब 89 करोड़ 88 लाख 61 हजार रुपये प्रस्ताविक किए गए हैं।
● इसके अलावा गन्ना विकास और चीनी उद्योग विभाग की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई।
● इसके साथ ही कैबिनेट ने पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारकों को मार्च 2022 तक निशुल्क राशन योजना को मंजूरी दी।
● राशन के साथ एक किलो चना, एक लीटर खाद्य तेल, और एक किलो आयोडाइज्ड नमक भी दिया जाता रहेगा।