हिमाचल विधानसभा चुनाव की मतगणना पूरी होने के बाद कांग्रेस ने सत्ता में आने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा बड़े जोर शोर से उठाया गया था। सरकारी कर्मचारियों की एकजुटता के चलते कांग्रेस द्वारा पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन भी किया गया था और सत्ता में आने के बाद पुरानी पेंशन लागू करने की बात कही गई थी।
देश भर में राज्य स्तर पर पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension Scheme) को लेकर सरकारी कर्मचारियों के द्वारा लगातार आंदोलन चलाए जा रहे थे। राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार के बाद पंजाब केसीएम भगवंत मान ने भी पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर दी थी और इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश भी जुड़ गया है। जहां पुरानी पेंशन की बहाली होगी।
अब से हिमाचल प्रदेश का चुनाव संपन्न हो चुका है और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले बल्ले हो गई क्योंकि अपने वायदे के अनुसार कांग्रेस को अब हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली पहला काम होगा।
गौरतलब हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेस ने अपना पूरा प्रचार अभियान पुरानी पेंशन बहाली के आधार पर ही खड़ा किया था जिसके चलते पूरे 5 साल के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव चुनाव संपन्न हुए थे। पिछले 4 दशकों से सत्ता बदलने का इतिहास हिमाचल प्रदेश का ही है।
देशभर में चलाए जा रहे पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर संगठन के तमाम पदाधिकारियों ने सरकार के ऊपर शिकंजा कस कर रखा था जिसका फायदा सरकारी कर्मचारियों को पहले पंजाब में,फिर छत्तीसगढ़ में, राजस्थान में और अब हिमाचल प्रदेश में हुआ है।
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन लागू हुई
छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली 9 मार्च 2022 को की थी। सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन में सीएम बघेल ने सामाजिक सुरक्षा आदि का हवाला देकर पुरानी पेंशन बहाली का आदेश राजपत्र में प्रकाशित कर दिया जिसके बाद NPS में हो रही 10 परसेंट की कटौती भी बंद हो गई।
पंजाब में पुरानी पेंशन हुई लागू
पंजाब विधानसभा में हुए चुनावों में आम आदमी पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी चुनावों से पूर्व पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया था इसके लिए पंजाब सरकार ने करीब एक महीने पहले कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का मन बना लिया था। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद सीएम भगवंत मान ने अपने वादे के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की बहाली कर दी।
राजस्थान में पुरानी पेंशन का सरकारी कर्मचारियों को मिल रहा है फायदा
राजस्थान सरकार ने दिनांक 19-5-2022 को अधिसूचना जारी कर राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के सारे प्रावधान लागू कर सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया जिसमें कहा गया कि नौकरी ज्वाइन करने की तारीख से ही कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन पहले से ही है लागू
किन राज्यों में लागू है पुरानी परीक्षण
देश के आधा दर्जन राज्य में पुरानी पेंशन लागू हो चुकी है जिसमें सबसे पहले पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन पहले से ही लागू हुआ है। इसके अलावा झारखंड , राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में पेंशन लागू है। अभी अभी दिसंबर 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं जिसमें कांग्रेस द्वारा पुरानी पेंशन के किए गए वादे के अनुसार सरकार बनने के बाद हिमाचल प्रदेश में पेंशन पुरानी पेंशन बहाल कर दी जाएगी।
पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन स्कीम
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन योजना कभी बंद नहीं हुई। केंद्र सरकार के राज्यों को एनपीएस लागू करने के स्वैच्छिक निर्णय के बाद भी पश्चिम बंगाल में है पुरानी पेंशन का फायदा सरकारी कर्मचारियों को मिलता रहा जबकि अन्य राज्यों में पुरानी पेंशन के स्थान पर राज्य सरकारों ने एनपीएस लागू कर दिया।
पुरानी पेंशन से मिलने वाले महत्वपूर्ण फायदे
* पुरानी पेंशन सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट के समय मिलने वाले वेतन की आधी मिलती है। मन रिटायरमेंट के समय किसी सरकारी कर्मचारी का वेतन ₹80000 है तो रिटायरमेंट के बाद उस कर्मचारी को ₹40000 प्रति माह की पेंशन मिलेगी।
* केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर बढ़ाए जाने वाले महंगाई भत्ते का लाभ भी पुरानी पेंशन पर लागू होता है जिसके चलते महंगाई भत्ता लागू होने के बाद पुरानी पेंशन में भी इजाफा होता है।
* केंद्र सरकार के द्वारा जब भी नया वेतन आयोग लागू किया जाता है तब भी पुरानी पेंशन में इजाफा होता है।
* रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पुरानी पेंशन के लाभार्थी की मृत्यु के बाद उसके परिवार के आश्रितों को भी पेंशन मिलने का विकल्प है।
NPS से अधिक प्रभावी है OPS
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2004 के बाद नई पेंशन योजना (New Pension Scheme-NPS) के तहत कर्मचारियों को नियुक्त किया है। पुरानी पेंशन की एनपीएस के आगे तुलना की जाए तो एनपीएस पुरानी पेंशन से कम प्रभावी माना गया। सरकारी कर्मचारियों का कहना था कि एनपीएस से उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है। सेवा से रिटायर होने के बाद जो पैसा मिलेगा, उस पर सरकार को टैक्स देना होगा।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलनरत अटेवा के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा है कि आज पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली। हिमाचल में OPS वाली सरकार बनने जा रही है। यह NMOPS व आंदोलन की बहुत बड़ी जीत है कि इस चुनाव में पुरानी पेंशन निर्णायक साबित हुई। और #voteforOPS का अभियान सफल हुआ। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर एवं महासचिव भरत शर्मा जी को सहित पूरी टीम को साधुवाद और बधाई।