प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। पद्म विभूषण से सम्मानित 83 साल के बिरजू महाराज ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गायक मालिनी अवस्थी और अदनान सामी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
बिरजू महाराज की पोती रागिनी ने बताया कि महाराज का एक महीने से इलाज चल रहा था। बीती रात करीब 12.15-12.30 बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई; जिसके बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पीएम मोदी ने जतायी शोक संवेदना
पी एम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति! pic.twitter.com/PtqDkoe8kd
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2022
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि महान पंडित बिरजू महाराज का निधन एक युग के अंत का प्रतीक है। वह कथक को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने में अद्वितीय योगदान देकर एक प्रतीक बन गए। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।
The demise of legendary Pandit Birju Maharaj marks the end of an era. It leaves a deep void in the Indian music and cultural space. He became an icon, making unparalleled contribution to popularise Kathak globally. Condolences to his family and admirers.
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 17, 2022
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया कि कथक सम्राट, पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
उनका जाना कला जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
कथक सम्राट, पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
उनका जाना कला जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 17, 2022
सुभाष घई ने भी पंडित बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि ‘कथक नृत्य उस्ताद से मेरी पहली शिक्षा मेरे कॉलेज यूथ फेस्टिवल में थी जब उन्होंने भगवान कृष्ण और राधा के बीच अपनी दो आंखों से बात करते हुए एक रोमांटिक बातचीत व्यक्त की. मैंने सीखा ‘डांस का मतलब शरीर है लेकिन आत्मा आंखों में है. यही वह कथकशी में जगत गुरु थे. बिरजू सर की आत्मा को शांति मिले।’
मालिनी अवस्थी का ट्वीट
आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कत्थक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नही रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।
आह!अपूर्णीय क्षति है यह
ॐ शांति🙏 pic.twitter.com/dLBEy5aPqR— मालिनी अवस्थी Malini Awasthi (@maliniawasthi) January 17, 2022
बॉलीवुड गायक अदनान सामी ने सोशल मीडिया पर लिखा- महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से बहुत ज्यादा दुखी हूं। आज हमने कला के क्षेत्र का एक अनोखा संस्थान खो दिया। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है।
Extremely saddened by the news about the passing away of Legendary Kathak Dancer- Pandit Birju Maharaj ji.
We have lost an unparalleled institution in the field of the performing arts. He has influenced many generations through his genius.
May he rest in peace.🙏🖤#BirjuMaharaj pic.twitter.com/YpJZEeuFjH— Adnan Sami (@AdnanSamiLive) January 16, 2022
बता दे, पंडित बिरजू महाराज ने दिल्ली में अंतिम सांस ली। पंडित बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने उनके निधन की जानकारी दी है। स्वरांश मिश्रा ने फेसबुक पर उनके निधन की जानकारी देते हुए लिखा, ‘बहुत ही गहरे दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है कि आज हमने अपने परिवार के सबसे प्रिय सदस्य पंडित बिरजू जी महाराज को खो दिया।17 जनवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।’
जानिए बिरजू महाराज के बारे में
पंडित बिरजू महाराज का बनारस से भी नाता था। उनका ससुराल बनारस था। इलाहाबाद की हंडिया तहसील जो पहले बनारस में आती थी इनका परिवार वहीं का रहने वाला था जो बाद में लखनऊ चला गया वहीं फिर लखनऊ घराना बना। इसी घराने के वो अग्रणी नर्तक थे। इसके अलावा वह कवि, कोरियोग्राफर और शास्त्रीय गायक भी थे। महाराज जी के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।
लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। ये कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।
बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए नृत्य निर्देशन किया था। इसके अलाव इन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में म्यूजिक भी दिया था।
बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।
2012 में विश्वरूपम फिल्म में नृत्य निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2016 में बाजीराव मस्तानी के ‘मोहे रंग दो लाल’ गाने की कोरियाग्राफी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।