केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए कृषि बिल कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आज 43वें दिन से जारी विरोध-प्रदर्शन को और भी गति देने के लिए उनके समर्थन में शाहजहाँपुर व पीलीभीत के ग्रामीण किसानों ने किसान यूनियन के बैनर तले तकरीबन 18 किलोमीटर की ट्रैक्टर रैली निकाली जिसमें तकरीबन ढाई से 3 हज़ार ट्रैक्टर शामिल रहे।
दिल्ली में सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन करने के लिए नट्यूरा, मक़सूदापुर, शीतलपुर, बरीबरा, गहलुइया, महोलिया, मरौरी, बंडा आदि दर्जनों गाँवो के किसान सुबह 9 बजे उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर के बंडा चौराहे पर ट्रैक्टर के साथ एकत्रित होना शुरू हुए और कतार बद्ध होकर सड़क के किनारे खड़े होते चले गए।तकरीबन सुबह 9.30 बजे से किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ नारी बाजी करते हुए बंडा से चलना शुरू किया और पुवायाँ होते हुए खुटार के रास्ते चलकर वापस बंडा में आंदोलन खत्म किया।
तकरीबन 60 किमी की इस ट्रैक्टर रैली में सभी ट्रैक्टर सड़क के एक साइड में कतार बद्ध होकर चल रहे थे। सभी ट्रैक्टर एक समान की स्पीड लगभग 10 से 15 किमी प्रति घण्टे की गति से चल रहे थे।ट्रैक्टर पर किसान चालक के साथ 2 से 3 अन्य किसान भी बैठे थे।हाइवे पर कतार बद्ध चल रहे ट्रैक्टर रैली से किसी भी शहर में जाम की समस्या नहीं बन पाई हाँलाकि हर चौराहे पर पुलिस प्रशासन बड़ी मुस्तैदी से मौजूद था।अन्य बडे वाहनों को पहले ही शहर के दोनों ओर रोक दिया गया था।
हज़ारों की संख्या में चल रहे ट्रैक्टर को देखकर राहगीर भी आश्चर्यचकित थे कहीं कहीं पर राहगीर किसानों की हौंसला अफ़जाई जय जवान जय किसान के नारों से कर रहे थे।ट्रैक्टर पर चल रहे किसान भी ‘काले कानून वापस लो’ का नारा लगा रहे थे।ट्रैक्टर रैली वापस बंडा में शाम 5 बजे जाकर समाप्त हो गयी।शांति पूर्वक चल रही ट्रैक्टर रैली में समाचार लिखे जाने तक किसी अप्रिय घटना की कोई ख़बर नहीं मिली।ट्रैक्टर रैली में किसान यूनियन के नेता मनदीप सिंह, गुरजीत सिंह , करनाल सिंह, गुरमीत सिंह ,जरनैल सिंह ,मक्खन सिंह के साथ हज़ारों किसान शामिल थे।
उधर केंद्र से वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने आज दिल्ली की सभी सीमाओं और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर रैली निकाली हाँलाकि पहले यह कार्यक्रम 6 जनवरी को होना था लेकिन मौसम को देखते हुए इसे एक दिन के लिए आगे बढ़ा दिया गया।नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार के साथ बातचीत के बावजूद हल नहीं निकलने से नाराज किसान अब लंबे वक्त तक प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।किसानों ने कहा है कि यह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर आयोजित किए जाने वाले ट्रैक्टर मार्च का पूर्वाभ्यास है। बता दें कि किसानों और सरकार के बीच आठ जनवरी की आठवें दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले किसानों कृषि कानूनों का विरोध और तेज करने की बात कही है।
भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को कहा कि किसानों को ट्रैक्टर मार्च का आह्वान करने से पहले आठ जनवरी के लिए निर्धारित वार्ता के अगले दौर तक इंतजार करना चाहिए था। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि जब बातचीत चल रही हो तो किसी भी आंदोलन का आह्वान करना सही नहीं है। ट्रैक्टर मार्च के लिए बुलाने से पहले किसानों को केंद्र के साथ आठ जनवरी तक की वार्ता का इंतजार करना चाहिए था। पिछले दो दौर की वार्ता एक सकारात्मक रही है और हम अगले दौर में समाधान को लेकर आशान्वित हैं।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को आंदोलन कर रहे किसानों से विरोध मार्च को शांतिपूर्ण रखने की अपील की और जोर देकर कहा कि सरकार कल एक प्रस्ताव को लेकर आशान्वित है उन्होंने कहा कि जिस तरह कम्युनिस्ट लोग राजनीति के लिए आग में घी डाल रहे हैं। वे नहीं चाहते कि देश में शांति हो। किसानों के प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका जताई है साथ ही केंद्र सरकार से भीड़ को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने करने को कहा।
बुराड़ी में भी किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।गाजियाबाद में भी ट्रैक्टर रैली नोएडा जाकर वहाँ से गाज़ीपुर बॉर्डर वापस आई।प्रशासन ने सभी चीज़ो का वीडियो रिकार्डिंग कराई।
हरियाणा में नूंह में किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए कुंडली-मानेसर-पलवल टोल प्लाज़ा (KMP) पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
गाजीपुर बॉर्डर से किसानों ने ट्रैक्टर रैली शुरू की। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी की तैयारी है।सिंघु बॉर्डर पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च के मद्देनजर बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।
26 जनवरी को किसानों की परेड मार्च में भाग लेने के लिए जींद में एक महिला ट्रैक्टर चलाना सीख रही है। महिला ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली पहुँचेंगे अगर सरकार नहीं मानेगी तो ट्रैक्टर-ट्राली लेकर परेड करेंगे, जिसके लिए हम ट्रेनिंग ले रहे हैं ।हम बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे”
हरियाणा: 26 जनवरी को किसानों की परेड मार्च में भाग लेने के लिए जींद में एक महिला ट्रैक्टर चलाना सीख रही है।
महिला ने कहा, "26 जनवरी को दिल्ली पहुंचेंगे। अगर सरकार नहीं मानेगी तो ट्रैक्टर-ट्राली लेकर परेड करेंगे, जिसके लिए हम ट्रेनिंग ले रहे हैं। हम बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे।" pic.twitter.com/4ANuxkTevg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 7, 2021