मणिपुर में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले में कर्नल त्रिपाठी, उनकी 36 वर्षीय पत्नी अनुजा और पांच वर्षीय बेटे अबीर की भी मौत हो गई।इस पूरे हमले में 7 लोगों की जान गई।
मणिपुर के चुराचांदपुर इलाके में उग्रवादियों ने कायराना हरकत की। शनिवार की सुबह असम राइफल्स की 46वीं बटालियन का काफिला इलाके से गुजर रहा था।तभी एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। इस हमले में आतंकियों ने 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाया। उनके काफिले पर हमला किया गया। जिस समय ये हमला हुआ, उस वक्त कर्नल त्रिपाठी अपने परिवार के साथ लौट रहे थे। आतंकियों के इस हमले में कर्नल त्रिपाठी के अलावा उनकी पत्नी 36 वर्षीय पत्नी अनुजा और पांच वर्षीय बेटे अबीर की भी मौत हो गई। त्रिपाठी परिवार छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का रहने वाला था। इस पूरे हमले में 7 लोगों की जान गई।
शहीद कर्नल विप्लव क जन्म 1980 में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई रायगढ़ में ही हुई। इसके बाद वे पढ़ने के लिए मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल चले गए। साल 2001 में उन्होंने सेना जॉइन की थी। नौकरी करते हुए उन्होंने डिफेंस स्टडीज में एमएससी किया इसके बाद उन्हें प्रमोशन दिया गया और उनकी तैनाती असम राइफल्स में की गई।
कर्नल विप्लव के दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी जोकि संविधान निर्माता समिति के सदस्य थे। वे रायगढ़ के प्रथम मनोनीत सांसद भी नियुक्त हुए थे। शहीद के पिता सुभाष त्रिपाठी एक अखबार के संपादक और रायगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष हैं। इनकी मां पेशे से डॉक्टर हैं और अनाथालय में मुफ्त सेवाएं देती हैं। विप्लव के छोटे भाई अनय त्रिपाठी भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
File photos of Colonel Viplav Tripathi, Commanding Officer of 46 Assam Rifles, his wife and 8-year-old son who lost their lives in a terrorist attack on a convoy of Assam Rifles in Churachandpur, Manipur today pic.twitter.com/g1sbXsEw0c
— ANI (@ANI) November 13, 2021
करीब डेढ़ साल पहले मणिपुर में पोस्टिंग
शहीद कर्नल के मामा राजेश पटनयक ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले विप्लव की पोस्टिंग मणिपुर में हुई थी। उससे पहले वह मेरठ कैंट में थे।करीब एक साल पहले वे अंतिम बार रायगढ़ आए आए थे। मामा ने बताया कि विप्लव बेहद ही शांत और नम्र स्वभाव के थे। कभी-कभी तो लोगों को आश्चर्य होता था कि वे सेना में कैसे चले गए।
दादा से प्रेरणा लेकर सेना में शामिल हुए थे कर्नल त्रिपाठी
कर्नल के रिश्तेदार राजेश पटनायक ने कहा कि विप्लव अपने दादा, एक महान स्वतंत्रता सेनानी से प्रेरणा लेकर, राष्ट्र की सेवा करने के लक्ष्य के साथ भारतीय सेना में शामिल हुए थे। सेना में जाने के लिए उनके पिता जो एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और उनकी माँ एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं उन्हें दोनों ने प्रोत्साहित किया। उन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। हमें उस पर गर्व है।
दरअसल, असम राइफल्स के क्विक एक्शन टीम की टुकड़ी में कमांडिंग अफसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी अपने परिवार के सदस्यों के साथ कैंप में लौट रहे थे। शनिवार सुबह करीब 10 बजे टीम सुंघट इलाके (जो कि म्यांमार सीमा के पास है) से गुजर रही थी, तभी उग्रवादियों ने काफिले को निशाना बनाया। हमले की अभी तक किसी उग्रवादी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
हालांकि हमले के पीछे अलग मणिपुर की मांग करने वाले पीपुल्स रिवोल्युशनरी पार्टी ऑफ कांग्लेईपाक (प्रीपाक) के उग्रवादियों का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है क्योंकि प्रीपाक 12/13 नवंबर को अपना स्मृति दिवस मनाता है।
असम राइफल्स के मुताबिक जवानों और उग्रवादियों के बीच फायरिंग से पहले एक जबर्दस्त आईईडी धमाका हुआ था। दोनों ओर से हुई फायरिंग के बीच कमांडिंग अफसर और तीन त्वरित प्रतिक्रिया टीम के सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई। घायलों को बेहिआंगा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।