भारतीय बहुराष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी कंपनी बायजूस पर बड़ा आरोप लगा है।दिसंबर 2021 में मिली शिकायत के आधार पर हुई जांच के चलते बायजूस के सीईओ को समन भेजा गया गया।कोर्ट में 23 दिसंबर को उनकी पेशी होनी है।
बाईजूस पर आरोप लगाया कि बच्चे के भविष्य को खतरा बताकर माता-पिता को डराया जाता था और बायजूस के सेल्स एग्जीक्यूटिव माता पिता को EMI की बात कहकर आय से अधिक का लोन दिलवा देते थे।
बता दें कि बायजूस का मुख्यालय बैंगलोर में है इसकी स्थापना 2011 में बायजू रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने की थी।
बायजूस के CEO को समन किए जाने पर NCPCR अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बताया कि 2021 की दिसंबर में शिकायत मिली थी कि कम आय वाले बच्चों के माता-पिता के पास बायजूस के सेल्स एग्जीक्यूटिव जाते हैं और EMI बोलकर फाइनेंस कंपनी से माता-पिता के क्षमता से अधिक के लोन दिलवाते हैं।
हमने शिक्षा मंत्रालय, SFIO, RBI को इस मामले से अवगत कराया था और उस समय SFIO ने जांच करने के लिए RBI और कारपोरेट मंत्रालय को लिखा था। शिक्षा मंत्रालय ने भी एडटेक कंपनी के लिए एक विस्तृत सलाह जारी की थी और बायजूस को भी नोटिस जारी किया था।
उन्होंने कहा कि हाल में ही हमने एक रिपोर्ट पढ़ी जिसमें बायजूस के काम करने का तरीका नहीं बदला था जिसके बाद हमने बायजूस के CEO को समन किया है और कमीशन के सामने 23 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा है जिसके बाद हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे।
हमें पता चला है कि यह बच्चों का साइकोमेट्रिक टेस्ट करते हैं और बच्चों के माता-पिता को डराते हैं कि उनके बच्चों का भविष्य खत्म हो चुका है। वे बच्चों को ऐसा नहीं कह सकते। हमें जहां जैसी त्रुटि मिलेगी हम वैसी कार्रवाई करेंगे
हमें पता चला है कि यह बच्चों का साइकोमेट्रिक टेस्ट करते हैं और बच्चों के माता-पिता को डराते हैं कि उनके बच्चों का भविष्य खत्म हो चुका है। वे बच्चों को ऐसा नहीं कह सकते। हमें जहां जैसी त्रुटि मिलेगी हम वैसी कार्रवाई करेंगे: NCPCR अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो (4/4) pic.twitter.com/F8WnBPiyRf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 20, 2022