चक्रवाती तूफान ताउ-ते के बाद अंडमान के उत्तरी भाग और पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक और तक्रवाती तूफान बन रहा है, इसका नाम `यास` है। मौसम विभाग के अनुसार 22 मई शनिवार से ही आंशिक असर के साथ 24 मई तक इसके चक्रवात में बदलने का अनुमान है जो 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट तक पहुंचेगा।
अरब सागर में आये म्यांमार के साइक्लोन ने जहाँ गोआ, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों में उत्पात मचाया वहीं अब खाड़ी मुल्क ओमान का तूफान यास दस्तक देने वाला है। बंगाल की खाड़ी में आने वाले तूफान का नाम ओमान ने यास रखा है जिसका मतलब निराशा है।
ताउ-ते के बाद ‘यास’ की बारी
आर. के. जेनामनी ने कहा अंडमान के उत्तरी भाग और पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक और तक्रवाती तूफान बन रहा है।म्यांमार के चक्रवात ताउते जैसा ताकतवर हुआ तो पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचा सकता है। इसका असर झारखंड पर भी होगा क्योंकि दोनों राज्यों से झारखंड लगा हुआ है।
यास तूफान अलर्ट:
◆ ‘यास’ तूफान को लेकर पीएम मोदी की अहम बैठक
◆ ओडिशा-पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान का अलर्ट
◆ आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु में भी मौसम विभाग का अलर्ट
◆ 26 मई को तटीय इलाकों से टकराने की उम्मीद
◆केंद्र ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राज्य सरकारों के दिये अहम निर्देश
◆चक्रवाती तूफानों का मॉनसून पर खास असर नहीं
◆ताउते का असर हुआ खत्म, यास भी नहीं डालेगा बाधा
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक साइक्लोन में तबदील होकर ये उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है और 23-24 मई को साइक्लोन की शक्ल लेने के बाद ये चक्रवाती तूफान यास 26 मई की शाम को पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुँच सकता है। 27-29 मई के बीच लैंडफॉल का यह कारण बन सकता है।इस दौरान हवा 140-150 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने की अनुमान है।
चक्रवाती तूफान यास के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने तटीय जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है साथ ही इससे निपटने के लिए NDRF ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में टीमों की तैनाती शुरू कर दी है।
तटीय इलाकों में NDRF ने टीमें तैनात चक्रवाती तूफान यास से निपटने के लिए NDRF ने कमर कस ली है। एनडीआरएफ महानिदेशक एसएन प्रधान के मुताबिक पश्चिम बंगाल और ओडिशा में संभावित खतरे वाले क्षेत्रों में टीमें तैनात करना शुरू कर दिया गया है।तूफान यास 26 मई को तट से टकरा सकता है।
इसका असर झारखंड के धनबाद, बोकारो, दुमका, रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, जामताड़ा समेत विभिन्न जिलों में देखने को मिलेगा। सोमवार से अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद चक्रवात से आंधी बारिश हुई तो तापमान में गिरावट आ सकती है।चक्रवाती तूफान ताऊते के बाद अब देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में साइक्लोन यास का खतरा मंडरा रहा है।
केंद्र ने राज्यों को दिए दिशा निर्देश केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं तथा संसाधनों का स्टॉक रखा जाए. जिससे यास तूफान के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
बिहार में दिखेगा असर…
पटना स्थित मौसम विज्ञान के अधिकारियों का कहना है कि स्वाभाविक रूप से इसका असर बिहार के दक्षिण-पूर्वी हिस्से पर पड़ेगा। ओडिशा के करीब होने का असर दिखेगा। वैसे अभी इसकी भयावहता का आकलन किया जा रहा है।
यूपी अलर्ट
◆चक्रवात तूफान यास बदलेगा उत्तर प्रदेश का मौसम
◆ यूपी में यास तूफ़ान के चलते 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी तेज हवाएं
◆यूपी में समय से पहले मानसून नहीं आएगा
◆ यूपी में 20 जून तक मानसून आने की संभावना
ताउते के बाद अब चक्रवात तूफान यास उत्तर प्रदेश का मौसम बदलेगा आने वाले 24 से 48 घंटों में यूपी में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के आसार हैं। मई के इस तरह से बदलते मौसम को देखते हुए लोग कयास लगा रहे हैं कि इस बार मानसून जल्द आएगा लेकिन मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि समय से पहले मानसून नहीं आएगा।
मौसम विभाग का यह है कहना
लखनऊ स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक जे पी गुप्ता ने बताया कि वैसे तो भारत में मानसून पहली जून को केरल के रास्ते आता है मगर इस बार चक्रवातीय तूफान और अन्य सहयोगी मौसमी हालात के मद्देनजर केरल में 29 या 30 मई को मानसून आ सकता है। उत्तर प्रदेश में समय से पहले मानसून के आगमन की सम्भावना से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि समय से पहले मानसून नहीं आएगा। उत्तर प्रदेश में 20 जून तक मानसून आने की सामान्य तारीख है और फिलहाल इसके प्रदेश में समय से पहले सक्रिय होने के आसार नहीं हैं।
यास को लेकर मोदी की अहम बैठक
चक्रवात यास से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज पीएम मोदी ने एक बैठक की जिसमें कई मंत्री और अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में पीएम मोदी ने अधिकारियों से अपतटीय गतिविधियों में शामिल लोगों को समय पर निकालने के लिए कहा है।
पीएमओ ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने 46 टीमों को पहले से तैनात किया है। चक्रवात यासो से निपटने के लिए आज 13 टीमों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यलय ने चक्रवात यास से निपटने की तैयारियों पर कहा कि भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना ने राहत, खोज, बचाव कार्यों के लिए जहाजों, हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है।
गौरतलब है कि अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउ-ते ने गुजराज, महाराष्ट्र, गोवा सहित दमन और दीव में तबाही मचाई. इसका असर असर दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई जिलों में दिखा। आपको बता दें कि MET अहमदाबाद के प्रभारी निदेशक, मनोरमा मोहंती ने कहा, राजस्थान पार करके चक्रवात ‘ताउ-ते’ उत्तर प्रदेश से होते हुए चला गया हाँलाकि बीते दिनों देश के कई राज्यों में इस तूफान ने खूब तबाही मचाई है। तूफान के जाने के बाद भयानक मंजर देखने को मिला है। चक्रवाती तूफान ताउते के कारण गुजरात में कम से कम 13 लोगों की जान चली गई है जिन रास्तों से यह तूफान गुजरा वहाँ अपने निशान छोड़ गया है। कहीं घर तो कही छत्त, कहीं खंभे तो कहीं पेड़ गिरे पड़े हैं।