उत्तर प्रदेश के इटावा में 50 साल की उम्र पार कर चुके अक्षम और भ्रष्टाचार मे शामिल पांच पुलिस वालों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के बाद अब करीब 100 और पुलिस वाले राडार पर हैं. इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन स्तर पर उन पुलिस वालों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाई की जा रही है जो न केवल अक्षम है बल्कि भ्रष्टाचार में भी लिप्त हैं।
तोमर ने बताया है कि 5 पुलिसकर्मियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बाद अब नए सिरे से करीब 100 पुलिसकर्मियों को रडार पर लिया गया है, जिनकी कमेटी के जरिए स्क्रीनिंग की जा रही है. बहुत ही जल्द इन सभी 100 पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के जरिए पुलिस सेवा से मुक्ति दे दी जाएगी.एसपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन की मंशा है कि कार्य में लगातार तेजी बरकरार रहे. जो भी लोक सेवक हैं वह इमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
सिर्फ इतना ही नहीं वह लोग अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य करें इसी के तहत सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस नोटिफिकेशन में स्पष्ट कहा गया है कि 50 वर्ष से ऊपर की उम्र के पुलिसकर्मियों को चिन्हित करना है जो कार्य करने में अक्षम हैं या फिर उनकी कार्यशैली ठीक नहीं।
उन्होंने कहा कि ये सभी पुलिसकर्मी कहीं न कहीं कार्य करने में अक्षम तो हैं ही, बल्कि उनका आचरण पुलिस नियमावली के अनुसार उचित नहीं है. ऐसे सभी पुलिसकर्मियों को इस दायरे में रखा गया है.अनिवार्य सेवानिवृत्ति वाली लिस्ट में शामिल इन पुलिसकर्मियों पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं।
जिनकी विभिन्न स्तर पर गहनता से पड़ताल कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी का सृजन किया गया है जो ऐसे पुलिसकर्मियों का परीक्षण करेगी जो कार्य करने में न केवल अक्षम होंगे बल्कि भ्रष्टाचार के दायरे में आते हैं. पिछले दिनों ऐसे ही 5 पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
बेशक इनमें से कई अनिवार्य सेवानिवृत्ति के इच्छुक नहीं थे लेकिन इसके बावजूद भी स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद ऐसा निर्णय लिया गया है. ऐसे माहौल में पुलिसकर्मियों के बीच में हड़बड़ाहट देखी गई है।