कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश में स्कूल और कॉलेज आगामी 6 फरवरी, 2022 तक बंद रहेंगे। स्कूल और कॉलेज बंद रखने को लेकर अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
अवनीश कुमार अवस्थी की ओर पत्र में कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु ग्रेडेड रिस्पान्स के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए स्कूल और कॉलेज को 6 फरवरी तक के लिए बंद किया गया है। पत्र में कहा गया है कि यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में सभी शैक्षणिक संस्थान अब दिनांक 6 फरवरी 2022 तक बंद रहेंगे परंतु ऑनलाइन क्लासेज यथावत जारी रहेंगी।
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले सोशल मीडिया में 15 फरवरी तक स्कूल बंद रखने की खबर गलत वायरल कर दी गयी है। जिसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने स्पष्टीकरण भी दिया था और जाँच की बात कही थी।
आपको बता दें कि पहले सभी स्कूल 23 जनवरी तक के लिए बंद थे जिसे कोरोना के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने 30 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया था। 7 फरवरी को दोबारा स्कूल खुलने पर यानि ऑफ़लाइन कक्षाएं शुरू होने पर प्रबंधन को स्कूलों के लिए जारी गाइडलाइन का पालन कराना आवश्यक होगा।
इससे पहले गलत खबर हुई थी प्रसारित
आपको बता दें कि इससे पहले सोशल मीडिया में 15 फरवरी तक स्कूल बंद रखने की खबर गलत वायरल कर दी गयी है जिसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया में वायरल 15 फरवरी तक सभी स्कूलों के बन्द करने के आदेश गलत है उन्होंने कहा था कि फर्जी आदेश जारी किये जाने को लेकर जाँच की जा रही है और जाँच कर वैधानिक कारवाई की जायेगी।
आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी सरकार ने पहले ही स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी कर रखी है। इस गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल प्रबंधन बिना अभिभावकों की सहमति के किसी भी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।
इसके साथ ही स्कूल परिसर में सभी लोगों को आवश्यक रूप से मास्क पहनना होगा। स्कूलों को विकल्प के तौर पर ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करानी होगी। यदि स्कूल में किसी को भी जुकाम, बुखार आदि के लक्षण दिखते हैं तो उसे चिकित्सीय सलाह के साथ उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोई भी आयोजन तब ही किया जाए जब उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सकता हो।
स्कूल में अगर कोई प्रार्थना सभा या किसी तरह की खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधि हो रही है तो ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। स्कूलों को रोज सेनेटाइज करना होगा। प्रवेश करते समय शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं की थर्मल स्कैनिंग की जाए। हैंडवॉश और हाथों को सेनेटाइज कराने की व्यवस्था गेट पर ही की जाए।
बता दें कि, देश में कोरोना की तीसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है। साथ ही देश में 15 से 18 साल की उम्र के किशोरों का टीकाकरण भी तेजी से किया जा रहा है। इसी बीच, केंद्र सरकार स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर एडवाइजरी जारी कर सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह से देश भर में स्कूल खोलने के तौर-तरीकों पर सुझाव देने और काम करने को कहा है।
सूत्रों ने कहा, ‘कोविड-19 ने सभी उम्र के बच्चों को प्रभावित किया है। हालांकि, बच्चों में मृत्यु दर और बीमारी की गंभीरता काफी कम है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों के स्कूलों में लौटने का समय आ गया है।’ सूत्रों ने ये भी बताया है कि केंद्र सरकार कोविड प्रोटोकाल के सख्त पालन के तहत स्कूलों को फिर से खोलना चाहती है। हालांकि, यह राज्यों को तय करना होगा कि वे स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं या नहीं।
बता दें कि महाराष्ट्र में स्कूलों को खोला जा चुका है। वहीं, हरियाणा और तमिलनाडु में 1 फरवरी जबकि उत्तराखंड में 31 जनवरी से स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है। हरियाणा में 1 फरवरी से 10वीं से 12वीं तक के सभी स्कूल खोले जाएंगे। झारखंड सरकार भी 31 जनवरी के बाद स्कूलों को खोलने पर फैसला लेगी। मध्य प्रदेश में स्कूलों को खोलने को लेकर 31 जनवरी के बाद फैसला लिया जाएगा। वहीं दिल्ली में फिलहाल स्कूल खोलने पर कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है। बिहार में 06 फरवरी तक के लिए स्कूल बंद कर किए गए हैं।