5 मई 2023 शुक्रवार की रात में 8 बजकर 46 मिनट से मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 2 मिनट तक वैशाख मास की पूर्णिमा को वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है जो फिलहाल भारत में नजर नहीं आएगा। बता दें कि यह चंद्र ग्रहण तुला राशि, स्वाति और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा।
5 मई को लगने वाला यह चंद्रग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा इसकी अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी। इससे पहले इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल माह की 20 तारीख को लगा था।
भारत में न दिखाई पड़ने के कारण इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा।
5 मई शुक्रवार को पड़ने वाली बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार को तकरीबन 4 घंटे की अवधि तक लगेगा।चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है।हालांकि यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सबसे प्रमुख बात यह है कि सूतक काल ना लगने की वजह से भारत में इस दिन मंदिरों के कपाट भी खुले रहेंगे और यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं होगी।
आगामी 5 मई को लगने वाले साल के पहले चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा भारत के नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और पुणे कुछ शहर में देखने को मिलेगा।ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व बताया गया है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से प्रभावित करेगा इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने को कहा जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा ग्रसित हो जाता है जिसका असर हर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर पड़ता है।
तुला राशि, स्वाति और अनुराधा नक्षत्र में लगने वाले इसचंद्र ग्रहण से इस राशि और नक्षत्र वाले लोगों को ज्यादा सावधान रहना होगा। चंद्रग्रहण के प्रभाव से व्यक्ति का हर पक्ष प्रभावित होता है।
चंद्रग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप करना चाहिए
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥
चंद्र ग्रहण के दौरान इन कार्यों को करने से करें परहेज
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक लगने से लेकर ग्रहण के समाप्त होने तक कोई भी शुभ काम करने से परहेज रखना चाहिए। इस दौरान भोजन खाना और पकाना दोनों की मनाही होती है।
चंद्रग्रहण के समय मूर्ति पूजा भी नहीं करनी चाहिए और ना ही शारीरिक संबंध बनाना चाहिए इसके अलावा चंद्रग्रहण के समय तुलसी के पौधे को छूने से परहेज करना चाहिए।
चंद्रग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए और चंद्र ग्रहण के दौरान सोने से बचना चाहिए। कहा जाता है कि ग्रहणकाल में गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की धारदार वस्तु जैसे चाकू, कैंची, सुई आदि का उपयोग करने से बचना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
ग्रहण लगने के दौरान सूतक आरंभ होने से पहले गर्भवती महिलाओं को अपने पास एक नारियल रख लेना चाहिए। नारियल रखने के पीछे ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर नहीं पड़ता।चंद्र ग्रहण की समाप्ति के तुरंत बाद गर्भवती महिलाओं को स्नान कर लेना चाहिए।