लखीमपुर खीरी कांड हो या किसानों की समस्या हर बार भाजपा की राह में सांसद वरुण गांधी कठिनाईयां खड़ी कर रहे हैं।
जब भी यूपी में भाजपा किसी बड़ी समस्या में फंसी दिखती है तो वरुण पार्टी की परेशानियों को कम करने के बजाए बीते कुछ समय से उसे बढ़ाते ही दिखाई पड़ते हैं जिसके बाद यह सवाल खड़ा होता है कि हैसियत कम होने और विरोधी होने के बावजूद भी वरुण गांधी और मेनका गांधी भाजपा में क्यों जमे हुए हैं?
भाजपा के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी पर जोरदार हमला किया है। बता दें कि पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी अकसर भाजपा को अपने सवालों से घेरते रहते हैं।
इस बार उन्होंने बैंक और रेलवे के निजीकरण पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए ट्वीट किया उन्होंने कहा आज जब कर्ज के बोझ तले दब कर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे हैं, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है।
वरुण गांधी ने ट्वीट किया, ‘केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा।
समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।
सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।
केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा।
समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।
सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 22, 2022
• वरुण गांधी ने केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसे भ्रष्टाचार के खिलाफ “मजबूत सरकार” से “मजबूत कार्रवाई” की उम्मीद है। वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा..
विजय माल्या: 9000 करोड़
नीरव मोदी: 14000 करोड़
ऋषि अग्रवाल: 23000 करोड़
आज जब कर्ज के बोझ तले दब कर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे हैं, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है।
इस महा भ्रष्ट व्यवस्था पर एक ‘मजबूत सरकार’ से ‘मजबूत कार्यवाही’ की अपेक्षा की जाती है।
विजय माल्या: 9000 करोड़
नीरव मोदी: 14000 करोड़
ऋषि अग्रवाल: 23000 करोड़
आज जब कर्ज के बोझ तले दब कर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे हैं, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है।
इस महा भ्रष्ट व्यवस्था पर एक ‘मजबूत सरकार’ से ‘मजबूत कार्यवाही’ की अपेक्षा की जाती है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 18, 2022
उन्होंने कहा कि अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखते वक्त पुरुष का आत्मसम्मान भी गिरवी हो जाता है। किसी भी हिंदुस्तानी का जेवर या मकान गिरवी रखना अंतिम विकल्प होता है। महामारी और मंहगाई की दोहरी मार झेल रहे आम भारतीयों को यह असंवेदनशीलता अंदर तक तोड़ देगी। क्या यही नए भारत के निर्माण की परिकल्पना है?
अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखते वक्त पुरुष का आत्मसम्मान भी गिरवी हो जाता है। किसी भी हिंदुस्तानी का जेवर या मकान गिरवी रखना अंतिम विकल्प होता है।
महामारी और मंहगाई की दोहरी मार झेल रहे आम भारतीयों को यह असंवेदनशीलता अंदर तक तोड़ देगी।
क्या यही नए भारत के निर्माण की परिकल्पना है? pic.twitter.com/EuCUQ7XuPQ
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 14, 2022
विपक्ष भी इन्हीं मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रहा है। चौथे चरण के मतदान के बीच उनके ट्वीट विपक्ष को भाजपा पर हमला करने की मजबूती प्रदान करेंगे।