परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने शासन को 20 से 25 जनवरी के बीच यूपी टीईटी परीक्षा कराने का प्रस्ताव भेजा है। इसमें 23 जनवरी को रविवार है ऐसे में अनुमान है कि परीक्षा (रविवार) 23 जनवरी 2022 को आयोजित की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद रद की गई परीक्षा की नई परीक्षा तिथि अभी घोषित नहीं हुई लेकिन तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। इस बार नकल विहीन परीक्षा कराना उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव की प्राथमिकता है।
परीक्षा केंद्र से पेपर लीक होने से रोकने के लिए परीक्षार्थियों के पहुँचने के बाद प्रश्नपत्र का पैकेट खोलने की व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके तहत परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा पहले गेट बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में परीक्षार्थियों को केंद्र पर आधा घंटा पहले पहुँचना अनिवार्य होगा।
बोर्ड ने जानकारी दी है कि पेपर लीक की संभावनाओं को खत्म करने के लिए क्वेश्चन पेपर इस बार दूसरे राज्य से प्रिंट कराए जाएंगे और सॉल्वर की मदद से पेपर हल करने की संभावनाएं भी खत्म की जाएंगी।
● प्रश्न पत्र और OMR शीट एक अलग लिफाफे में अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे जिससे पहले से पेपर देखा न जा सके।
●ऐसी उम्मीद भी है कि परीक्षा के लिए नये एडमिट कार्ड भी जारी किए जाएं
● परीक्षा केंद्रों को दोबारा चेक किया जाएगा और कुछ एग्जाम सेंटर्स में बदलाव भी किया जा सकता है।
● इसके साथ ही परीक्षा ज्यादा कड़ाई के साथ आयोजित की जाएगी और कोरोना सावधानियों का पालन भी अनिवार्य है।
निष्पक्ष परीक्षा संपन्न कराना नए सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के लिए चुनौती है। वह प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी से लेकर परीक्षा केंद्र तक से पर्चा आउट होने से रोकने के लिए नई व्यवस्था बनाने में जुटे हैैं।
इस बार परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा पहले न पहुँचने वाले अभ्यर्थियों को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। गेट बंद कराने के बाद प्रश्नपत्र का बंडल खुलवाया जाएगा क्योंकि केंद्र से पर्चा आउट होने की घटनाएं पर्चा खुलने के बाद तक अभ्यर्थियों के आते रहने से होती हैैं। इसके साथ ही एजेंसी चयन, प्रश्नपत्र को कोषागार तक पहुंचाए जाने की व्यवस्था को भी परखा जा रहा है। परीक्षा केंद्रों में भी बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी है।
15 फीसदी तक कम हो जाएंगे यूपीटीईटी के परीक्षा केंद्र
टीईटी केंद्रों के परीक्षण और पुनर्निर्धारण के बाद केंद्रों की संख्या में 15 प्रतिशत तक कमी होने की उम्मीद जताई जा रही है। शासन ने डीएम को निर्देशित किया है कि वह अपने स्तर से केंद्रों का परीक्षण करा लें। अच्छी ख्याति के स्कूलों को ही केंद्र बनाया जाए। 28 नवंबर की परीक्षा के लिए जो केंद्र बनाए गए थे, उनमें काफी संख्या में वित्तविहीन स्कूलों को जिम्मेदारी दे दी गई थी।
ग़ौरतलब है कि सबसे पहले 15 मार्च 2021 को यूपी टेट परीक्षा के लिए एग्जाम शेड्यूल जारी किया गया। इसके मुताबिक मई 2021 में नोटिफिकेशन जारी किया जाना था और आवेदन की प्रक्रिया 18 मई से शुरू होकर 1 जून तक चलनी थी। इसके बाद जुलाई 2021 में 25 तारीख को परीक्षा का आयोजन किया जाना था लेकिन मार्च में एग्जाम शेड्यूल जारी होने के कुछ दिनों बाद ही कोरोना ने एक बार फिर से ऐसी रफ्तार पकड़ ली कि यूपी टेट परीक्षा को स्थगित करना पड़ा।
पीलीभीत भाजपा सांसद ने सरकार पर कसा था तंज
विपक्ष के साथ साथ भाजपा सांसद ने भी पेपर लीक मामले पर सरकार को घेरा था। पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर सरकार से सवाल किया थे। वरुण ने अपने ट्वीट पर लिखा है कि ‘यूपीटीईटी पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्रवाई से काम नहीं चलेगा, राजनैतिक संरक्षक प्राप्त शिक्षा माफियाओं पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि अधिकांश शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूखदार हैं, इनपर कार्रवाई कब होगी?’