उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया वर्तमान में गतिमान है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के द्वारा ऐसे शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के जांच के आदेश दिए गए है जिन्होंने स्थानांतरण आवेदन में भारांक हेतु असाध्य्य रोग और दिव्यांगता के लिए चिकित्सीय प्रमाण पत्र लगाएं हैं। UP teachers transfer: ट्रांसफर के लिए किए गए आवेदन में संशोधन करने के लिए अपनानी होगी यह प्रक्रिया, पढ़िए विस्तार से
वहीं दूसरी ओर महिला शिक्षकों के भारांक और चिकित्सीय प्रमाण पत्रों के भारांक के कारण मेरिट सूची में स्थान ना बना पाने वाले शिक्षकों ने अभी जनपदों के जिलाधिकारियों को चिकित्सीय प्रमाण पत्रों की सघन जांच कराने के लिए ज्ञापन सौंपने की बात कही है।
चिकित्सीय प्रमाणपत्रों की सघन जांच से संबंधित सोशल मीडिया पर शिक्षकों के बीच एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है जिसमें लिखा गया है कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण फार्म भरने वाले सभी जनपदों के आवेदनकर्ताओं कृपया ध्यान दें कि असाध्य्य रोग फर्जी प्रमाण पत्र वालों की तादत बहुत बड़े पैमाने हो गई है जो कि 90% फर्जी हैं। यूपी टीचर्स ट्रांसफर: ट्रांसफर में चल रहा असाध्य रोग स्कैम, पीड़ित शिक्षक सभी जनपदों के डीएम को देंगे ज्ञापन
वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि केवल लखीमपुर जनपद से 171 असाध्य रोग प्रमाण पत्र वालों की सूची जारी की गयी है जिसमें पुरुष आवेदकों की संख्या सबसे अधिक है। अगर 17/06/2023 से पहले प्रत्येक जनपद में सभी महिलाओं और पुरुष आवेदकों द्वारा अपने कार्यरत जनपद के बीएसए और जिलाधिकारी को ज्ञापन नही दिया गया तो 70% सीट पर इन्ही का कब्जा रहेगा ।
अतः आप सभी लोग आज ही 10 बजे के बाद अपने कार्यरत जनपद के बीएसए और जिलाधिकारी को अवश्य ज्ञापन दें जिससे लखीमपुर, ललितपुर जनपद की तरह असाध्य रोग प्रमाण पत्र वालों की जांच उनको बुलाकर मेडिकल समिति बनाकर की जाए और जो लोग फर्जी मिलें उनका आवेदन आज ही रिजेक्ट कर दिया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाय।
अगर लिस्ट में ये आ गए तो मेरिट प्रभावित होगी और ये बाहर नही हो पायेंगे। अगर इनकी एंट्री 50% प्रत्येक जनपद में हो गयी तो आपके चयन होने के बावजूद भी आपको मनचाहा ब्लॉक और स्कूल नही मिलेंगे। क्योंकि इनकी एंट्री व्यापक तौर पर सभी जनपदों में हो गई है। 37 पॉइंट से नीचे वाले भी नही ले पाएंगे ट्रांसफर इनकी वजह से।
नोट: एनपीआर मीडिया वायरल मैसेज में किए गए दावे की पुष्टि नहीं करता।