निर्धारित वेटेज के साथ जानिए क्या है टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी? न्यायालय के कई पूर्व आदेशों के विपरीत है ट्रांसफर पॉलिसी
अश्वनी कुमार : बेसिक शिक्षकों के स्थानांतरण नीति 2023में सबसे बड़ा दोष यह है कि नीति निर्धारण के बाद हितधारकों के सुझाव/आपत्तियां नही मांगी गई । संसद में बिल लाने के पूर्व सरकार अखबारों में विज्ञप्ति जारी कर जन सामान्य के सुझाव आमंत्रित करती है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने एक तरह से नीति को थोप दिया है ।
गत वर्ष की स्थानांतरण नीति में सेना और अर्धसैनिक बलों में कार्यरत सैनिकों के परिजनों को सर्वोच्च वरीयता प्रदान की गई थी अर्थात जिस जनपद में वे स्थानांतरण चाहेंगे उन्हें वही सेवा का अवसर दिया जाएगा। ऐसा किया जाना बिल्कुल उचित था क्योंकि सैनिक असाधारण स्थितियों में काम करते है । इस बार की नीति में उन्हें सभी के बराबर 10 अंकों का अधिभार प्रदान किया गया है ।
दूसरा सबसे बड़ा दोष है वरीयता को महत्व न दिया जाना । इस नीति में 14 साल से एक ही जनपद में कार्य कर रहे शिक्षक स्थानातरण नही पा पाएंगे और 2 साल पहले सेवा में आए शिक्षक भाराँक के आधार पर स्थानांतरण पा जायेंगे । उच्च न्यायालय कई मामलों में स्पष्ट कर चुका है कि अधिभार का महत्व तभी है जब आधार सामान हो। वेटेज के आधार पर कोई मेरिट में सबसे ऊपर नही पहुंच सकता ।
अनौपचारिक अनुदेशकों को शिक्षामित्र पद पर भर्ती में सर्वोच्च वरीयता दिए जाने के विभाग के निर्णय को उच्च न्यायालय ने बदल दिया था।
एक ही जनपद में पति- पत्नी को सेवा करने का अवसर तभी मिलेगा जब वे सरकारी सेवा में कार्यरत हो। जिन शिक्षक -शिक्षिकाओं के पति/पत्नियां निजी क्षेत्र में सेवायोजित हैं , क्या उनको अपने परिवार के साथ रहने का अधिकार नही है ?
महिला शिक्षामित्रों- अनुदेशकों को 6 माह का प्रसूति अवकाश दिए जाने का उच्च न्यायालय का निर्णय इस बात का द्योतक है कि सरकार अपने नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती।
राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त प्रदेश के योग्यतम शिक्षकों को मात्र 3 और 5 अंक का भारांक देय है जबकि असाध्य रोग के कारण 20 अंकों का भारांक समझ से परे है। यह अधिकतम 5 अंक का होना चाहिए।ध्यान रहे अपारदर्शी नीति सदैव कुछ लोगों का भला करती है और कदाचार को बढ़ावा देती है ।
दिए गए विचार लेखक के निजी विचार है।लेखक अश्वनी कुमार उच्च प्राथमिक विद्यालय शाहजहांपुर के पुवायां ब्लॉक में तैनात हैं।
NPR टुडे की रिपोर्ट…
बता दें कि बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए सरकार ने नीति जारी कर दी है। इस बार इस इस नीति से महिला शिक्षकों की तबादलों की राह आसान होगी क्योंकि पहले जहां उनको पूर्व नीति के तहत 5 अंक का वेटेज दिया जाता था वहीं इस नई नीति के तहत उनको 10 अंक का वेटेज दिया जा रहा है।
टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-
* जिले में स्वीकृत शिक्षक पदों के सापेक्ष 30 अप्रैल 2023 तक कार्यरत शिक्षकों की संख्या के 10% की अधिकतम सीमा तक ही स्थानांतरण होंगे।
* आपसी सहमति से स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षक अर्थात म्यूच्यूअल ट्रांसफर लेने वाले शिक्षकों को सामान्य अंतरजनपदीय तबादलों का लाभ नहीं दिया जाएगा।
* यूपी टीचर्स ट्रांसफर के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को कम से कम एक और अधिकतम 7 विद्यालयों का विकल्प भरना होगा।
* स्थानांतरण आने वाले ऐसे शिक्षक जो भारांक के साथ असाध्य रोग की स्थिति में तय चिकित्सा संस्थानों का सीएमओ से प्रतिहस्ताक्षरित प्रमाण पत्र संलग्न करेंगे।निरीक्षण के उपरांत प्रमाण पत्र सही पाए जाने पर केवल उनको लाभ मिलेगा।
* टीचर्स ट्रांसफर के लिए शिक्षकों द्वारा किए गए ऑनलाइन आवेदन पत्रों का सत्यापन जिला स्तर पर गठित समिति करेगी।
* एक से अधिक शिक्षकों के अंक समान होने पर नियुक्ति तिथि के आधार पर और नियुक्ति तिथि समान होने पर अधिक आयु वाले शिक्षक को वरीयता मिलेगी।
* टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी के तहत शिक्षकों के स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्त करने और कार्यभार ग्रहण करने की कार्यवाही शैक्षिक सत्र के दौरान ने होकर ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश में की जाएगी।
टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी में निर्धारित वेटेज?
टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार शिक्षकों को कई विशेष श्रेणियों में अलग-अलग वेटेज देने की व्यवस्था दी गई है। वेटेज इस प्रकार देय है…
* शिक्षकों द्वारा की गई सेवा के प्रत्येक वर्ष पूरा करने पर 1 अंक और अधिकतम 15 अंक।
* दिव्यांग टीचर्स के लिए अधिकतम 10 अंक।
* असाध्य या गंभीर रोग से ग्रसित टीचर्स के लिए 20 अंक।
* शिक्षक-शिक्षिका जिनके पति या पत्नी भारत सरकार की नौकरी में हैं या बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन हैं, ऐसे टीचर्स को अधिकतम 10 अंक।
* सिंगल पेरेंट 10 अंक।
* महिला अध्यापिका अधिकतम 10 अंक।
* राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक 5 अंक।
* राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक 3 अंक।