UP for UP, UP for India, UP for the World’ की परिकल्पना से वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला होगा राज्य
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने एवं प्रदेश के आय-व्यय के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सीएम ने कहा ने कहा कि प्रदेश की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य के साथ प्रदेश के लिए ‘UP for UP, UP for India, UP for the World’ की परिकल्पना करते हुए अब समय उत्तर प्रदेश का है। UPCM: टीचर्स की कमी वाले बेसिक स्कूलों में कक्षा की मॉनिटरिंग के साथ ऑनलाइन माध्यम से होगी पढ़ाई, घर घर जाकर चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाना हमारा मिशन है। अधिकारी इसके लिए कोर सेक्टर्स पर फोकस करें।
कृषि, विनिर्माण, धार्मिक पर्यटन और IT & ITES हमारे कोर सेक्टर्स हैं। इसके अलावा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, शिक्षा, खाद्य प्रसंस्करण, MSME आदि सेक्टर्स पर भी विशेष फोकस करने की आवश्यकता है।
सीएम योगी द्वारा बैठक में लिए गए आवश्यक निर्देश
वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के साथ ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीति का मानक बनेगा।
प्रदेश की क्षमता के अनुरूप सेक्टरवार अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तय करते हुए इस बड़े लक्ष्य की प्राप्ति हेतु 05 वर्ष की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
MSME सेक्टर के लिए बड़े स्तर पर योजना
हर क्षेत्र की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होगा। किसी भी प्रकार की Pendency कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में MSME की 96 लाख यूनिट्स का बेस है। प्रदेश की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए MSME सेक्टर में बड़े स्तर पर योजना बनाने की आवश्यकता है।
यूपी में 54 लाख आवास गरीबों के लिए हुए निर्मित
प्रदेश में 54 लाख आवास गरीबों के लिए निर्मित कराए गए हैं। जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन की तर्ज पर ही प्रत्येक प्रकार के निर्माण कार्यों का रजिस्ट्रेशन अवश्य कराएं। इसके लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाए। शहर और गांवों में होने वाले हर निर्माण कार्य का डाटा हमारे पास होना चाहिए। रजिस्टर्ड निर्माण कार्यों के दौरान या बाद में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसके लिए बीमा की व्यवस्था की जाए।
इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रत्येक निर्माण का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। साथ ही, यह भी ध्यान रखा जाए कि कोई भी निर्माण कार्य बंजर और अनुपजाऊ भूमि पर ही होना चाहिए। निर्माण कार्य कृषि योग्य भूमि पर न होने पाए।
यूपी के सभी जिलों की GDP की विश्वविद्यालय स्तर पर होगी स्टडी
प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां जनपदों की GDP को जारी करने का कार्य हुआ है।कोविड कालखंड में यह कार्य रुका, जिसे पुनः शुरू कराया जाए। सभी जनपदों के विभिन्न संसाधनों से होने वाले आय-व्यय के डाटा के साथ जिलों की GDP को प्रकाशित कराया जाए। यह डाटा विभिन्न विश्वविद्यालय को भी स्टडी के लिए भेजा जाए।
व्यापारियों को ट्रांसपेरेंट व्यवस्था देते हुए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में होंगे सुधार के प्रयास
प्रत्येक विभाग आय अर्जित करने के लिए अपने संसाधनों का पूरा-पूरा उपयोग करें। व्यापारियों को ट्रांसपेरेंट व्यवस्था देते हुए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में और अधिक सुधार के प्रयास होने चाहिए।
व्यवस्था को इतना पारदर्शी बनाया जाए कि प्रदेश में व्यापार कर रहे और व्यापार करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यापारी या उद्यमी के मन में किसी प्रकार की कोई आशंका न रहे।
पर्यटकों के सटीक आकलन के साथ तैयार हो मैकेनिज्म
आज प्रदेश में पर्यटन उद्योग से लाखों लोग जुड़े हुए हैं। इस सेक्टर में 24% से ज्यादा का ग्रोथ हुआ है।
प्रदेश का कोई ऐसा पर्यटन स्थल नहीं है, जहां एक भी होटल, गेस्ट हाउस खाली हो। प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का सटीक आकलन करें, इसके लिए मैकेनिज्म को तैयार किया जाए। जरूरत हो तो AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए।
सर्वाधिक शिक्षक प्रदान करने वाला राज्य है यूपी
उत्तर प्रदेश देश को सबसे अधिक शिक्षक प्रदान करने वाला राज्य रहा है। विद्यालय खोलना हमारे यहां पवित्र कार्य माना जाता रहा है।
महामना मदन मोहन मालवीय जी, बाबा राघवदास जी, महंत दिग्विजयनाथ जी जैसे महापुरुषों ने शिक्षण को पवित्र कार्य मानते हुए बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों का निर्माण कराया है। प्रदेश को शिक्षा के हब के रूप में स्थापित करना होगा।