जिस तरह अच्छी हवा अच्छा खानपान किसी भी इंसान के सेहतमंद रहने के लिए जरूरी होता है उसी प्रकार आपकी हंसी भी आपको स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है। अगर आप सुबह-शाम हँसने की आदत डाल लें तो कोई भी बीमारी, चाहे मानसिक हो या शारीरिक आपके पास भी नहीं आएगी।
भले ही सोशल मीडिया जानकारियों के आदान-प्रदान का सबसे बेहतरीन जरिया हो लेकिन हाल फ़िलहाल आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे मैसेज की जो कि शिक्षकों से जुड़ा है और बेहद ही हास्यासपद है।शिक्षकों से जुड़ा यह मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है।जिसको ख़ुद शिक्षक ही शेयर कर रहे हैं।
जहाँ शिक्षकों को स्कूलों में शिक्षण कार्य के अलावा स्कूली कार्य के ही दर्जनों ऐसे कार्य निपटाने पड़ते है जो कि स्कूल से जुड़े होते ही नहीं।चुनावी ड्यूटी हो,पल्स पोलियो,जनगणना हो या BLO ड्यूटी या फ़िर अन्य कोई भी ड्यूटी, सब समय रहते करनी पड़ती है। अभी पिछले साल कोरोना काल में हुए पंचायत चुनाव हो या कोरोना से जुड़े कोई भी कार्य जैसे एप डाउनलोड कराना, गांवों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम या फ़िर किसी भी सरकारी कार्य में शिक्षकों की गैरशैक्षणिक ड्यूटी हो,सब की सब करनी पड़ती है।ऐसी स्थिति में सैकड़ों शिक्षक काल के गाल में भी समाए लेकिन शिक्षक किसी भी देशहित के कार्य को करने के लिए पीछे नहीं हटे।ऐसी ही मिलीजुली परिस्थितियों का सामना करने की अतिरिक्त ताकत को लेकर सोशल मीडिया पर जो कहानी वायरल हो रही है बड़ी ही हास्यास्पद है साथ ही यह कहानी अपने पीछे एक मैसेज भी छोड़ रही है कि आख़िर हर बार शिक्षक ही क्यों…
आइये पढ़े सोशल मीडिया पर घूम रही कहानी इस प्रकार है…
पौराणिक कथाओं में शिक्षक का विभिन्न स्थानों पर ड्यूटी करने का उल्लेख प्राप्त होता है । ऐसा बताया जाता है कि जब देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे तो उसकी देख रेख के लिए भी एक शिक्षक को वहां ड्यूटी पर लगाया गया था । आखिरकार अमृत निकला और सब देवताओं ने अमृत पी लिया । अमृत पी कर वह खाली लोटा हैडक्वार्टर पर जमा करवाने के लिए शिक्षक को दे दिया । लोगों ने ख़ाली लोटा शिक्षक के पास देखा तो उन्हें लगा कि इस लोटे का सारा अमृत शिक्षक ने पी लिया है । तब से हर जगह , हर हालात में शिक्षक को अजर और अमर मान कर उसकी ड्यूटी लगाई जाती है ।