अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी ने उत्तर प्रदेश के समस्त जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को देश के चंद्रयान-3 मिशन के सम्बन्ध में पत्र भेजा है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से जारी सर्कुलर में सभी प्राचार्यों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों से छात्र- छात्राओं और शिक्षकों के साथ शाम 5.15 बजे से 6.15 बजे तक विशेष सभा करायें। सीधा प्रसारण में सम्मिलित होने के लिए विद्यालयों को जरूरी निर्देश जारी करें।
अपर परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण की खोज चंद्रयान-3 मिशन के साथ एक उल्लेखनीय मील के पत्थर तक पहुँच गई है, जो चन्द्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। यह भारतीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उक्त के क्रम में अपर सचिव स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अवगत कराया गया है कि दिनांक 23 अगस्त, 2023 को अपराहन 05:27 बजे चंद्रयान-3 का चन्द्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण ISRO Website (https://www.isro.gov.in/) एवं ISRO का आधिकारिक YouTube Channel और DD National पर किया जायेगा।
Mission Chandrayaan 3: उत्तर प्रदेश में 23 अगस्त को शाम को एक घंटे के लिए यूपी के समस्त परिषदीय स्कूलों को खोला जाएगा। परिषदीय स्कूलों को शाम को खोलने के पीछे का मकसद चन्द्रयान-3 की लैंडिंग को प्रदेश के स्कूली बच्चे टीवी या यूट्यूब चैनल पर सीधे प्रसारण के माध्यम से दिखाना है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से मिले निर्देश के बाद सीएम योगी ने इसके लिए स्कूलों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
भारत के चंद्रयान-3 की उतरना एक यादगार अवसर है जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ावा देगा बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए एक जुनून भी जगायेगा। इससे गर्व और एकता की गहरी भावना पैदा होगी क्योंकि हम सामूहिक रूप से भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति का उत्सव मनायेंगे।
बच्चों को चंद्रयान-3 मिशन का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए 23 अगस्त को शाम 5:15 से 6:15 तक स्कूलों को खोलने के लिए कहा गया है। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने का लाइव प्रसारण बच्चों को दिखाया जाएगा।भारत के माननीय प्रधान मंत्री जी इन महत्वपूर्ण क्षणों के अवसर पर राष्ट्र के साथ सम्मिलित होंगे और राष्ट्र को सम्बोधित भी करेंगे।
आखिरी 15 मिनट सबसे बड़ी परीक्षा की घड़ी इसरो के मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर उतारने के लिए आखिरी 15 मिनट बेहद महत्वपूर्ण और रोमांचक होंगे। इसरो के मुताबिक, विक्रम लगभग 1.68 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चांद पर उतरने की कोशिश करेगा।
कहा गया कि कृपया प्रदेश के सभी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के साथ सायं 05:15 से 06:15 बजे विशेष सभा आयोजित करायें और चन्द्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने के सीधे प्रसारण में सम्मिलित होने हेतु विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को आवश्यक निर्देश निर्गत करने का कष्ट करें तथा प्रसारण को दिखाने हेतु आवश्यक व्यवस्था भी सुनिश्चित करें।
दूसरी ओर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर विरोध जताया है। संघ द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि परिषदीय विद्यालयों में अवकाश अवधि में विद्यालय खोलना एक सामान्य प्रक्रिया होती जा रही है।
सरकारी गतिविधियों का संसाधन विहीन विद्यालयों में सीधे प्रसारण की व्यवस्था करना एक फैशन का रूप लेता जा रहा है। कोई यह भी नहीं पूछता कि विद्यालयों में सीधा प्रसारण कैसे दिखाओगे जहां न तो टी०वी० है, न प्रोजेक्टर, न इनवर्टर, न इन सबको ताकने हेतु कोई चौकीदार। 23 अगस्त को चन्द्रयान-3 की लैण्डिंग / प्रधानमंत्री के सम्बोधन का परिषदीय विद्यालयों में शाम को 6 बजे के बाद तक सीधा प्रसारण की व्यवस्था पूरी तरह से अव्यावहारिक है जिससे शिक्षकों में आक्रोश है। एसोसिएशन को निम्नांकित कारणों से इस अव्यावहारिक आदेश पर आपत्ति है-
1. प्रातः 8 बजे के विद्यालय में शिक्षक / शिक्षिकाएं सुबह 6-7 बजे घर से निकलते हैं और दूर दराज के विद्यालयों में शाम 6.30 बजे तक रुकना व्यावहारिक नहीं है खासतौर से महिलाओं के लिए।
2. घर जाने के बाद छात्र /छात्राओं को फिर से सायं 5 बजे विद्यालय बुलाना आसान कार्य नहीं है।
3. शाम 6 बजे के बाद दूर दराज के गांवों से शहर की ओर सार्वजनिक वाहन नहीं मिलते हैं। महिला शिक्षिकाओं हेतु उस दिन शाम को विद्यालय से शहर की ओर सार्वजनिक आवागमन की व्यवस्था की जाय।
4. चन्द्रयान-3 के सीधे प्रसारण हेतु टी०वी०/एल०सी०डी० प्रोजेक्टर व पावर बैकअप चाहिए ,जो विद्यालयों में उपलब्ध नहीं है।
5. अक्सर अवकाश अवधि में विद्यालय खुलवा दिए जाते हैं लेकिन उसका कोई प्रतिकर अवकाश नहीं स्वीकृत नहीं किया जाता है।