प्रयागराज उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच में हुई पिछली सुनवाई के दौरान रिक्त 6170 पदों को जिस तरह अंदरखाने ज़मींदोज़ किया गया यह पद उतनी आसानी से ज़मींदोज़ होने वाले है नहीं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2011 में निकली 72825 शिक्षक भर्ती के रिक्त 6170 पदों पर जब तक सरकार या कोर्ट द्वारा फैसला नहीं हो जाता तब तक इन पदों को किसी भी अन्य भर्ती में जोड़ा नहीं जा सकता या यह कहिये कि इन पदों को लेकर जब तक कोर्ट द्वारा कोई भी अंतिम फैसला नहीं हो जाता ये पद 2011 टी ई टी पास अभ्यर्थियों के लिए संजीवनी रहेंगे।
अंत तक हार न मानने वाले अचयनित अभ्यर्थियों ने और भी कमर कस ली और रिक्त 6170 पर नियुक्ति के प्रथम हक़ के साथ प्रयागराज कोर्ट की डबल बेंच में दस्तज देकर सरकार के ख़िलाफ़ अपने मंसूबे जगज़ाहिर कर दिए ।
आपको बता दें कि अचयनित अभ्यर्थी याचियों के जत्थे के साथ आज 23 सितम्बर को होने वाली डबल बेंच की सुनवाई के दौरान कोर्ट में ही उपस्थित रहेंगे। याचियों का कहना है कि सरकार इन 6170 पदों पर नियुक्ति का पटाक्षेप तब तक नहीं कर सकती जब तक ख़ुद के द्वारा कोर्ट में दिए गए झूठे हलफ़नामे को स्वीकार नहीं कर लेती।
यहाँ आप सभी को यह जानना भी ज़रूरी है कि अभ्यर्थियों की नियुक्ति न करने की मंशा से अगर सरकार ने यह झूठा हलफनामा कोर्ट में न दिया होता तो अचयनित अब से तीन साल पहले इन 6170 पदों पर नियुक्ति मिल गयी होती।
अब जानिए क्यों पुनर्जीवित होंगे रिक्त 6170 पद?
● रिक्त 6170 पदों पर कोर्ट ने दिया था आदेश, जो अभी तक नहीं हुआ पूरा।
● किसी भी भर्ती में नहीं जुड़े ये रिक्त 6170 पद, RTI से मिली ये जानकारी
● पूर्व में कोर्ट कर चुकी है नियुक्ति का आदेश
● सरकार के झूठे हलफ़नामे से फंस गया था नियुक्ति में पेंच
● झूठे हलफ़नामे पर कोर्ट ने यूपी सरकार को दिया था नोटिस
● पिछले 2 वर्षों में सरकार ने कोर्ट में दाखिल नहीं किया हलफनामा
● याचियों के अधिवक्ता को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बुलाने का नहीं दिया कोई नोटिस
● अंतिम सुनवाई में याचियों के अधिवक्ता की नहीं हुई बहस
●कोर्ट ने सरकार से भी नहीं मांगा पहले का हलफनामा
●पुरानी याचिका में नई याचिका को एक साथ जोड़ना न्यायसंगत नहीं
●बिना बहस आनन फानन में पिछली सुनवाई में रिक्त 6170 पदों की याचिका कर दी ख़ारिज़
● अंतिम सुनवाई तक कोर्ट में दाखिल नहीं हुआ था सरकार का ज़बाब
●आधारहीन तथ्यों पर ख़ारिज़ हुई थी याचिका