प्रयागराज : एडेड माध्यमिक कॉलेजों की प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती 2020 में नियमित शिक्षक बनने की होड़ में तदर्थ शिक्षक शामिल हैं। अधिकांश शिक्षक प्रदेश के मध्य व पूरब के जिलों में ही तैनात हैं। उनमें से छह जिले ऐसे हैं जहां संख्या सबसे अधिक है। यह दावा शासन की ओर से शीर्ष कोर्ट में दाखिल हलफनामे किया है। उसमें वर्ष 2000 से 2019 तक तदर्थ शिक्षकों की कुल संख्या 2,534 ही दी गई है, जबकि संख्या इससे काफी अधिक है, क्योंकि यह संख्या उन शिक्षकों की है जिनकी पत्रवलियां कोषागार में संरक्षित की गई हैं।
इन जिलों में तदर्थ शिक्षक
सुलतानपुर, आंबेडकर नगर, अमेठी, अयोध्या, आजमगढ़, प्रतापगढ़, गोंडा, बस्ती, जौनपुर, वाराणसी, श्रवस्ती, बहराइच, मऊ, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, प्रयागराज, बलरामपुर, संतकबीर नगर व बाराबंकी। छह जिलों में कुल संख्या के आधे से अधिक तदर्थ शिक्षकों के होने का दावा किया गया है।
2000 से पहले वाले असमंजस में
शासन का दावा है कि वर्ष 2000 से पहले जिन शिक्षकों को एडेड कालेजों में तदर्थ रूप में तैनाती दी गई थी उन्हें विनियमित किया जा चुका है इसीलिए उसके बाद की संख्या दी गई है। ऐसे भी तमाम शिक्षक हैं जिन्हें नियुक्ति वर्ष 2000 से पहले मिली लेकिन विनियमित नहीं है। अब वे आवेदन करें या नहीं इसको लेकर असमंजस है।
2000 के पहले के भी तदर्थ शिक्षक अब तक विनियमित नहीं
चयन बोर्ड की टीजीटी भर्ती में विज्ञान व गणित चार हजार पद
चयन बोर्ड की टीजीटी भर्ती में विज्ञान व गणित में करीब चार हजार पद हैं। इसमें अर्हता ऐसी है कि बीएससी गणित वर्ग से करने वालों की चांदी है। वह दोनों पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, वहीं बायो वर्ग से बीएससी करने वाले दोनों में दावेदारी नहीं कर सकते। पहले चर्चा थी कि चयन बोर्ड विज्ञान एक व दो के तहत भर्ती निकालेगा लेकिन, वह गलत साबित हुआ।