बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रतापगढ़ के कार्यालय में बडे पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार के सम्बंध में उत्तर प्रदेशीय शिक्षा संघ ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर शिकायत की है। संगठन ने पत्र में कहा है कि शिक्षकों के लंबित देयकों के साथ किसी भी प्रकार के भुगतान के लिए शिक्षकों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाता है ऐसा लगता है कि BSA द्वारा भ्रष्ट कर्मचारियों को संरक्षण प्राप्त है जो कि जांच का विषय है।
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शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा है कि जनपद प्रतापगढ़ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से समस्त बेसिक शिक्षकों के वेतन भुगतान देयकों एवं विद्यालय की आवश्यकताओं की पूर्ति करने की व्यवस्था है मगर ये सारी व्यवस्थाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी हैं। संघ ने कहा कि BSA कार्यालय में भ्रष्टाचार की कहानी गढ़ने के लिए विकास खण्ड बाबा बेलखरनाथ धाम के लिपिक धर्मेन्द्र कुमार को विशेष तौर पर नियुक्त किया गया है जिसके द्वारा शिक्षकों के समस्त देयकों को चढ़ावा देकर लंबित भुगतान किया जाता है।
ऐसा संभव है कि BSA द्वारा संरक्षण प्राप्त लिपिक जानबूझकर नियुक्ति के 2 से 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी नव-नियुक्त शिक्षकों को अवशेष वेतन का भुगतान नहीं कर रहे और न ही शैक्षिक कागजातों के सत्यापन होने के बाद नवनियुक्त शिक्षकों के एरियर का भुगतान कर रहे हैं जबकि नियमावली के अनुसार यदि नव – नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति के एक वर्ष के भीतर यदि सत्यापन नहीं हो पाता है तो शपथ पत्र लेकर अवशेष वेतन का भुगतान कर दिया जाता है।
चयन वेतनमान व पाल्यों का समायोजन भी रोका
संघ ने जिलाधिकारी को अवगत कराया है कि विगत 03 माह से शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के चयन वेतनमान की पत्रावली भी उत्कोच की प्रत्याशा में अनावश्यक रूप से रोकी गयी है इसके अलावा कोरोना काल के दौरान मृत शिक्षकों के पाल्य को अभी तक सभी शर्ते पूर्ण करने के बावजूद भी सेवायोजित नहीं किया गया है।
संघ ने प्रतापगढ़ जिलाधिकारी के समक्ष निवेदन किया है कि BSA कार्यालय से सम्बध्द लिपिक धर्मेन्द्र कुमार का संबद्धीकरण निरस्त करके उपर्युक्त मार्गों पर यथाशीघ्र कार्यवाही हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेशित करने की कृपा करें।