यूपी टीचर ट्रांसफर पॉलिसी के तहत निर्गत तबादला सूची पर टीचर्स के द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इससे पहले भी शासन द्वारा निर्गत तबादला सूची को कटघरे में खड़ा करते हुए शिक्षकों ने सवालिया निशान लगाए थे और तो और शिक्षक तबादला सूची को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा करते कर रहे हैं। म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए पोर्टल अपडेट करने का सचिव ने दिया आदेश, कमी रह जाने पर बीएसए होंगे जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश के अधीन प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक यूपी टीचर ट्रांसफर (अंतर्जनपदीय स्थानांतरण ) में शासन द्वारा निर्गत की गई तबादला सूची के बाद आपस में ही कई धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं। शिक्षक संगठन भी इन सभी शिक्षकों का समर्थन अलग-अलग प्लेटफार्म पर कर रहे हैं।
* वेटेज कैंसिल होने वाले शिक्षकों का पहला धड़ा
तबादला सूची निर्गत होने के बाद सबसे अधिक पीड़ा वेटेज कैंसिल होने वाले शिक्षकों की है। जिन शिक्षकों का वेटेज कैंसिल हुआ है अधिकतर ऐसे शिक्षकों की पति/पत्नी (स्पाउस) बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा अन्य सरकारी नौकरियों में हैं। बता दें कि वेटेज कैंसिल होने वाले शिक्षक अपनी लड़ाई के लिए कोर्ट पहुंच चुके हैं और अन्य कई पीड़ित शिक्षक कोर्ट पहुंचने की तैयारी में लगे हैं। यूपी: शिक्षकों के अवकाश के मानकों में फेरबदल, एफिडेविड सम्बन्धी व्यवस्था समाप्त
इन विभागों में कार्यरत पति पत्नी (स्पाउस) के वेटेज हुए कैंसिल
बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एलआईसी,आर्यावर्त ग्रामीण बैंक, UPPCL, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, एडेड कॉलेज, वायुसेना, BSNL, माध्यमिक शिक्षा विभाग , राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, FCI, IGL, HAL, IOCL, BPCL, EIL, कोल इंडिया , CBI, पोस्ट ऑफिस आदि सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं।
* 69000 शिक्षक भर्ती की महिलाओं के कार्यमुक्त वाला शिक्षकों का दूसरा धड़ा
दूसरी ओर कोर्ट के आदेश के चलते सचिव द्वारा दिए गए 1 जुलाई के आदेश के बाद 69000 शिक्षक भर्ती में स्थानांतरित हुई महिला शिक्षकों को कार्यमुक्त होने से रोक दिया गया। सचिव के इस आदेश के बाद हजारों महिलाओं ने अपनी मांगों को रखते हुए ट्वीटर पर अभियान चलाया। अब आगामी 10 जुलाई को सभी महिला शिक्षक लखनऊ में धरने की तैयारी कर रही हैं। हाईकोर्ट के आदेश से वंचित शिक्षक पुनः हाईकोर्ट की शरण में जाने को तैयार हैं।
* ट्रांसफर में हुई रिक्त सीटों में दूसरी तबादला सूची के लिए दावा ठोक रहा है शिक्षकों का तीसरा धड़ा
69000 शिक्षक भर्ती की महिलाओं के स्थानांतरण रुकने, वेटेज और आवेदन कैंसिल होने के बाद शिक्षकों के रिक्त सीटों पर दूसरी तबादला सूची जारी करने के लिए तीसरे धड़े के शिक्षक अपना दावा ठोक रहे हैं और ट्वीटर के माध्यम से आवाज उठा रहे हैं। ऐसे शिक्षकों का कहना है कि जिनके भी ट्रांसफर किसी भी वजह से रुक गए हैं तो उससे रिक्त हुई सीटों पर तबादला की दूसरी सूची निकालकर मेरिट के अनुसार उससे नीचे बचे शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएं। एक 69000 शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षक ने कहा कि यह शिक्षकों का वो धड़ा है जो आपदा में अवसर खोजने में लगा हुआ है।
दूसरी ओर इस समूह में शामिल शिक्षकों का कहना है कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के समय ट्रांसफर न लेने के लिए शपथ पत्र लिया गया था फिर भी इन लोगों के स्थानांतरण हो गया इसलिए 69000 बैच के शिक्षकों को सूची से निकालकर प्रतीक्षा सूची निकाली जाए और मेरिट में आने वाले टीचर्स का स्थानांतरण किया जाए।
* बैच वाइज ट्रांसफर के लिए बना शिक्षकों का चौथा धड़ा
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद शिक्षकों का चौथा धड़ा भी बनकर तैयार हो गया है इस धड़े में ऐसे शिक्षक शामिल हैं जो वर्तमान टीचर ट्रांसफर पॉलिसी को चैलेंज करते हुए बैच वाइज ट्रांसफर करने की मांग सीएम योगी से कर रहे हैं। और वर्तमान यूपी टीचर पॉलिसी को चैलेंज करने के लिए कोर्ट जाने की तैयारी में है। ऐसे शिक्षक अधिकतर पुरुष वर्ग से हैं और 72825 भर्ती के हैं हालांकि इसमें 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती के पुरुष वर्ग के टीचर समर्थन कर रहे हैं।
इन शिक्षकों ने बैच वाइस ट्रांसफर का समर्थन करते हुए सीएम योगी को पत्र लिखकर सरकारी सेवारत को सीनियरिटी (वरिष्ठता) आधार पर गृह जनपद अथवा निकटवर्ती जनपद में अंतर्जनपदीय ट्रांसफर का लाभ देने की मांग की है। इसके अलावा उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व मा०) शिक्षक संघ ने डीजी महानिदेशक को अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण के अन्तर्गत द्वितीय सूची निर्गत करने के सम्बंध में पत्र लिखा है।
शिक्षक संघ द्वारा पत्र में लिखा गया है कि बेसिक शिक्षकों की अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया गतिमान है। स्थानांतरण प्रक्रिया में भारांक से संबंधित दावे निरस्त होने के कारण बड़ी संख्या में निर्धारित कोटा के सापेक्ष स्थानांतरण की सीट रिक्त रह जाने की सम्भावना है। अतः आपसे विनम्र आग्रह है, कि उक्त रिक्त सीटों को भरने के लिए द्वितीय अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण सूची प्रकाशित करने करने का कष्ट करें।
बिना वेटेज वाले शिक्षकों का पांचवा धड़ा
इस समूह में ऐसे शिक्षक शामिल है जो बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा अलग-अलग विभागों में भी पहले एक बार ट्रांसफर ले चुके हैं और अलग-अलग जनपद में कार्यरत हैं। शिक्षकों का कहना है कि हमारा परिवार जनपद में अलग-अलग रहने के कारण विभाजित है। गृह जनपद के अलावा इच्छित जनपद में स्थानांतरण ले चुकी महिला शिक्षकों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे शिक्षकों को कहना है कि क्या विवाहित महिला एक बार ट्रांसफर ले ले तो आजीवन दंड का पात्र बनी रहेगी। आजीवन कारावास भी 14 वर्ष का होता हैं। अब क्या ट्रांसफर लेना आजीवन कारावास से भी भयंकर जुर्म हैं। इन्हीं पक्षों को लेकर शिक्षकों का यह धड़ा कोर्ट जाने को तैयार बैठा है।
पति-पत्नी एक ही जनपद वाले शिक्षकों का छठा धड़ा
इस वर्ग में ऐसे पति-पत्नी शिक्षक शामिल है जो एक ही जनपद में होते हुए तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर नौकरी में कार्यरत है ऐसे शिक्षकों का कहना है की एक जनपद में होते हुए भी हम अपने परिवार से दूर हैं विभाग को चाहिए कि ऐसे शिक्षकों को एक ही ब्लॉक आवंटित किया जाए जिससे वह अपने परिवार के साथ रह सके वरना ट्रांसफर का कोई फायदा नहीं यदि ऐसा नहीं होता है तो कोर्ट के द्वारा ऐसा करवाया जाएगा।
पुरुष महिला टीचर्स पर आश्रित माता-पिता वाला सातवा धड़ा
सातवें धड़े में ऐसे शिक्षकों का समूह शामिल है जिसमें अविवाहित पुरुष या महिला शिक्षक आते है जिनमें एकल संतान का हवाला देते हुए शिक्षकों का कहना है कि ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी उठाने वाला और कोई नहीं ऐसी स्थिति बुजुर्ग माता पिता के साथ होने पर उनकी देखभाल कौन करेगा जाहिर है शासन और प्रशासन ने अपनी पॉलिसी निर्धारण में इस बार ऐसा क्यों किया यह तो समझ के परे है लेकिन ये बिल्कुल भी नैतिक और सही नहीं ठहराया जा सकता। शासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए नहीं तो कोर्ट द्वारा इस समस्या के निस्तारण कराया जाएगा।
प्राइवेट काम करते हुए महिला शिक्षकों के पतियों बाला आठवा धड़ा
इस समूह में अधिकतर ऐसी महिलाएं शामिल है जिनके पति सरकारी नौकरी में नहीं है और जिनको किसी प्रकार का कोई पति के जनपद या पति के कार्यस्थल वाला वेटेज नहीं दिया जाता। इस समूह में शामिल महिलाओं का कहना है क्या सरकारी नौकरी वाले पति से हमारी शादी नहीं हुई तो क्या हमारा ट्रांसफर हमारे पति के जनपद यह कार्यरत जनपद में वेटज के अनुसार नहीं होगा।
इसके अलावा सीनियरिटी बेसिस, वेटेज विरोधी टीचर्स, दूसरे ट्रांसफर की इच्छा रखने वाले शिक्षक, तलाक के बाद पुनः विवाहित टीचर्स आदि और भी शिक्षक तमाम समूह में बंटे हुए हैं।
गौरतलब है कि शिक्षकों द्वारा लगाए गए गंभीर और असाध्य रोग के प्रमाणपत्रों में प्राथमिक स्तर पर कमियां पाई गई थी जिसके बाद हर जिले में सीडीओ की अगुआई में गठित कमेटी द्वारा हुई जांच के बाद श्रावस्ती में 38, बहराइच में 55 शिक्षक, शाहजहांपुर में 23 शिक्षकों को ,रामपुर में 3 शिक्षकों को अपात्र पाया गया।
वहीं अब इन शिक्षकों पर विभागीय कार्यवाही की तलवार लटक गई है।बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि गलत दस्तावेजों को लगाकर वेटेज लेने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी।