हाल ही में BSA और पत्रकार के बीच वार्ता के वायरल ऑडियो के चलते अब पत्रकारों ने सिद्धार्थनगर के BSA की ख़िलाफ़ राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है जिसके बाद शिक्षक भी एकजुट होकर BSA के समर्थन में उतर आए हैं।
सिद्धार्थनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी से पत्रकार द्वारा की जा रही शिक्षकों की शिकायत वार्ता का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है जिसके बाद पत्रकारों ने संगठित होकर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है।पत्रकारों द्वारा दिया गया ज्ञापन भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद तमाम शिक्षक सिद्धार्थनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
पत्रकारों द्वारा जिलाधिकारी को दिए गए राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि दैनिक अवध 24 न्यूज के पत्रकार के साथ अभद्रता की गई जिससे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थनगर को अविलम्ब बर्खास्त कर हटाया जाए साथ ही BSA सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने के साथ बताएं कि पत्रकार स्कूल में जा सकते हैं या नहीं।
ज्ञापन में झलक रही है अपरिपक्वता
● पत्रकारों द्वारा दिये गए ज्ञापन को देखने से ही पता चलता है कि ये ज्ञापन किसी अप्रशिक्षित और अपरिपक्व व्यक्ति के द्वारा लिखा गया है जिसमें शब्दों के चयन और वाक्य की सटीकता ही ग़लत है।ज्ञापन की लाइन कि ” 24 अवध दैनिक न्यूज़ के पत्रकार के साथ किया गया अभद्रता के सम्बंध में मांग निम्न प्रकार है” पूर्णतया वाक्य अशुद्धि से सराबोर है।
● दूसरा दिया गया ज्ञापन किसी भी संघ के रजिस्टर्ड लेटर हैड पर नहीं है जिससे इनके फर्जी होने का पता चलता है
● ज्ञापन में कहीं भी उस पत्रकार के नाम का उल्लेख नहीं है जिसकी वार्ता का ऑडियो वायरल हुआ।
● इससे पता चलता है कि पत्रकार संघ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले शक्ति स्तम्भ का ग़लत इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।NPR समाचार पोर्टल सम्बंधित पत्रकारों की इस प्रतिक्रिया की निंदा करता है।
जानिए फोन रिकॉर्डिंग के नियम
सबसे बड़ी बात किसी इंसान की बातचीत को रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता है। यह गैरकानूनी है क्योंकि संविधान के तहत एक इंसान को मिले निजता के अधिकार का यह उल्लंघन है अगर आप कॉल रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल किसी अवैध उद्देश्य के लिए करते हैं या फ़िर निजी लाभ के लिए करते हैं तो हाँ आप कानून के तहत उत्तरदायी होंगे।ऐसे रिकॉर्डिंग पर भी टेलीफोन कानून लागू होंगे किसी के संदेश का खुलासा करना या सार्वजनिक रूप से कॉल करना या आपकी कॉल या संदेश को सार्वजनिक रूप से उजागर करना संविधान के अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन करता है।आपको बता दें कि यदि आप अपने मोबाइल पर अपनी कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो यह अवैध नहीं है।मगर किसी कानूनी प्रक्रिया में रिकॉर्डिंग से यदि मदद मिलती है जो इसका उपयोग किया जा सकता है।
पत्रकारों द्वारा दिये गए इस विज्ञापन के बाद शिक्षक मुखर हो गए और उन्होंने BSA सिद्धार्थनगर का समर्थन करते हुए पत्रकारों की कड़ी आलोचना की। दर्जनों शिक्षकों ने समर्थन पर सोशल मीडिया पर कड़क कमेंट किये ।आइये जानते हैं कि किसने क्या कहा…
हरि भूषण सिंह ने लिखा कि ये सब पावर की बात है । शिक्षक के हाथ में भी जब पुलिस राजस्व RTO इन्कम टैक्स जैसी पावर हाथ मे दे दी जाये न !
तो पत्रकार ” भूत पिशाच निकट नही आवै , महावीर जब नाम सुनावै , का उद्घोष करते नजर आयेंगे।
संदीप कुमार मिश्रा ने लिखा कि पूछ लो पोत्रकारो से जैसे स्कूल पहुँचकर शिक्षकों की उपस्थिति,एम डी एम पंजिका,बच्चो की गुणवत्ता का निरीक्षण करने पहुच जाते है।कभी पुलिस थानों पर जाकर भी अपराध रजिस्टर,जांच कार्यवाही का निरीक्षण करके दिखाए।
केपी सिंह कौशिक ने लिखा कि यह मुद्दा पूरे प्रदेश में उठने चाहिए । जितने चवन्नी वाले हैं सब दबाव बनाते हैं।
दिलीप कुमार यादव ने लिखा कि बी एस ए सर ने बहुत अच्छा किया पत्रकारों का पोल खोल दिया
प्रवेंद्र कुमार ने लिखा कि अधिकारी हमारे साथ तो,हम अधिकारी के साथ।
UK ने लिखा कि ये दलाल पत्रकार हैं इनके ख़िलाफ़ एक्शन लिया जाना चाहिए।
आलोक तिवारी ने लिखा कि पत्रकार महोदय लोग धन ऐंठने के लिए विद्यालयों में जाते हैं।
अरविंद कुमार ने लिखा कि दलाल पत्रकार केवल पैसा कमाने के चक्कर में रहते हैं।
सुधीर वर्मा ने लिखा कि सरकारी तंत्र पर नाजायज दबाव।
प्रखर नरेश ने लिखा कि बीएसए साहब की विजय होगी। इसीलिए समस्त बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारीगण को दलालों से मुक्त कार्यालय रखना चाहिए।
जीतू उपाध्याय ने लिखा कि They are not journalist, they are dalal, Salute BSA sahab.
टीकम सिंह राठौर ने लिखा कि
बीएसए साहब ने सही किया
निरीक्षण कार्य का अधिकार तो निरीक्षण अधिकारी के पास ही रहना चाहिए।
मनोज कुमार ने लिखा कि शिक्षक संघों को आदरणीय bsa साहब के समर्थन में उतरना चाहिए नही तो फिर कभी कोई bsa शिक्षक हित की बात नही करेगा ।
संतोष यादव ने लिखा कि बीएसए साहब का भरपूर समर्थन करिए क्या गलत कह दिया उन्होंने उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सही कहा है।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर सूरज सरोज, अंशुल, सैय्यद अशफ़ाक़, मुकुल मिश्रा, सुबोध नरायन चंद, सत्यपाल उपाध्याय, संतोष राव, अभय सिंह, आशुतोष सिंह तोमर, पंकज प्रताप सिंह, भानु प्रताप सिंह, कविता सिंह सूर्यवंशी व हिमांशु शर्मा आदि शिक्षकों ने
#support_to_BSA_Siddharthnagar का हैश टैग चलाकर सिद्धार्थनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी का समर्थन किया है।