उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की सूची प्रकाशित हो गई जिसके तहत कुल 16,614 ट्रांसफर में 12,267 महिला और एवं 4,337 पुरुष शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया।
शासन द्वारा स्थानांतरण सूची के प्रकाशन के बाद तबादला का लाभ न ले पाने वाले शिक्षकों ने तबादला सूची पर धांधली के आरोप लगाए। इसी के चलते सोशल मीडिया पर टीचर्स के बीच तबादला सूची चर्चा का विषय बन गई है। यूपी बेसिक विभाग में चल रही चर्चित मुहिम, राज्य अध्यापक पुरस्कार 2022 हेतु शिक्षकों से मांगे गए आवेदन
सोशल मीडिया पर शिक्षकों के द्वारा अपने-अपने वे की सूचना का आदान प्रदान किया गया और यह पता लगाने की कोशिश की गई कि किस टीचर का तबादला कितने वेटेज पर किस जनपद में हुआ। कई हाई मेरिट की वेटेज शिक्षकों ने आरोप लगाया के हाई मेरिट होने के बावजूद इच्छित जनपद में ट्रांसफर नहीं हुआ।
वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया के ट्वीटर प्लेटफार्म पर शिक्षकों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को ट्वीट करते हुए तबादला सूची में हुए घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच करने की मांग की। यूपी टीचर ट्रांसफर: नहीं आई तबादला सूची, रात भर शिक्षकों ने किया इंतजार, हुए मायूस
पंकज पराशर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यूपी के बेसिक स्कूलों में शिक्षकों के तबादलों में बड़ा घोटाला हुआ है। जिन जिलों में जीरो वेकेंसी थीं, वहां चोरी-छिपे तबादले कर दिए हैं। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ में तबादले कैसे हुए, जब इन ज़िलों के लिए आवेदन ही नहीं मांगे थे सीएम @myogiadityanath का पारदर्शी फार्मूला फेल।
तबादलों का आधार नहीं बताया गया है। मेरिट लगाई जानी थी, जो नहीं लगाई गई है। बेसिक शिक्षा मंत्री @thisissanjubjp के ज़िले अलीगढ़ में भी बड़ी गड़बड़ियां हुई हैं। एनसीआर के जिलों में आने के लिए बोली लगी हैं।प्रमुख सचिव दीपक कुमार के काम और छवि पर भी सवाल खड़ा हो गया है। यूपी टीचर ट्रांसफर: तबादला सूची जारी होने की बाट जोह रहे शिक्षक, 4 बार सत्यापन की बढ़ चुकी है डेट
तबादलों का आधार नहीं बताया गया है। मेरिट लगाई जानी थी, जो नहीं लगाई गई है। बेसिक शिक्षा मंत्री @thisissanjubjp के ज़िले अलीगढ़ में भी बड़ी गड़बड़ियां हुई हैं। एनसीआर के जिलों में आने के लिए बोली लगी हैं।प्रमुख सचिव दीपक कुमार के काम और छवि पर भी सवाल खड़ा हो गया है।
— Pankaj Parashar (@PANKAJPARASHAR_) June 27, 2023
सतीश तिवारी ने लिखा कि कोई मेरिट या कोई भारांक कुछ भी नहीं दिखाई दिया केवल जिसका हो गया है उसकी मेरिट लगा दी गई। बाकी का कुछ अता पता नहीं सब भगवान भरोसे। जिसका लाइजन उसका काम हो गया बाकी जो कोई कहीं से भी मेडिकल या कोई डॉक्यूमेंट लगा दिया उसका हो गया जिसका नॉर्मल है उसका कुछ अता पता नही।
अनिल पंडित ने लिखा कि भाई साहब मेरी भाँजी 6 साल से सहारनपुर मे है लाख प्रयास के बाद भी अपने जिले मे ट्रांसफर नही हो पाया , 6 बार लखनऊ के चक्कर काट लिये,,कोई सुनने वाला नही है सब झूठ बोलते हैं।अधिकारियों की नीति भगवान ही जाने।
वाई पी पांडे ने लिखा कि क्या पारदर्शिता की यही परिभाषा है जहां के लिए आवेदन ही न लिये गये हो उन जिलों में भी तबादला?हर जनपद के गुणांक को चस्पा कराया जाय कम गुणांक का तबादला अधिक का क्यों नहीं?
प्रेम सिंह चौहान ने लिखा कि जिन जनपदों में स्थान नहीं है वहाँ पर स्थानान्तरण कैसे।वैभव गोयल ने लिखा कि यूपी के अफसर सरकार और सरकार के मुखिया का रोज दिन निकलते ही बेफकुफ बनाकर ” मेरा घर सबसे मजबूत ” वाले नारे पर काम कर रहे हैं जी।
एडवोकेट अनिल ने लिखा कि Transfer of Employees in All Deptt. is a Big business ie.these Transfers are not without Corruption Money collection & All Ministry & so called Politicians play this game. Why our @myogiadityanath Ji & Other Politicians & silent? So dream of Modi Ji failed ie. CorruptionFreeIndia”
रामपुर के UPPSS जिला मंत्री चरण सिंह ने लिखा कि प्रदेश की जनता को लगातार भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण प्रदान करने का प्रयास कर रही उत्तर प्रदेश सरकार के राज में इतना बड़ा घोटाला कैसे हो गया सरकार को उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए नहीं तो जनता का विश्वास उठ जाएगा जीरो टॉलरेंस की नीति से।
अरविंद शुक्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सरकार को इसकी जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी कर देना चाहिए। सुबोध कुमार ने लिखा कि यह दोमुही सरकार है। इस सरकार में भ्रष्टाचार भी कानूनी है। इसलिए हम सबको जोर से बोलना चाहिए, Thank you Modi ji.
जेपी सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हर किसी को भ्रष्टाचार करना है चाहे मन्त्री हो या अधिकारी, मुख्यमन्त्री अकेला क्या करे । समीर दीक्षित ने लिखा कि सर, कानपुर में भी वेकेंसी जीरो थी. पर 81 टीचर आ गए।
राजेश कुमार ने लिखा कि सर जी हमारे शहर लखनऊ में भी कोई पद नही था फिर भी साठ से ज्यादा लोग विभिन्न जनपद से कैसे आये मैं साथ में लिस्ट भी भेज रहा हूँ।प्रीति नाम की यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वरिष्ठता को ताक पर रख कर फर्जी दिव्यांग और असाध्य का सर्टिफिकेट लगाने वाले निकल गए….
ए कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बेहतर होगा कि इस ट्रांसफ़र को शून्य मान लिया जाय.. एक कमेटी बनाकर नए सिरे से ट्रांसफ़र किया जाय.. लोग फ़र्जी मेडिकल प्रमाण पत्र जमा किए है, यह भी आरोप है @myogiadityanath जी, यह बड़ा ट्रांसफ़र है. किसी रिटायर्ड आईएएस की अध्यक्षता में जांच करा दीजिए तो वास्तविकता सामने आ जाएगी।
रोहित चौधरी ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि एक असाध्य का 27 नंबर पर कासगंज नही हुआ same जिले से पर 17 नम्बर वाले का हो गया क्या घपला है।