उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में शासन द्वारा निर्गत तबादला सूची के बाद उस वक्त शिक्षकों के बीच रोष फैल गया जब बेसिक विभाग के अलावा अन्य विभागों में नौकरी करने वाले अधिकतर पति पत्नी वेटेज वाले शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हुआ।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया 2018 और 2020 में दो बार संपन्न हो चुकी है जिसमें 8 आकांक्षी जिलों को छोड़कर सभी जिला से स्थानांतरण किए गए थे।शिक्षकों का कहना था कि आकांक्षी जिला से मात्र 10 फीसदी का तबादला किया गया।
शिक्षकों पर गरजे डीजी शिक्षक
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की तबादला सूची निर्गत होने के बाद स्थानांतरित न हो पाने वाले जहां एक ओर शिक्षकों में मायूसी छा गई वहीं वेटेज कैंसिल होने वाले सैकड़ों की संख्या में डीजी शिक्षा महानिदेशक से मिले शिक्षकों को फटकार खानी पड़ी।
निजी वजहों के चलते ट्रांसफर ना होने की स्थिति में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक जब स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद से मिलने जैसे ही उनके कार्यालय पहुंचे डीजी शिक्षा शिक्षकों को देख कर भड़क गए।
शिक्षक ट्रांसफर संबंधित समस्या महानिदेशक के सामने रख पाते उससे पहले ही महानिदेशक ने फटकार लगाते हुए कहा कि सब के सब यहां रोज ट्रांसफर के लिए चले आ रहे हो। तुम सबके लिए क्या पूरा जनपद शिक्षकों से खाली कर दें ? महानिदेशक यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि आपने अपने विद्यालय के बच्चों को निपुण कर दिया क्या…? आप अभी लोग शिक्षक संदर्शिका से पढ़ाते हो कि नहीं?…
शिक्षकों से पूछे गए इन तमाम सवालों के बीच शिक्षक डरे सहमे चेहरा लटका कर मायूसी से खड़े रहे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के कक्ष में यही सवाल शुक्रवार पूर्वाह्न करीब साढ़े दस बजे से गूंज रहे थे।
गौरतलब है कि अंतर्जनपदीय तबादले की मांग को लेकर आए इन सभी शिक्षकों पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद पहले तो खूब आग बबूला होते हुए फटकार लगाई लेकिन कुछ देर बाद जब वो शांत हुए तो कुछ देर बाद उपस्थित शिक्षकों की समस्याओं को भी सुना और निस्तारण पर विचार करने का आश्वासन दिया। यूपी टीचर ट्रांसफर: 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित टीचर्स को कार्यमुक्त करने पर लगी रोक, सचिव ने दिया आदेश
स्थानांतरण की सीमा 10 फ़ीसदी से बढ़ाकर 20 फ़ीसदी कराने की शिक्षकों ने की थी मांग
यूपी टीचर ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत 26 जून 2023 को शिक्षकों की तबादला सूची जारी होने के बाद शिक्षकों को निदेशालय में मांग पत्र लेकर जाने का सिलसिला लगा हुआ है।सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों को देख डीजी शिक्षा बहुत नाराज हो गए। डीजी शिक्षा ने शिक्षकों से कहा कि जब प्रक्रिया पूरी हो गई तो फिर वह परेशान क्यों हो रहे हैं? अपने अपने विद्यालयों को निपुण बनाने पर ध्यान केंद्रित क्यों नहीं कर रहे है। UP teachers transfer: निलंबित टीचर्स को भी मिलेगा अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ: सचिव प्रताप सिंह बघेल
गौरतलब है कि यूपी के जनपद सोनभद्र, फहतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली आदि जनपदों से सैकड़ों की संख्या में टीचर्स वर्तमान में चल रही अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया में आकांक्षी जनपदों से स्थानांतरण की 10 % की सीमा को बढ़ाकर 20% कराने की मांग को लेकर महानिदेशक विजय किरण आंनद से मिलने पहुंचे थे।
शिक्षकों को डरा सहमा देख नरम पड़े महानिदेशक
सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों का हुजूम देखकर आग बबूला हुए महानिदेशक ने डरे सहमे खड़े शिक्षकों के चेहरे देखे तो वह कुछ नरम हुए बाद में उन्होंने शिक्षकों से कहा के सभी अपनी अपनी समस्या बताएं।महानिदेशक से मिलने पहुंचे महिला शिक्षकों प्रज्ञा शुक्ला, सोनल गेरा, प्रतिभा त्रिपाठी, साधना सिंह, आराधना मिश्रा, सशी मिश्रा, सुषमा, प्रतिमा पांडेय, ममता मिश्रा आदि ने अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया में आकांक्षी जनपदों से 10 की बजाय 20% स्थानांतरण करने की मांग की।
रामराज गुप्ता, रत्नेश पाल, प्रदीप पाल, आसिफ खान, सुभाष पांडेय आदि शिक्षकों ने कहा कि इससे पहले 2018 और 2020 में संपन्न हुई दो बार की ट्रांसफर प्रक्रिया में आठ आकांक्षी जिलों को छोड़कर सभी जिला से स्थानांतरण किए गए थे। शिक्षकों का कहना था कि आकांक्षी जिलों से मात्र 10 % शिक्षकों का तबादला हुआ लेकिन अन्य जिलों से तीन बार में करीब 40% शिक्षक यह लाभ ले चुके हैं।
ट्रांसफर पॉलिसी और भारांक को लेकर शिक्षकों ने जताई नाराजगी
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के तहत ट्रांसफर पॉलिसी के चलते स्थानांतरित ना होने वाले शिक्षकों ने भारांक को लेकर नाराजगी जताई। शिक्षकों ने कहा इस बार 10 फीसदी ट्रांसफर हुए भी तो टीचर्स के लिए वेटेज गलत तरीके से दिए गए। इस बार एक वर्ष की सर्विस के लिए एक अंक निर्धारित किया गया जबकि असाध्य रोगियों के लिए 20 अंक और सरकारी सेवा में पति या पत्नी का वेटेज 10 अंक का दिया गया। और तो और महिलाओ के 5 अंकों को बढ़ाकर 10 अंक कर दिया गया। यूपी बेसिक विभाग में चल रही चर्चित मुहिम, राज्य अध्यापक पुरस्कार 2022 हेतु शिक्षकों से मांगे गए आवेदन
महिला शिक्षकों ने आरोप लगाया कि इस बार वास्तव में विशेष लोगों के लिए विशेष ट्रांसफर हुए हैं। ऐसी किसी भी महिला टीचर्स का स्थानांतरण नहीं हुआ है जिनके पति बेरोजगार, किसान, व्यापारी या फिर किसी प्राइवेट नौकरी में हैं।
शिक्षकों ने एनपीआर मीडिया से कहा कि भारांक के अव्यवहारिक व्यवस्था के कारण 69 हजार शिक्षक भर्ती में आई दो साल वाली महिलाओं का तबादला हो गया लेकिन आठ या इससे अधिक साल सेवा देने वाले टीचर्स मूक दर्शक बने रह गए।
सरकारी नौकरी वाले पति से शादी करने वाली महिलाएं दो साल में ही हुई स्थानांतरित
यूपी टीचर ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार 12 साल से कार्यरत पुरुष शिक्षकों को मात्र 12 अंक मिले वहीं समान सेवा वाली महिला शिक्षकों का भारांक 22 हो गया। इसी तरह 69 हजार शिक्षक भर्ती में आई महिला शिक्षकों की सेवा भले ही दो साल हुई है लेकिन उनके पति यदि सरकारी सेवा में हैं तो उनका वेटेज भी 22 बन गया। कहने का मतलब है कि दो साल सेवा वाली महिलाएं 11 साल की सेवा दे चुकी महिला से पहले स्थानांतरित हो गईं।
कुल स्थानांतरित हुए 16614 टीचर्स में 6880 को मिला पति की सरकारी नौकरी का लाभ
उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का यूपी टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी के तहत कुल 45,914 टीचर्स ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। शासन द्वारा निर्गत की गई ट्रांसफर लिस्ट में 16,614 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का स्थानान्तरण किया गया।
अलग अलग श्रेणियों में मिले भारांक से बनी मेरिट लिस्ट के आधार पर 12267 शिक्षिका तथा 4,337 शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ जिसमे स्थानांतरित हुए 16,614 टीचर्स में 1141 असाध्य एवम गम्भीर रोगी के , 1122 दिव्यांग तथा 393 एकल अभिभावक को दस अंक का अतिरिक्त लाभ दिया गया।
कुल 6880 टीचर्स को भी दस अंक का लाभ मिला जिनके पति – पत्नी सरकारी सेवा में थे इस श्रेणी में शिक्षक एवं शिक्षिका का तबादला किया गया है।