छात्रों की मांग की है कि जैसा कि एक बार फिर से देश में कोरोना महामारी में COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं इसलिए ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन मोड में भी परीक्षा देने का विकल्प होना चाहिए।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने सीबीएसई की दसवीं व बारहवीं और सीआईएससीई की कक्षा दसवीं व बारहवीं की परीक्षा का ऑफ़लाइन मोड में आयोजित करने की योजना का जैसे ही नोटिफिकेशन दिया वैसे ही छात्र इस परीक्षा को लेकर सुप्रीमकोर्ट पहुँच गए और याचिका दायर के दी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा परीक्षाएं दो टर्म में लिए जाने का फ़ैसला लिया गया जिसको लेकर बोर्ड की तरफ से तैयारियां भी पूरी कर ली गई लेकिन विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को शिकायत इस बात से है की ये परीक्षाएं सिर्फ ऑफलाइन मोड में लिए जाने का विकल्प है। CBSE और ICSE दोनों ही बोर्ड द्वारा ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प नहीं दिया जा रहा है।
ऐसी स्थिति में अभिभावकों से जब सहमति पत्र मांगा जाता है तो उनके पास अपने बच्चे को ऑफलाइन परीक्षा में शामिल होने देने की सहमति देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है इस तरह से सहमति लेना गैर कानूनी है साथ ही यह बच्चे के स्वास्थ्य के अधिकार का भी हनन है।
छात्रों ने अधिवक्ता सुमंत नूकाला के माध्यम से लगाई याचिका
सुप्रीमकोर्ट में यह याचिका केवल 6 स्टूडेंट्स ने मिलकर वकील सुमंत नूकाला के माध्यम से लगाई है। याचिका में ऑफलाइन परीक्षाओं के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे का हवाला दिया गया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि हाइब्रिड मोड में एग्जाम का संचालन समय की जरूरत है क्योंकि इससे सोशल डिस्टेंसिंग का सही से पालन हो पाता है
Plea in SC seeks hybrid option in ensuing board examinations https://t.co/t8WiUJpuDE #CBSE #CBSENews
— CBSE News (@AllCBSENews) November 12, 2021
इससे पहले आपको बता दें कि CBSE और CISCE ने टर्म-1 की परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में कराने का नोटिफिकेशन दिया था इसके मुताबिक,16 नवंबर से सीबीएसई की कुछ विषयों की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं जबकि सीआईएससीई की ICSE एग्जाम 22नवंबर से शुरू होगी लेकिन याचिका के चलते परीक्षाओं पर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
छात्रों की माँग
● याचिका में यह मांग की गई है कि ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन परीक्षा का भी विकल्प दिया जाए
● दसवीं- बारहवीं की बोर्ड परीक्षा हाइब्रिड मोड पर ली जाए अर्थात ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का विकल्प दिया जाए।
● जिससे छात्र और अभिभावक अपनी सुविधानुसार कोई एक विकल्प चुन सकें।
परीक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षा की घोषित की गई तिथि
● CBSE बोर्ड की टर्म-1 की 10वीं की परीक्षाओं की तारीख 30 नवंबर
● 12वीं की परीक्षाएं 01 दिसंबर
● CISCE की दसवीं की परीक्षाएं 22 नवंबर
● आईएससी की परीक्षाएं 15 नवंबर से शुरू होंगी
लेकिन इससे पहले परीक्षाओं का यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया। यह याचिका परीक्षा आयोजित करने के मोड मे विकल्प देने की मांग को लेकर लगाई गई है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही साफ होगा कि सभी छात्र ऑफलाइन एग्जाम देंगे या फिर उन्हें ऑनलाइन परीक्षा का भी विकल्प दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका कर्ताओं को डर है कि बोर्ड की प्रमुख विषयों के लिए 2022 की डेटशीट की परीक्षा जो तीन सप्ताह में लगातार आयोजित होनी है इससे कोविड -19 फैलने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, छात्रों का कहना है कि परीक्षा का हाइब्रिड मोड में संचालन समय की जरूरत है क्योंकि यह सामाजिक दूरी को बेहतर बनाता है। इसके साथ-साथ लॉजिस्टिक पर तनाव को भी कम करता है इसलिए स्टूडेंट्स की मांग है कि परीक्षाएं हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाए।