उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश (प्राथमिक संवर्ग) द्वारा महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) को बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की प्रमुख लम्बित समस्याओं के निराकरण हेतु एक से अधिक बार ज्ञापन, अनुस्मारक ज्ञापन सौंपने के बावजूद महानिदेशक द्वारा संज्ञान न लेने से आक्रोशित संघ के पदाधिकारियों द्वारा आन्दोलन की उद्घोषणा की गई।
हाइलाइट्स:
- NPS को हटाकर OPS की प्रमुख मांग
- निःशुल्क कैशलेस चिकित्सा सुविधा की मांग
- ऑनलाइन निरीक्षण पर रोक लगाने की मांग
- आकांक्षी जनपद सहित पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की मांग
- प्रतिकर अवकाश और वर्ष में शिक्षकों के लिए 15 उपार्जित अवकाश की मां
- हॉफ-डे लीव अवकाश की मांग
- सामूहिक बीमा योजना एवं दुर्घटना बीमा कवर की मांग
- शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की मानदेय वृद्धि, पारस्परिक एवं एच्छिक स्थानातरण एवम शिक्षकों की भांति अवकाश की मांग
- रसोइयों (भोजन माताओं) को 11 माह का मानदेय दिए जाने की मांग
शिक्षक संघ द्वारा शिक्षा महानिदेशक को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की प्रमुख लम्बित समस्याओं के निराकरण हेतु अवगत कराने के बाद भी प्रभावी निराकरण नही हुआ। यूपी टीचर्स का चिकित्सीय भारांक के सत्यापन हेतु मेडिकल समिति के समक्ष उपस्थित ना होना विभागीय निर्देशों की अवहेलना: BSA बदायूं
इससे संगठन के जनपदीय ,मंडलीय और प्रदेशीय पदाधिकारियों में व्यापक आक्रोश होने पर अपने पूर्व दिए गए प्रमुख ज्ञापनों को समाहित करते हुए प्रदेशीय मूल संगठन ने प्रदेशीय प्राथमिक संवर्ग को आन्दोलन करने के लिए अधिकृत किया।
पुनः अनुरोध के साथ संगठन द्वारा संलग्न शिक्षक समस्याओं पर प्रभावी कार्यवाही करने तथा संगठन को कार्यवाही के सम्बन्ध में औपचारिक रूप से अवगत कराने का कष्ट करें अन्यथा की स्थिति में ये माना जायेगा कि आंदोलन हेतु आप द्वारा संगठन को उत्प्रेरित किया गया है जिसकी समस्त जिम्मेदारी आपकी होगी। CM योगी की प्रदेश वासियों से अपील, जानिए क्या कहा सीएम ने
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश प्राथमिक संवर्ग द्वारा रखी गई प्रमुख मांगे
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से संबद्ध राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश प्राथमिक संवर्ग द्वारा समय-समय पर दिये गए ज्ञापनों / अनुस्मारकों अंकित निम्नांकित शिक्षक समस्याओं के निराकरण हेतु अनुरोध किया है
(1) पुरानी पेंशन बहाली :- एन०पी०एस० भविष्य के जोखिम व अनिश्चितता पर आधारित पेंशन प्रणाली है, जिसमें प्रदेश के लाखों शिक्षक/कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। इसलिए लाखों शिक्षकों / कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्चात आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए “पुरानी पेंशन योजना” को शीघ्र लागू किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की व्यक्तिगत या सामूहिक फोटो आयूष कवच पर सरकारी शिक्षकों को करनी होगी अपलोड
(2) केंद्र की भांति पेंशन मेमोरेण्डम का क्रियान्वयन:- केन्द्र द्वारा 5 मार्च 2008, 17 फरवरी 2020, 25 जून 2020, 31 मार्च 2021 व 3 मार्च 2023 को जारी पेंशन मेमोरेंडम को उत्तर प्रदेश में भी अतिशीघ्र जारी किया जाय।
(3) राज्य कर्मचारियों की भाँति निःशुल्क कैशलेस चिकित्सा सुविधा:- शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी राज्य कर्मचारियों की भाँति निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा की सुविधा से आच्छादित किया जाए।
(4) गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति:- वेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए तथा प्रत्येक विद्यालय में विभागीय सूचनाओं के संग्रह/प्रेषण के लिए एक संविदा कर्मी की नियुक्ति की जाये जिससे ऑनलाइन कार्यों यथा:-
- परिवार सर्वेक्षण
- डी०बी०टी०
- यू-डॉयस प्लस
- प्रेरणा डीसीएफ
- छात्र रजिस्ट्रेशन आदि कराये जायें इससे शिक्षक तनाव रहित वातावरण में शिक्षण कार्य कर सकेंगे।
(5) वीडियो कॉल/वायस कॉल के माध्यम से ऑनलाइन निरीक्षण पर रोक लगे
बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में वीडियो कॉल/वायस कॉल के माध्यम से ऑनलाइन निरीक्षण आदेश जारी किया गया था, जिस पर संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने दिनांक 28-04-2023 को आपसे मिलकर इस संबंध में ज्ञापन पत्रांक- RSM-368 / वी. कॉ.निरी. आ. निर/वर्ष 2023-24 दिनांकित 28-04-2023 को दिया था।
महोदय, आप द्वारा प्रतिनिधिमण्डल को मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया था कि किसी भी शिक्षक पर कार्यवाही नहीं होगी, किंतु फिर भी शिक्षकों पर कार्यवाही की जा रही है जो कि आपके आश्वासन के विपरीत है।
(6) प्रत्येक विद्यालय में प्र०अ० का पद सृजित कर पदोन्नतिः- प्रदेश के समस्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद सृजित कर पदोन्नतियां सम्पूर्ण प्रदेश में अतिशीघ्र सम्पन्न कराई जाएं तथा पदोन्नति हेतु निर्गमित शासनादेश में दी गयी समय-सीमा का जानबूझकर औचित्यहीन विलंब करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए।
(7) पदोन्नति पर न्यूनतम वेतनमान 17140 / 18150:- प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति होने पर न्यूनतम वेतनमान ₹17140/18150 का लाभ केन्द्र से जारी नोटिफिकेशन दिनांक 28 सितम्बर 2018 के पत्रांक सं०8-23/2017 E-IIIA के अनुक्रम में शासनादेश निर्गत कर प्रदान किया जाये।
(8) स्थानांतरण:- प्रतिवर्ष नियमित स्थानान्तरण हेतु निष्पक्ष एवं पारदर्शी नीति बनाकर स्थानांतरण निर्धारित समयावधि में ही किए जाएं।
(i):- पारस्परिक अन्तःजनपदीय स्थान्तरण :- पारस्परिक अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण वर्ष में दो बार (ग्रीष्मावकाश व शीतावकाश में करने का प्रावधान है, इसलिए पारस्परिक अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण के जारी आदेश का क्रियान्वयन प्रत्येक दशा में ग्रीष्मावकाश में ही किया जाए।
(ii) पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण (आकांक्षी जनपद सहित ) :- पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण आकांक्षी जनपदो सहित करने हेतु शीघ्रातिशीघ्र आदेश निर्गत कर ग्रीष्मावकाश में ही किये जाएं।
(iii) अन्त: जनपदीय स्थानान्तरण :- लंबे समय से लंबित अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण शीघ्र किये जाएं।
(iv) अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण : अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण हेतु तत्काल शासनादेश जारी किया जाए।
(9) उपार्जित अवकाश ( E.L) : वेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को प्रतिवर्ष 15 उपार्जित अवकाश प्रदान किए जाये ।
(10) हॉफ-डे लीव अवकाश:- मानव सम्पदा पोर्टल पर प्रदर्शित “हॉफ डे लीव” आकस्मिक अवकाश को भी विभागीय अनुमन्यता प्रदान की जाए, जिससे आकस्मिकता की स्थिति में उक्त अवकाश का उपभोग हो सके।
(11) सामूहिक बीमा योजना एवं दुर्घटना बीमा कवर:- 01 अप्रैल 2014 से पूर्व संचालित ‘सामूहिक बीमा योजना’ की भांति प्रीमियम राशि निर्धारित कर 20 लाख रू० का सामूहिक बीमा एवं दुघर्टनाओं के कारण असमयिक निधन की स्थिति में शिक्षकों को 40 लाख रुपये का दुघर्टना बीमा कवर भी प्रदान किया जाये।
(12) उ०प्रा०वि/कम्पोजिट वि० में विषयवार शिक्षक नियुक्तिः- बेसिक शिक्षा नियमावली में प्रावधान के तहत प्रदेश के समस्त उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाये।
(13) सभी शिक्षको को प्रोन्नत वेतनमान:- शासनादेश के तहत प्रदेश में प्रोन्नत वेतनमान की अर्हता पूरी करने वाले जिले के 20% शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है किन्तु देय को न दिया जाना व अदेय को देना का गोरखधंधा द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिस पर जाँच कराने तथा भ्रष्टाचार पर शत प्रतिशत प्रतिबन्ध लगाने के उद्देश्य से शासनादेश में आवश्यक संशोधन करते हुए पात्र सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जाए।
(14) प्रतिकर अवकाश:- बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों से कोविड- 19 वैक्सीनेशन/सर्वे, पल्स पोलियो, राशन वितरण आदि गैर शैक्षणिक कार्यों में अवकाश की अवधि में शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने पर मानव सम्पदा पोर्टल पर संशोधन कर प्रतिकर अवकाश दिये जाने का विभागीय आदेश जारी किया जाए।
(15) विद्यालय समय परिवर्तन:- टाइम एंड मोशन स्टडी आदेश 14 अगस्त 2020 में परिषदीय विद्यालयों के लिए निर्धारित विद्यालय अवधि ग्रामीण परिवेशीय वातावरण के प्रतिकूल है। अतः बेसिक शिक्षा के ग्रामीण परिवेशीय विद्यालयों का शिक्षण समय व्यावहारिक पक्ष के दृष्टिगत प्रकृति के अनुकूल ग्रीष्मकाल में 7-12 तथा शीतकाल में प्रातः 9 से 3 बजे तक किया जाए।
(16) पित्र विसर्जन, नवरात्रि के प्रथम दिवस एवं दुर्गा अष्टमी व धनतेरस का अवकाश:- प्रदेश की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के दृष्टिगत बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की परिषदीय विद्यालयों के लिए घोषित अवकाश तालिका में पित्र विसर्जन, नवरात्रि के प्रथम दिवस एवं दुर्गा अष्टमी व धनतेरस को भी सम्मिलित किया जाए।
(17) प्रभारी प्र० अ० को प्र०अ० का वेतन:- वेसिक शिक्षा विभाग में जिन प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट विद्यालयों के सहायक अध्यापकों से प्रधानाध्यापक पद का कार्य लिया जा रहा है उन विद्यालयों में पदोन्नति से प्रधानाध्यापक नियुक्त किया जाए अथवा सम्बन्धित सहायक अध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक को प्रधानाध्यापक पद का वेतन प्रदान किया जाए अथवा एक विशेष वेतनवृद्धि प्रोत्साहन हेतु प्रदान की जाए।
(18) शिक्षामित्रों की प्रमुख समस्याएं:-
(i) मानदेय वृद्धि : समान कार्य पर समान वेतन के सिद्धांत को लागू करते हुए शिक्षामित्रों को भी शिक्षकों के वेतन के समतुल्य सम्मानजनक मानदेय दिया जाए जिससे विद्यालयी शिक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षामित्रों को प्रोत्साहित किया जा सके।
(ii) पारस्परिक एवं एच्छिक स्थानातरण:- शिक्षकों की भांति शिक्षामित्रों का भी पारस्परिक एवं एच्छिक स्थानातरण किया जाए।
(iii) शिक्षकों की भांति अवकाश :- शिक्षामित्रों को भी शिक्षकों की भांति समस्त प्रकार के अवकाश यथा- चिकित्सकीय, उपार्जित व बाल्य देखभाल अवकाश दिये जाएं।
(19) अंशकालिक अनुदेशकों की प्रमुख समस्याएं:-
(i) नवीनीकरण प्रक्रिया का सरलीकरण:- अंशकालिक अनुदेशकों के नवीनीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए जिससे नवीनीकरण के नाम पर होने वाला शोषण को रोका जा सके।
(ii) मानदेय वृद्धि :- समान कार्य पर समान वेतन के सिद्धांत को लागू करते हुए अंशकालिक अनुदेशकों को भी शिक्षकों के वेतन के समतुल्य सम्मानजनक मानदेय दिया जाए, जिससे उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके।
(iii) पारस्परिक एवं एच्छिक स्थानातरण:- शिक्षकों की भांति शिक्षामित्रों का भी स्थानातरण किया जाए।
(iv) शिक्षकों की भांति अवकाश :- अंशकालिक अनुदेशकों को भी शिक्षकों की भांति समस्त प्रकार के अवकाश यथा चिकित्सकीय, उपार्जित व बाल्य देखभाल अवकाश दिये जाएं।
(20) रसोइयों (भोजन माताओं) को 11 माह का मानदेय दिया जाए:- रसोइयों (भोजन माताओं) से वर्ष में 11 माह काम लिया जाता है, परन्तु उन्हें 10 माह का ही मानदेय देकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है, जबकि अवकाश के दिनों में भी जैसे- पल्स पोलियो आदि में उनसे भोजन बनाने का कार्य लिया जाता है। अतः रसोइयों को वर्ष में 11 माह का मानदेय दिया जाए।
(21) विद्यालय में चौकीदार की नियुक्ति:- संगठन द्वारा विद्यालयों की सुरक्षा एवं संरक्षा हेतु प्रत्येक विद्यालय में चौकीदार (अस्थाई या संविदा पर ) की नियुक्ति की मांग पूर्व में की गई थी। जिस पर विभाग द्वारा प्राकलन कई वर्ष पहले प्रस्तावित हुआ था किन्तु उसका क्रियान्वयन बाधित है अस्तु प्रभावी कार्यवाही कर शीघ्र नियुक्ति की जाए।
(22) शिक्षक एमएलसी निर्वाचन में मताधिकार :- बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को भी शिक्षक एमएलसी निर्वाचन में मताधिकार का अधिकार प्रदान किया जाए।
अतः राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत लाखों शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के साथ-साथ उनके करोड़ों आश्रितों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत बहु प्रतीक्षित वर्षों से लम्बित उपरोक्त मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर आवश्यकतानुसार शासनादेश/विभागीय आदेश/ क्रियान्वयन यथाशीघ्र किया जाए।