यूपी टीईटी के पेपर लीक मामले में STF की जाँच में फिर से अब नया मोड़ आ गया है कहा जा रहा है UPTET के पेपर को छापने का टेंडर शादी ,मुंडन के कार्ड छापने वाले प्रेस को दिया गया था।
गौरतलब है कि यूपी टीईटी के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार PNP सचिव संजय उपाध्याय और आरएसएम लि. के मालिक राय अनूप प्रसाद के बीच नोएडा के एक 5 स्टार होटल में हुई मीटिंग के बाद 13 करोड़ रुपये की पर्चा छपाई का टेंडर कंपनी मालिक राय अनूप को दिया गया।
अब तक 34 लोग हो चुके हैं गिरफ़्तार
ADG लॉ एंड ऑर्डर ने स्पष्ट किया
34 people arrested in this case so far. Anoop Prasad, director of the company which printed the question paper arrested & sent to jail. 2021 UPTET examination controller Sanjay Upadhyay also arrested. IO concluded that both are found responsible for paper leak: ADG Law & Order
34 people arrested in this case so far. Anoop Prasad, director of the company which printed the question paper arrested & sent to jail. 2021 UPTET examination controller Sanjay Upadhyay also arrested. IO concluded that both are found responsible for paper leak: ADG Law & Order pic.twitter.com/X0EYgiTzSd
— ANI UP (@ANINewsUP) December 1, 2021
STF की जांच में यह भी सामने आया कि आरएसएम लि. के निदेशक बने राय अनूप ने पेपर छपाई का काम दिल्ली की एक प्रिन्टिंग प्रेस के मालिक विक्रम को दिया था। यहाँ पड़ताल करने में STF को पता चला कि इस प्रेस में तो शादी के कार्ड छपते हैं। इसी तरह से राय अनूप ने नोएडा व कोलकाता की एक प्रिन्टिंग प्रेस में पेपर छापने का काम दिया था।
STF ने जांच में पाया
● शादी के कार्ड छापने वाले प्रेस को दिया काम UPTET के पेपर छापने का काम
●STF द्वारा की गई पूँछताछ में संजय उपाध्याय ने पहले पहल राय अनूप के साथ हुई मीटिंग को नकारा।
●STF द्वारा उनकी मीटिंग का वीडियो फुटेज दिखाने के बाद आरोपी संजय ने टेंडर प्रक्रिया की बात को लेकर हुई मीटिंग को स्वीकार किया।
● STF के अफसरों के सामने संजय उपाध्याय से हुई पूछताछ के बाद STF ने पाया कि 26 अक्टूबर को यूपी-टीईटी के पेपर छपने की प्रक्रिया शुरू होते ही पेपर लीक करने की साजिश को भी अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया गया था।
● STF को कई और महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी है जिसके आधार पर आगे कुछ और लोगों की गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है।
● STF द्वारा PNP के दो अन्य संदिग्ध कर्मचारियों की भूमिका भी जा रही है खंगाली
PNP के फ़िर से सचिव बनें अनिल भूषण ने
उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा की बुधवार को भी तारीख तय नहीं हो पाई।एक ओर जहाँ 16 दिसम्बर से 13 जनवरी तक केन्द्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाना है वहीं दूसरी ओर परीक्षा नियामक प्राधिकारी में सचिव न होने से भी तय तारीखों तक तैयारियां होने का आकलन करने में दिक्कत आ रही थी। अब राज्य सरकार ने अनिल भूषण को फिर से पीएनपी के सचिव की जिम्मेदारी सौंप दी है। वह एससीईआरटी में संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण के पद पर हैं और उनके पास पीएनपी के सचिव का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। संजय उपाध्याय के पहले अनिल भूषण ही पीएनपी के सचिव थे। अनिल भूषण ने टीईटी 2019 और 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा करवाई थी।
PNP के लिए संकटमोचक अनिल भूषण
अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इससे पहले 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में व्यापक अनियमितता के कारण 8 सितंबर 2018 को तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह के निलंबन के बाद उन्हें सचिव पद पर तैनाती दी गई थी। उस वक्त अभ्यर्थी गड़बड़ियों के विरोध में धरने पर बैठे थे। कमान संभालने के एक सप्ताह में उन्होंने हालात संभाल लिए थे। पीएसी की तैनाती कर अराजकता दूर की थी और दो टीईटी और 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा शुचितापूर्वक कराकर कार्यालय की छवि सुधारी थी।
S.I.T को सौंपी जा सकती है जांच प्रक्रिया
टीईटी पेपर लीक मामले में अलग-अलग जिलों में दर्ज हो रहे मुकदमे की जांच प्रदेश पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को सौंपी जा सकती है। इस मामले में अभी शासन स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है।
UPTET पेपर लीक प्रकरण में प्रश्नपत्र छापने वाली कंपनी आरएसएम फिनसर्व लि॰के डायरेक्टर की दिनांक 30-11-21 को गिरफ्तारी एवं दिनांक 1-12-21 को संजय उपाध्याय सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकरण/ परीक्षा नियंत्रक को भी यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये जाने के संदर्भ में एडीजी एलओ की बाइट