अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में गैर जनपदों से कार्य मुक्त होकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करने आए शिक्षकों के साथ खेला हो गया। शिक्षकों की रिक्तियों से अधिक टीचर्स को सरप्लस बताकर अब इन शिक्षकों को वापस कार्यमुक्त वाले जनपद में भेजने की कार्यवाही चल रही है।
यूपी टीचर से ट्रांसफर के इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जहां एक और वेटेज कैंसिल होने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हो पाया वही वहीं अंतर्जनपदीय स्थानांतरण होने के बावजूद अन्य जनपदों से कार्यमुक्त हुए शिक्षकों को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ज्वाइन करने से रोक दिया गया।
यूपी के अन्य जनपदों से कनेक्ट हुए शिक्षक जब लखनऊ के बीएसए कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो उनके पैरों के तले जमीन खिसक गई। गैर जनपद से कार्यमुक्त शिक्षकों से कहा गया कि लखनऊ में टीचर्स के सरप्लस हो जाने की वजह से आप सभी वापस अपने कार्य मुक्त हुए जनपदों में लौट जाएं। यूपी टीचर ट्रांसफर: तबादला सूची को लेकर आपस में ही कई धड़ों में बंटे शिक्षक, अपनी डफली अपना राग वाली कहावत हुई सच
कार्यमुक्त होने के बाद वापस जनपद में जाने की बात सुनकर टीचर्स के पैरों के तले जमीन खिसक गई और आसमान टूट पड़ा,जी हां यूपी की राजधानी लखनऊ में बिना पद खाली हुए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण से आए परिषदीय शिक्षकों को उनके कार्यमुक्त व जनपदों में वापस भेजने की शुरुआत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक जनपद लखनऊ में 200 से अधिक टीचर्स सरप्लस बताए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बगैर खाली पद अंतर्जनपदीय स्थानांतरण से आए परिषदीय स्कूलों के 71 शिक्षकों को उनके कार्यमुक्त जनपदों में भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बीते बुधवार को अंतर्जनपदीय स्थानांतरण से कार्यभार ग्रहण करने आगे कुल 14 शिक्षकों को वापस बैरंग लौटा दिया गया। कहा जा रहा है कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहने का अनुमान है। NIPUN Bharat Foundational Toolkit: यूपी के सभी परिषदीय शिक्षकों को फंडामेंटल टूलकिट वीडियोस देखने के बाद 31 जुलाई तक क्विज नंबर 2 में करना होगा प्रतिभाग
आपको बता दें कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में तबादला सूची जारी होने के बाद लखनऊ में स्थानांतरित हुए शिक्षकों पर अन्य शिक्षकों द्वारा उंगली उठाई गई थी जिसमें कहा गया था कि शून्य रिक्त सीट वाले जनपद लखनऊ में किस बेस पर अन्य टीचर्स का ट्रांसफर हो गया।
अब लखनऊ बीएसए कार्यालय से जानकारी देकर कहा जा रहा है की यहां जूनियर स्कूलों के सहायक अध्यापक और प्राइमरी के प्रधानाचार्य स्तर के 200 से ज्यादा शिक्षक सरप्लस हैं।इसी कारण स्थानांतरण की शुरुआत में पोर्टल पर यहां शिक्षकों की संख्या शून्य दिखाई गई थी।
बावजूद इसके पदनाम में लखनऊ बीएसए कार्यालय ने खेला कर दिया और गैर जनपदों से 71 शिक्षकों के स्थानांतरण लखनऊ में कर दिए। शून्य रिक्ति के बावजूद स्थानांतरण किए गए शिक्षकों के मैटर को लेकर शिक्षक संगठन शुरवात से ही इसका विरोध कर रहा है।संघ का कहना था कि पिछली बार यहां 2007 में प्रोन्नत वेतनमान का लाभ मिला था। अन्य जनपद के शिक्षकों के आने से इसमें और देरी होगी।
शून्य रिक्ति में जनपद लखनऊ में स्थानांतरण के बाद शिक्षक संगठन के विरोध के चलते बीएसए कार्यालय लखनऊ के द्वारा कार्यमुक्त होकर आए इन शिक्षकों को तैनाती तो नहीं दी जा रही है बल्कि इन सभी शिक्षकों को कार्यमुक्त हुए जनपद में लौटाने की शुरुआत हो गई है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार रिपोर्टिंग के बाद इन शिक्षकों को वापस भेजने का आदेश थमा रहे हैं। लखनऊ के बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि हम ऑर्डर के हिसाब से काम कर रहे हैं। कटऑफ डेट में वर्ष 2009 वाले शिक्षक नहीं है। इस वजह से इन्हें वापस भेजा जा रहा है वहीं दूसरी ओर वापस भेजे जा रहे टीचर्स का कहना है कि स्थानांतरण होने के बाद विशेष बैच वालों के लिए तबादला न होने की बात कही जा रही है।
लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करने गई महिला शिक्षक विजयलक्ष्मी श्रीवास्तव ने कहा कि जब हम जनपद पीलीभीत से कार्यमुक्त होकर लखनऊ आ गए तो अब बताया कि 2009 बैच वालों के लिए रिलीव नहीं होगा। विजयलक्ष्मी ने व्यक्तिगत परेशानी को बताते हुए कहा कि उनके बच्चे 15 सालों से लखनऊ में हैं। इन 15 सालों में पहली बार पोर्टल पर लखनऊ के लिए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया आई जिस पर भी यह निश्चित नहीं है कि आगे कुछ होगा या नहीं।हम तो बस बीएसए कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं अब हमें वापस जनपद में भेजा जा रहा है।
यूपी के जनपद अंबेडकरनगर से स्थानांतरित होकर आई नीतू गुप्ता ने बताया कि छह जून को लखनऊ के निजी अस्पताल में किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ है जिसका इलाज अभी भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले यूपी टीचर ट्रांसफर के लिए पोर्टल पर स्थानांतरण दिखाया अब कहा जा रहा है कि ऐसा कोई ऑर्डर नहीं है। अगर पहले से आर्डर नहीं था तो किस बेस पर लखनऊ के लिए स्थानांतरण हो गया और गैर जनपद से कार्यमुक्त भी कर दिया गया।