सार्स-कोवी-2 के नये स्वरूप ओमीक्रोन से कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर फरवरी में चरम पर पहुँच सकती है, जब देश में प्रतिदिन एक लाख से डेढ़ लाख तक मामले सामने आने की संभावना है।जिसको लेकर एक्सपर्ट्स ने मिलीजुली राय दी है।
इस बीच एक बड़ी चिंता की बात यह है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान विदेश से महाराष्ट्र पहुंचे करीब 100 यात्री गायब हो गए हैं यात्रियों द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक कुछ यात्रियों का मोबाइल फोन स्विच ऑफ है। इसके अलावा कई यात्रियों ने जो पता दिया था उसे पते पर ताला लटका हुआ है।
कोरोना के नए वेरिएंट की रफ्तार पिछले डेल्टा वेरिएंट से भी तीन गुना ज्यादा बताई जा रही है। ऐसे में क्या वायरस की रफ्तार पर ब्रेक लगाने का लॉकडाउन ही एकमात्र रास्ता है? या क्या तीसरी डोज पर भी सरकार को विचार करना शुरू कर देना चाहिए?
आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब में एक्सपर्ट्स का क्या कहना है।
मीडिया रिपोर्ट में छपी खबरों में इंफेक्शन डिसीज एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने इस मामले में नई जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के किसी भी वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन निश्चित रूप से सुरक्षा चक्र प्रदान करती है।मतलब हम यह मान सकते हैं कि एक वैक्सीनेटेड व्यक्ति वैक्सीन ना लेने वाले से ज्यादा सुरक्षित है लेकिन यह तभी सम्भव होगा जब पूरी सुरक्षा के लिए व्यक्ति ने दोनों डोज ले रखी हों। जिन लोगों ने सिर्फ एक डोज लिया है वे सभी जितना जल्दी हो सके दूसरा डोज अवश्य लगवा लें।
हमारे देश में तकरीबन 15 फीसदी ऐसे लोग अभी भी हैं जिन्होंने कोई डोज नहीं लिया है। ऐसे में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरुक करने की आवश्यकता है। बूस्टर डोज यानी तीसरी डोज पर डॉ. लहरिया ने कहा कि सबसे पहले देश की अनवैक्सीनेटेड आबादी को शॉट देने की जरूरत है। बाकी बूस्टर शॉट पर वैज्ञानिक और टेक्निकल एक्सपर्ट्स बात कर रहे हैं।
Adults should take vaccine, follow COVID19-appropriate behaviour to protect children: Health experts
Read @ANI Story | https://t.co/qgKmkEJ7EP
#Covid_19 #vaccine
Adults should take vaccine, follow COVID19-appropriate behaviour to protect children: Health experts
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— ANI Digital (@ani_digital) December 7, 2021
एक्सपर्ट्स की राय
● एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन वैक्सीनेटेड लोगों पर भी असर कर रहा है ऐसे में कहीं शादियों का मौसम, पार्टीज और बाजार में बढ़ती भीड़ एक बार फिर लोगों को तबाही के मोड़ पर ना ले जाए।
● वायरोलॉजिस्ट डॉ. दीपक आचार्य ने कहा, ‘ओमिक्रॉन से निपटने का लॉकडाउन एकमात्र विकल्प नहीं है।इससे ज्यादा जरूरी है कि लोग व्यक्तिगत रूप से खुद सतर्क रहें। बेवजह घर से बाहर ना निकलें। लॉकडाउन से ज्यादा सेल्फ रिस्ट्रिक्शन आपको वायरस से बचाएगा।’
● कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. राहुल पंडित ने इस बारे में कहा, ‘कोरोना के नए वैरिएंट के मामले सामने आने से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। इसके नए मामले पकड़ में आना भारत के लिए अच्छी बात है।ऐसा करके हम इसे कम्यूनिटी में फैलने से रोक सकते हैं। इस खतरे से बचने के लिए चेहरे पर अच्छे से मास्क पहनिए। बाहर निकलने से पहले आप डबल मास्क पहन सकते हैं।इसके अलावा जिन लोगों ने वैक्सीन डोज नहीं लिए हैं, वो जल्द से जल्द इसे लगवा लें।’
●कोविड-19 के गणितीय अनुमान में शामिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने यह कहा है कि नये अनुमान में, ओमीक्रोन स्वरूप को एक कारक के तौर पर शामिल किया गया है।
अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”नये स्वरूप के साथ, हमारा मौजूदा अनुमान यह है कि देश में फरवरी तक तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर से हल्की होगी। अब तक हमने देखा है कि ओमीक्रोन से होने वाले संक्रमण की गंभीरता डेल्टा स्वरूप की तरह नहीं है। ”