उत्तर प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पूँछे जाने प्रश्नों के उत्तरों को चैलेंज करने साथ उनकी आपत्तियों के बदले लिए जाने वाले शुल्क पर प्रतियोगी छात्रों ने भी आपत्ति दर्ज कराई है।
प्रतियोगी छात्रों का मानना है कि विभिन्न परीक्षाओं के विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किये गए प्रश्नों में यदि किसी प्रश्न का उत्तर ग़लत है तो उसकी आपत्ति के बदले कोई बड़ी धनराशि लेना बेरोजगारों के साथ न्यायोचित नहीं है।
आपको बता दें कि परिषदीय और सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों की शिक्षक भर्ती के साथ ही UPTET कराने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का प्रश्नों पर आपत्ति का जवाब सबसे महंगा है जो अपनी परीक्षाओं के प्रत्येक प्रश्न पर आपत्ति करने के लिए अभ्यर्थियों से 500 रुपये लेता है जबकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड जैसी संस्थाएं प्रश्नों पर आपत्ति के लिए कोई शुल्क नहीं लेते वहीं कर्मचारी चयन आयोग प्रत्येक प्रश्न पर आपत्ति के लिए 100 रुपये फीस लेता है। इसको लेकर प्रतियोगी छात्रों में नाराजगी भी है।
आपत्तियों के शुल्क से कमाई
हाल ही में 17 अक्तूबर को हुई एडेड जूनियर हाईस्कूलों में सहायक शिक्षक के 1504 और प्रधानाध्यापक के 390 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा के प्रश्नों पर 754 आपत्तियां आई जिनसे तकरीबन पौने चार लाख रुपये से अधिक की कमाई हो गई हालांकि आपत्ति सही मिलने पर अभ्यर्थियों को फीस वापस भी की जाती है।
ये बोर्ड आपत्ति पर नहीं लेते शुल्क
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग व माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड आपत्तियों का निस्तारण फ्री में करता है मतलब दोनों ही बोर्ड कोई शुल्क नहीं लेते।
इसके अलावा कर्मचारी चयन आयोग प्रति प्रश्न 100 रुपये लेता है और परीक्षा नियामक प्राधिकारी हर प्रश्न पर आपत्ति के लिए 500 रुपये लेता है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष का प्रश्न
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने कहा कि आपत्ति के लिए प्रति प्रश्न 500 रुपये फीस लेना उचित नहीं है। पहली बात तो विषय विशेषज्ञों को ऐसा प्रश्नपत्र बनाना चाहिए जिस पर आपत्ति ही न हो। फिर भी यदि कोई आपकी कमी बताना चाहे तो यह शुल्क उसे हतोत्साहित करता है। परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर आपत्ति करने और वह भी मान्य न होने पर मुकदमेबाजी तक में बेरोजगार कहां से रुपये खर्च करें।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव का ज़बाब
परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव
संजय कुमार उपाध्याय ने कहा कि परीक्षा के प्रश्नों पर बहुत से लोग बेवजह आपत्तियां करते हैं जिससे पूरी प्रक्रिया बाधित होती है इसलिए प्रत्येक प्रश्न पर 500 रुपये फीस रखी गई है ताकि तथ्यहीन और निराधार आपत्तियां न मिले। आपत्तियां सही होने पर फीस वापस भी की जाती है।