- ’विश्वविद्यालय व कॉलेजों में शुरू होगा इंटीग्रेटेड पीएचडी प्रोग्राम
- ’शोध को बढ़ावा देने को बनेगा विश्वविद्यालय अनुसंधान फाउंडेशन
विद्यार्थियों को शोध के लिए प्रेरित करने के लिए राज्य सरकार अब सीधे स्नातक पास विद्यार्थियों को पी एच डी में दाखिला देने के लिए विश्वविद्यालय एवं डिग्री कॉलेजों में इंटीग्रेटेड पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने जा रही है कोर्स में स्नातक (यूजी) पास विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे। अभी स्नातकोत्तर (पीजी) पास विद्यार्थियों को ही पीएचडी में दाखिला दिया जाता है, लेकिन अब इस दोहरे डिग्री कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को पीजी के साथ पीएचडी की डिग्री भी दी जाएगी।
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इसका मकसद शोध के प्रति गंभीर विद्यार्थियों को चिह्न्ति करना है। यूजी स्तर के पाठ्यक्रम में रिसर्च और इंटर्नशिप को भी शामिल किया जाएगा। ताकि विद्यार्थी शुरुआत से ही शोध के लिए प्रेरित हो सकें।
उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को पत्र भेजकर रिसर्च पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत सभी विश्वविद्यालय अब विश्वविद्यालय अनुसंधान फाउंडेशन का गठन करेंगे। यह फाउंडेशन विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में ऐसे विभागों की पहचान करेगा, जो शिक्षण एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जा सकते हैं। वहीं पेशेवर व्यक्तियों के लिए भी उच्च शिक्षण संस्थान ज्यादा से ज्यादा अंशकालिक पीएचडी प्रोग्राम शुरू कर सकेंगे।
कोई भी व्यक्ति नौकरी के साथ बिना छुट्टी लिए पीएचडी कर सकेगा। विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में प्रख्यात शोधकर्ताओं के व्याख्यान और वेबिनार आयोजित किए जाएंगे, ताकि विद्यार्थी शोध के लिए अधिक से अधिक प्रेरित हो सकें। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।