प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्री परिषद द्वारा 21 जुलाई को अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों एवं राजकीय संस्कृत विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 एवं 2022-23 के लिए नियमित चयनित शिक्षक के आने तक जो भी पहले हो , नितान्त अस्थायी रूप से मानदेय पर शिक्षकों की व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।
मंत्रिपरिषद ने राज्य सरकार द्वारा अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों एवं राजकीय संस्कृत विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 एवं 2022-23 ( ग्रीष्मावकाश की अवधि को छोड़कर ) अथवा नियमित चयनित शिक्षक के आने तक जो भी पहले हो , नितान्त अस्थायी रूप से मानदेय पर शिक्षकों की व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया है । यह निर्णय संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं पठन – पाठन की सुचारु व्यवस्था हेतु लिया गया है ।
मानदेय पर शिक्षकों की व्यवस्था किये जाने हेतु जनपद स्तर पर सम्बन्धित संस्कृत अशासकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रबन्धक की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन किया गया है जिसमें सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी , सम्बन्धित जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक , सम्बन्धित मण्डल के उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय , वाराणसी द्वारा नामित 02 विशेषज्ञ शामिल होंगे ।
मानदेय पर नियुक्त हेतु चयन समिति में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय , वाराणसी द्वारा नामित विशेषज्ञों द्वारा परम्परागत विषय के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार संस्कृत भाषा में ही लिया जायेगा। चयन हेतु शैक्षिक पृष्ठभूमि से 120 अंक एवं साक्षात्कार से 80 अंक प्रदान किये जायेंगे । पूर्व मध्यमा स्तर हेतु शिक्षण कार्य 12,000 रुपये प्रतिमाह तथा उत्तर मध्यमा स्तर हेतु शिक्षण कार्य पर 15,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा ।
बैठक में निर्णय किया गया कि इस चयन में राज्य सरकार की विद्यमान आरक्षण नीति के अनुरूप नियमानुसार आरक्षण देय होने का प्राविधान किया गया है ।