देश में ओमिक्रॉन के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते एक सप्ताह में इसका संक्रमण कई गुना तक बढ़ गया है।कुल 14 राज्य कोरोना के इस नए वैरिएंट के
संक्रमण की चपेट में हैं और देश भर में 221 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर संक्रमण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
महाराष्ट्र में फिर बंद हो सकते हैं स्कूल
महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल है जहां ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री प्रो वर्षा एकनाथ गायकवाड़ से एएनआई से कहा है कि यदि ओमिक्रोन के मामलों में वृद्धि जारी रहती है, तो हम स्कूलों को फिर से बंद करने का निर्णय ले सकते हैं। हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
● सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र की है,जहाँ 65 लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं।
● दिल्ली में 54 मामलों की पुष्टि हुई है।
● लोग नए वैरिएंट को लेकर गंभीर नहीं है।
तीन गुना ज्यादा संक्रामक
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है लिहाजा राज्य त्वरित फैसला लेते हुए रात्रि कर्फ्यू और कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे जरूरी उपायों के लिए अलर्ट रहें। बीते 18 दिन में यह संख्या 100 गुना तक बढ़ गई। हालांकि, राहत की बात यह है कि किसी मरीज को ICU में नहीं जाना पड़ा।
इसके अलावा इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा रहा है कि 17 दिसंबर को 100 केस थे और 21 दिसंबर को यह आंकड़ा 200 पार हो गया। यानी महज चार दिन में केस दोगुना हो गए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में जिस तरह से हाहाकार मचा है उसे देखते हुए लोगों को सबक सिखना चाहिए। देश में एक बड़ा वर्ग अभी भी मास्क लगाने और शारीरिक दूरी का पालन जैसे नियमों की अनदेखी कर रहा है। यह लापरवाही कभी भी घातक रूप से सकती है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्यों को लिए ओमिक्रॉन के लिए वार रूम तैयार करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है कि ओमिक्रॉन वायरस तेजी से फैलने में सक्षम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक होने या ICU के बेड 40 फीसदी से अधिक भर जाएं तो जिला या स्थानीय स्तर पर रात्रि कर्फ्यू या कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
राज्यों को अपनानी होगी टेस्ट, ट्रैक व सर्विलांस के साथ कंटेनमेंट जोन की नीति
केंद्र सरकार ने कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप के बढ़ते मामलों को लेकर राज्यों को सतर्क किया है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मुख्य सचिवों को लिखा है कि डेल्टा के अलावा ओमिक्रॉन देश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंच गया है। इसे काबू करने के लिए सख्ती से राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों को आगे आना होगा। सख्त कदम उठाने होंगे। उन्हें टेस्ट, ट्रैक व सर्विलांस के साथ कंटेनमेंट जोन की नीति अपनानी होगी।
हाइलाइट्स:
● कंटेनमेंट जोन के ज़रिए वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू, सार्वजनिक स्थानों अत्यधिक भीड़भाड़ होने से रोकना होगा।
● शादी और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या सीमित करनी होगी।
● कार्यालयों, उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन के साधनों में नियम लागू करने होंगे।
● मरीजों की संख्या के आधार पर कंटेनमेंट जोन और बफर जोन निर्धारित करने होंगे। प्राथमिकता के साथ जीनोम सिक्वेंसिंग किया जाए।
● टेस्टिंग एवं सर्विलांस के द्वारा ICMR व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानक के अनुसार जांच और निगरानी की व्यवस्था को लागू किया जाए।
● मरीज की पहचान के लिए घर-घर सर्वेक्षण किया जाए। आरटी-पीसीआर जांच की दर बढ़ाई जाए। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को समय पर जांच के साथ उपचार की सुविधा मिले।
● एयर सुविधा पोर्टल के जरिए विदेशों से आने वाले लोगों पर स्थानीय प्रशासन नजर रखें।
● क्लीनिकल मैनेजमेंट अपनाकर ओमिक्रॉन के बढ़ते दायरे के अनुसार अस्पतालों में बेड की क्षमता बढ़ाई जाए।
● एम्बुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं का भंडार और अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया जाए।
● होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के लिए किट मुहैया कराई जाए। मरीजों पर कॉल सेंटर और घर-घर दौरे के जरिए नजर रखी जाए। इसका मकसद संक्रमण को फैलने से रोकना है।
● टीकाकरण की दोनों डोज़ लेकर कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच टीकाकरण पर जोर दिया जाए।
● पहली और दूसरी डोज के पात्र हर व्यक्ति को हर हाल में टीका लगे ये सुनिश्चित किया जाए।
● इसके अलावा सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अपने वॉर रूम को दोबारा तैयार कर लें।
● लोगों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे इसके लिए भी पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें जिससे स्थिति काबू में रहे।