उत्तर प्रदेश के अधीन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की सूची शासन द्वारा प्रकाशित कर दी गई।
प्रकाशित की गई सूची में शिक्षकों के भारांक नहीं दर्शाए गए हैं बल्कि सूची में शिक्षकों का स्थानांतरण जनपद दर्शाया गया है। शासन द्वारा प्रकाशित सूची जारी होने के बाद तबादला सूची की पीडीएफ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। यूपी में कक्षा 4 से 8 के विद्यार्थी के लिए लांच हुआ SwiftChat App, शिक्षकों को निभाना होगा अहम रोल
शासन द्वारा निकाली गई तबादला सूची में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों ने अपने जनपद के आगे अपना नाम देखना शुरू किया। शिक्षकों को अपना नाम सूची में दिखाई दिया उन्होंने सोशल मीडिया पर खुशी जताई लेकिन जिन शिक्षकों का अधिक वेटेज होने के बावजूद स्थानांतरण नहीं हुआ उनको शासन द्वारा निकाली गई सूची में संशय नजर आया।
शासन द्वारा निकाली गई तबादला सूची में शिक्षकों के बीच चर्चा शुरू हो गई जिसमें अलग-अलग शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग कमेंट दिए। 28 जून तक प्री-स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों सहित 12वीं कक्षा तक की सभी कक्षाओं के संचालन पर रोक: कोर्ट
प्रियंका ने लिखा की आवेदन करते समय लखनऊ का ऑप्शन ही नहीं आ रहा था फिर वहां के लिए ट्रांसफर कैसे हो गया?
पूनम ने लिखा मैंने तो अपने डाक्यूमेंट्स भी सबमिट नहीं किए थे फिर मेरा ट्रांसफर कैसे हो गया जबकि फॉर्म कैंसिल होने की मैंने एप्लीकेशन भी दी थी। पूनम ने लिखा कुछ हो सकता है मैं ट्रांसफर नहीं चाहती।
रिचा सिंह ने लिखा कि लखनऊ, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर नगर में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण कैसे हो गया यहां तो सीट ही 0 थी। दीपक कुमार नाम के शिक्षक ने जवाब देते हुए लिखा यह डायरेक्ट जुगाड़ वाले लोग होंगे।
दीपक सरोज ने लिखा मैंने तो आगरा का ऑप्शन ही नहीं भरा था और स्थानांतरण में मुझे आगरा का जनपद मिल गया ऐसा कैसे।
शालू ने लिखा मेरे 24 नंबर थे और मेरा सहारनपुर, शामली, बिजनौर,मुरादाबाद अमरोहा में ट्रांसफर नहीं हुआ जबकि मुझसे कम नंबर वाले शिक्षकों का ट्रांसफर अन्य जनपदों में हो गया।
श्याम सिंह ने लिखा सब फर्जी लिस्ट है टेंशन मत लो जिसका जवाब देते हुए शाह ने लिखा फर्जी लिस्ट है। राज दत्ता ने लिखा कि सर सही लिस्ट है पूरी पारदर्शिता है जिसका गुणांक है उसका हुआ है।
बंदना ने लिखा कि मेरे 24 अंकों के होने के बावजूद मुझे बुलंदशहर जनपद नहीं मिला यश ने लिखा कि सीट कम थी VNS की यही वजह से न हुआ आपका 24 भारांक पर किसी भी जिले में सीट के अनुसार ही लोगो का चयन हुआ है भारांक कितना भी अधिक रहा हो।
यश ने कहा किइतनी पारदर्शिता से ट्रांसफर हुए है कि लखनऊ में 0 सीट होने के बाद भी लखनऊ में आने के लिए 74 ट्रांसफर हुए है। जबकि आवेदन के समय लखनऊ ऑप्शन भी नही था। कानपुर नगर का भी वही हाल।
शैली ने लिखा कि Muzaffarnagar में 2 सीट की और 7 लोगों ट्रांसफर हुआ।