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शिक्षक दिवस पर दिए गए 20 भाषण
शिक्षक दिवस पर पहला भाषण
सुप्रभात साथियों, आज हम सभी शिक्षक दिवस मना रहे हैं। आज के दिन मैं सबसे पहले अपने स्कूल के सभी शिक्षकों को सेल्यूट करता हूं। हमारी संस्कृति में भी माता-पिता से भी ऊंचा दर्जा गुरु को दिया जाता है। एक तरफ जहां माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं तो शिक्षक उनके जीवन को आकार देते हैं। शिक्षक हमेशा हमें गाइड करते है, प्रेरणा देते हैं और समाज में हमें एक अच्छा नागरिक बनाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन की नींव होते हैं। वे एक स्टूडेंट के लिए दूसरी मां की तरह होते हैं।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को ही शिक्षक बनना चाहिए। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया था। विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। यूनेस्को ने 1994 में शिक्षकों के कार्य की सराहना के लिए 5 अक्तूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाने को लेकर मान्यता दी थी। सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले को देश की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में अहम योगदान दिया था।
सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह हैजो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे।यही नहीं वो ये भी कहते थे कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अतः विश्व को एक ही ईकाई मानकर शिक्षा का प्रबंध किया जाना चाहिए।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को ही शिक्षक बनना चाहिए। डॉक्टर राधाकृष्णन के पिता उनके अंग्रेजी पढ़ने या स्कूल जाने के खिलाफ थे। वह अपने बेटे को पुजारी बनाना चाहते थे।
अंत में यह कहना गलत नहीं होगा कि 5 सितंबर का दिन डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में ही नहीं बल्कि शिक्षकों के प्रति सम्मान और लोगों में शिक्षा के प्रति चेतना जगाने के लिए भी मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस पर दूसरा भाषण
सुप्रभात साथियों
आज शिक्षक दिवस है। मैं आप सभी को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शिक्षक हमारे जीवन से स्तंभ होते हैं। वह अपना समय देकर हमारे जीवन को संवारते हैं और आगे बढ़ाते हैं। शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि अच्छी-अच्छी चीजें भी सिखाते हैं। जीवन जीने को लेकर बातें भी बताते हैं।
इस दिन देश के पहले उप राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है जो एक शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। इसलिए इस दिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षक हमारे समाज का निर्माण करते हैं। वहीं हमारे मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक का स्थान माता पिता से भी ऊंचा होता है। माता-पिता बच्चे को जन्म जरूर देते हैं लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्वल भविष्य की नींव तैयार करता है। इसलिए हम चाहें कितने भी बड़े क्यों न होने जाए हमें अपने शिक्षकों को कभी नहीं भूलना चाहिए।
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यकीन मानिए, हमें जीवन के हर मुश्किल और अच्छे मोड़ पर टीचर्स की सिखाई बातें याद आती रहेंगी। एक कुम्हारी जैसे मिट्टी के बर्तन को दिशा देता है, वैसे ही टीचर्स हमारे जीवन को संवारते हैं।
टीचर्स ही हमारी प्रेरणा के स्त्रोत हैं जो हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
मैं अपने भाषण का अंत एक अच्छी शायरी के साथ करना चाहूंगा-
गुमनामी के अंधेरे में था, पहचान बना दिया
जीवन की हर मुश्किल और उलझन को आसान बना दिया
गुरु की कृपा ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।।
शिक्षक दिवस पर तीसरा भाषण
सभी गुरुजनों को प्रणाम।।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना संकट के चलते ऑनलाइन ही शिक्षक दिवस मना रहे हैं। इस मौके पर आपने मुझे मेरे शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रगट करने का अवसर दिया इसके लिए धन्यवाद।
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागै पाएं ।
बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दिओ बताए।।
इस दोहा में कबीरदास जी ने गुरु का महत्व भगवान से भी बढ़कर बताया है। कबीर के अनुसार, भगवान और गुरु दोनों सामने खड़े मिले तो मन में दुविधा हुई कि पहले किसका अभिवादन करें? लेकिन भगवान का मैं आभारी हूं कि उन्होंने इशारा किया। यानी उन्होंने बता दिया कि गुरु को पहले सम्मान दो।
आज हम गुरु के इसी सम्मान के शिक्षक दिवस मना रहे हैं। भारत में शिक्षक दिवस मानाने की शुरुआत वर्ष 1962 से हुई थी। भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का देश के शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनका जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 को हुआ था।
उनके उप-राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ छात्रों, मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात कही। यह सुन कर डॉ. राधाकृष्णन बोले, मेरा जन्म दिन मनाने की जगह अगर इस दिन शिक्षक दिवस मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा। तब से आज तक हर वर्ष हमारे देश में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम उन्हें याद करने के साथ सभी शिक्षकों का सम्मान और धन्यवाद करते हैं।
भारत में टीचर्स डे का अपना एक बहुत अलग ही महत्व है। यहां पर टीचर डे पर अपने गुरुओं का सम्मान करने का अपना एक अलग ही तरीका है। कुछ अपने गुरुओं के लिए उपहार लाते हैं, उनको फोन करते हैं तो श्रद्धा के साथ अपने गुरुजनों की बातों को याद करते हैं। आज इस मौके पर अपने गुरु का सम्मान बढ़ाने वाला कोई संकल्प भी ले सकते हैं। शिक्षक दिवस के महत्व पर और भी ज्यादा बोला जा सकता है। लेकिन मैं अब अपनी बात को एक श्लोक के साथ समाप्त करना चाहूंगा।
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
शिक्षक दिवस पर चौथा भाषण
सुप्रभात साथियों, आज हम सभी शिक्षक दिवस मना रहे हैं। आज के दिन मैं सबसे पहले अपने स्कूल के सभी शिक्षकों को सेल्यूट करता हूं। हमारी संस्कृति में भी माता-पिता से भी ऊंचा दर्जा गुरु को दिया जाता है। एक तरफ जहां माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं तो शिक्षक उनके जीवन को आकार देते हैं। शिक्षक हमेशा हमें गाइड करते है, प्रेरणा देते हैं और समाज में हमें एक अच्छा नागरिक बनाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन की नींव होते हैं। वे एक स्टूडेंट के लिए दूसरी मां की तरह होते हैं।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को ही शिक्षक बनना चाहिए। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया था। विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। यूनेस्को ने 1994 में शिक्षकों के कार्य की सराहना के लिए 5 अक्तूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाने को लेकर मान्यता दी थी। सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले को देश की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में अहम योगदान दिया था।
शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हमें हमारे शिक्षक अपने स्वंय के बच्चों से कम नहीं समझते और हमें पूरी मेहनत से पढ़ाते हैं। एक बच्चे के रुप में, जब हमें प्रेरणा और प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है, जिसे हम निश्चित रुप से अपने अध्यापकों से प्राप्त करते हैं। वे हमें जीवन में किसी भी बुरी स्थिति से ज्ञान और धैर्य से माध्यम से बाहर निकलना सिखाते हैं। प्रिय शिक्षकों, हम सभी इस ज्ञान के लिए हमेशा आपके आभारी रहेगें।
हमारे महान कवि कबीर दास ने कहा है कि अगर आपको शिक्षक और भगवन दोनों एक साथ दिखें तो हमें पहले शिक्षक का चरण स्पर्श करना चाहिए। क्योंकि एक शिक्षक ही हमें ज्ञान दे कर भगवान तक पहुंचने का रास्ता दिखा सकता है। इसी के साथ मैं अपनी बात समाप्त करूँगा।
शिक्षक दिवस पर पांचवा भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षक व शिक्षिकाएं और मेरे प्यारे सहपाठियों नमस्कार
आज हम सभी यहां 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। सबसे पहले मैं यहाँ पर मौजूद सभी लोगों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।
हम शिक्षक दिवस को टीचर्स डे भी कहते हैं, यह दिन पूरे भारत में, उन सभी विद्यार्थियों के लिए सबसे सम्मानपूर्ण अवसर होता है, जो शिक्षा पूरी कर देश की सेवा कर रहे हैं या फिर शिक्षा ग्रहण कर रहे। छात्र इस दिन अपने शिक्षकों से मिले ज्ञान के लिए उनका आभार प्रकट करते हैं।
इसलिए हम प्रतिवर्ष इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसी दिन 1888 में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे 1952 से 1962 तक भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया और अपने दायित्वों को पूरा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। वर्ष 1962 में उनके राष्ट्रपति के रूप में चुनाव होने के बाद, विद्यार्थियों ने, उनके जन्मदिन 5 सितम्बर को मनाने की प्रार्थना की।
छात्रों के बहुत अधिक अनुरोध करने के बाद उन्होंने जवाब दिया कि, 5 सितम्बर, को मेरे व्यक्तिगत जन्मदिन के रूप में मनाने के स्थान पर यह अच्छा होगा कि, इस दिन को पूरे शैक्षिक पेशे के लिए समर्पित किया जाये और तब से 5 सितम्बर पूरे भारत में शैक्षिक पेशे के सम्मान में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। भारत के सभी छात्रों के लिए, शिक्षक दिवस उनके भविष्य को आकार देने में उनके निरंतर, निस्वार्थ और कीमती प्रयासों के लिए उनके द्वारा अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को अर्पित करने का उत्सव और अवसर है।
जहाँ हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं, वहीं शिक्षक स्कूल में पढ़ाई के साथ हमें सही और गलत का फर्क बता कर हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं। साथ ही शिक्षक सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसलिए हमारे देश में कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है। शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरूरत होती है। सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है।
अब मैं सभी स्टूडेंट्स की तरफ से अपने सभी गुरुजनों का धन्यवाद कहना चाहता हूँ।
शिक्षक दिवस पर छठा भाषण
आदरणीय शिक्षकों और मेरे सभी साथियों को सुप्रभात।
आज 5 सितंबर को हम सब यहाँ शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में एक साथ एकत्र हुए हैं। सबसे पहले यहां मैजूद सभी शिक्षकों और शिक्षिकाओं को मेरी तरफ से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर मैं आप सबका आभारी हूँ जो आपने मुझे मेरे विचार आप लोगो को समक्ष रखने का अवसर दिया।
शिक्षक दिवस को अंग्रेजी में टीचर्स डे भी कहते हैं। इस दिन को हम हर वर्ष 5 सितंबर को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन एक विद्वान और बहुत बड़े शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप व्यतीत किया और अपने दायित्वों को पूरा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके शिक्षा के प्रति लगन और शिक्षकों के प्रति आदर को देखते हुए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं। वहीं शिक्षक हमें सही और गलत का फर्क बता कर हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं। शिक्षक सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है। शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है। सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं।
हमारे जीवन में शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का हमेशा आदर और सम्मान करना चाहिए। टीचर्स डे पर मैं सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करती हूं। एक बार फिर से आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।
शिक्षक दिवस पर सातवां भाषण
सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और मेरे दोस्तों को मेरा नमस्कार!
आज हम सब यहां शिक्षक दिवस मानाने के लिए उपस्थित हुए हैं। यह दिन शिक्षकों के साथ छात्रों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को हमें ज्ञान देने के लिये उनका आभार व्यक्त करते हैं। हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना कर हम अपने शिक्षकों को सम्मना देते हैं। शिक्षक हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। हम बच्चे देश का भविष्य हैं शिक्षक हमारा मार्ग दर्शन कर के हमें आदर्श नागरिक बनने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शिक्षक वह दीपक है जो हमारे अंदर ज्ञान का उजाला भरते हैं। एक शिक्षा अपना पूरा जीवन हमें ज्ञान और सही रास्ता दिखने में लगा देते हैं। महान कवि कबीरदास जी ने भी कहा है कि यदि शिक्षक और भगवन दोनों सामने हो तो हमें पहले शिक्षक का चरण स्पर्श करना चाहिए। क्यूंकि एक शिक्षक ही हमें ज्ञान दे कर भगवन तक पहुंचने का रास्ता दिखते हैं। शिक्षक बिना किसी भेद – भाव के सभी छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। टीचर्स डे सभी छात्रों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को बता सकते हैं कि उनका योगदान और मार्ग दर्शन हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है। इस दिन शिक्षकों और छात्रों का रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है। इस अवसर पर हम छात्र सभी शिक्षकों को उनके महान कार्य के लिए आभार व्यक्त करते हैं। इसके साथ ही सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।
शिक्षक दिवस पर आठवां भाषण
आदरणीय शिक्षकों और मेरे सभी साथियों को दिल से सुप्रभात।
आज 5 सितंबर को हम सब यहां शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में एक साथ एकत्र हुए हैं।सबसे पहले यहां मैजूद सभी शिक्षकों और शिक्षिकाओं को मेरी तरफ से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
इस अवसर पर मैं आप सबका आभारी हूँ जो आपने मुझे मेरे विचार आप लोगो को समक्ष रखने का अवसर दिया।
शिक्षक दिवस को अंग्रेजी में टीचर्स डे भी कहते हैं। इस दिन को हम हर वर्ष 5 सितंबर को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।इस दिन देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन एक विद्वान और बहुत बड़े शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप व्यतीत किया और अपने दायित्वों को पूरा किया।शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके शिक्षा के प्रति लगन और शिक्षकों के प्रति आदर को देखते हुए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं। वहीं शिक्षक हमें सही और गलत का फर्क बता कर हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं।शिक्षक सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है।
शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है।सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं।
हमारे जीवन में शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का हमेशा आदर और सम्मान करना चाहिए।
टीचर्स डे पर मैं सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करती/करता हूं। एक बार फिर से आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।
धन्यवाद
शिक्षक दिवस पर नौवां भाषण
यहां उपस्थित सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और मेरे दोस्तों को मेरा नमस्कार!
आज 5 सितंबर 2021 के दिन हम सब यहां शिक्षक दिवस मानाने के लिए उपस्थित हुए हैं। यह दिन शिक्षकों के साथ छात्रों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।इस दिन हम अपने शिक्षकों को हमें ज्ञान देने के लिये उनका आभार व्यक्त करते हैं।हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना कर हम अपने शिक्षकों को सम्मना देते हैं। शिक्षक हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। हम बच्चे देश का भविष्य हैं शिक्षक हमारा मार्ग दर्शन करके हमें आदर्श नागरिक बनने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शिक्षक वह दीपक है जो हमारे अंदर ज्ञान का उजाला भरते हैं। एक शिक्षा अपना पूरा जीवन हमें ज्ञान और सही।रास्ता दिखने में लगा देते हैं।
महान कवि कबीरदास जी ने भी कहा है कि यदि शिक्षक और भगवन दोनों सामने हो तो हमें पहले शिक्षक का चरण स्पर्श करना चाहिए। क्यूंकि एक शिक्षक ही हमें ज्ञान दे कर भगवन तक पहुंचने का रास्ता दिखते हैं।शिक्षक, बिना किसी भेद-भाव के सभी छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं।टीचर्स डे सभी छात्रों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को बता सकते हैं कि उनका योगदान और मार्ग दर्शन हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है।
इस दिन शिक्षकों और छात्रों का रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है। इस अवसर पर हम छात्र सभी शिक्षकों को उनके महान कार्य के लिए आभार व्यक्त करते हैं। इसके साथ ही सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।
धन्यवाद
शिक्षक दिवस पर दसवां भाषण
माननीय मुख्य अतिथिगण, आदरणीय शिक्षक वर्ग और मेरे प्यारे दोस्तों, जैसा कि हम सब जानते हैं की हम सब यहां शिक्षक दिवस का जश्न मनाने के लिए उपस्थित हुए हैं।आज मैं आपको शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक के महत्व पर एक छोटा सा भाषण देने जा रहा हूं। मेरी आपसे विनती है की कृपया करके आप मेरा यह भाषण ध्यानपूर्वक और शांतिपूर्वक सुनें।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज 5 सितंबर है और हम सभी को पता है की आज शिक्षक दिवस है।हम सब हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का जश्न मनाते है।आज डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है।डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने से पहले एक महान प्रतिशिष्ठ शिक्षक थे। इसलिए उनका जन्मदिन पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन न केवल भारत के राष्ट्रपति थे बल्कि एक महान शिक्षक भी थे।शिक्षक दिवस के दिन हमारे देश के शिक्षकों के प्रति सम्मान करने के लिए यह शिक्षक दिवस मनाया जाता है। छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और भविष्य को उज्ज्वल बनाने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और उन्हें देश का एक आदर्श नागरिक बनाते है।
शिक्षक, छात्रों को अपने बच्चे के रूप में प्यार करते है।शिक्षक छात्रों में भेदभाव नहीं करते और सभी छात्रों पर ध्यान देते है।हमारे माँ-बाप हमें देश का एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए स्कूल में भेजते है। हालाँकि हमारे शिक्षक हमारे पूरे भविष्य को उज्ज्वल और सफल बनाने की जिम्मेदारी लेते है। शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान प्रदान करने के साथ एक जीवन को दिशा भी देते है।
शिक्षक ज्ञान का स्रोत है। मैं प्रत्येक छात्र से अनुरोध करता हूं कि सभी छात्र शिक्षकों की सलाह का पालन करें और देश का एक अच्छा नागरिक बनें।
धन्यवाद।
शिक्षक दिवस के लिए ग्यारहवां भाषण
श्रीमान प्रधानाचार्य जी, अध्यापक गण, गणमान्य अतिथियों और प्यारे दोस्तों शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं,
मैं शौर्य शिक्षक दिवस जैसे विशेष दिन पर आप सबका अभिनंदन करता हूं।
हर साल 5 सितंबर को शिक्षकों को विशेष सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन करते हैं। भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को ही भारत के शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस मानकर हम सब भारतवासी डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।इस विशेष दिन पर मैं डॉक्टर राधाकृष्णन जी का सम्मान करते हुए कुछ शब्द बोलना चाहता हूं।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने एक मोमबत्ती की तरह खुद जलकर अपने छात्रों को जिंदगी जीने के लिए शिक्षण की रौशनी दी थी इसलिए हम उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।
मैं शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के सम्मान में कुछ शब्द कहना चाहता हूं।
गुरु का महत्व कभी होगा न कम,
भले करले कितनी भी उन्नति हम,
वैसे तो है इंटरनेट पर हर प्रकार का ज्ञान,
पर अच्छे बुरे की नहीं उसे पहचान,
नहीं है शब्द कैसे करूँ धन्यवाद,
बस चाहिए हर पल आप सबका आशीर्वाद,
हूं जहां आज मैं उसमें है बड़े योगदान,
आप सबका जिन्होंने दिया मुझे इतना ज्ञान,
आपने बनाया है मुझे इस योग्य,
कि प्राप्त करूं मैं अपना लक्ष्य,
दिया है हर समय आपने सहारा,
जब भी लगा मुझे मैं हारा,
करता हूं दिल से आप सब का सम्मान,
आप सबको है मेरा शत-शत प्रणाम।
मैं आप सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद
शिक्षक दिवस के लिए बारहवां भाषण
मेरे सभी सम्मानित शिक्षकों एवं प्यारे दोस्तों को मेरा प्रणाम।
आज इस अवसर पर अपने विचार रखना मेरे लिए वास्तव में सम्मान की बात है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, आज 5 सितंबर 2021 को हम सभी यहाँ शिक्षक दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस का स्मरण करते हुए जो एक महान शिक्षक, भारत के पहले उपराष्ट्रपति और देश के दूसरे राष्ट्रपति थे।
यह दिन छात्रों के द्वारा अपने शिक्षकों को उनके अविश्वसनीय समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देने हेतु पूरे देश में मनाया जाता है।ये बताने की जरूरत नहीं है कि माता-पिता एक बच्चे को जन्म देते हैं, जबकि शिक्षक शिक्षा के माध्यम से उस बच्चे को आदर्श नागरिक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
यह सच है कि शिक्षक ज्ञान और बुद्धिमता का स्रोत होते हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं ताकि हम अपने कौशल को विकसित कर सकें। वे हमारी क्षमता का पता लगाने में हमारी मदद करते हैं।
हम उनके प्रयासों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अतः मैं अपने भाषण के अंत में कहना चाहूँगा की हमें शिक्षकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और उनकी मेहनत की कदर करनी चाहिए।”
बहुत बहुत धन्यवाद।
शिक्षक दिवस के लिए तेरहवां भाषण
माननीय हेडमास्टर्स जी, शिक्षकगण और मेरे सहपाठियों,
आप सभी को शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभ कामनाएँ। इस शुभ अवसर पर मैं अपने शिक्षकों से संबंधित कुछ विचार आपके साथ शेयर कर रहा हूँ/कर रही हूँ।
अध्यापकों की सेवा भावना दूसरी सब सेवाओं से अद्वितीय और अलग होती है। बहुत सारी दूसरी सेवाओं में जैसे कार्यालयों, कारखानों और अन्य संस्थाओं में काम करने वाले लोगों का संबंध अधिक तौर पर कागजों, मशीनें और अन्य निर्जीव से रहता है लेकिन शिक्षकों का संबंध बच्चों से रहता है जिन के मन हमेशा उछलते-कूदते रहते है। बच्चों के मन को काबू में रखकर उनको ज्ञान प्रदान करना एक कुशल शिक्षक ही कर सकता हैं।
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माँ-बाप को शिक्षकों से यही आशा रहती है की उनका बच्चा क्लास में फर्स्ट आये। लेकिन सब बच्चों का मनोविकास एक जैसा नहीं होता है।इस वजह से कई बार शिक्षकों को विद्यार्थियों के माता-पिता द्वारा कह गए अनुचित शब्दों का सामना भी करना पड़ता हैं। इसलिए अध्यापकों को सहनशीलता और नम्रता से काम लेना चाहिए।
स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा विश्वास अपने टीचर पर करते है। शिक्षक द्वारा कहा गया एक-एक शब्द उनके मन में रट जाता है। इसलिए अध्यापकों को अपना ज्ञान हमेशा बढ़ाते रहना चाहिए।
डॉ. सर्वेपल्ली राधाकृष्णन जिनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने एक बार कहा था की योग्य शिक्षक वही है जिसके अंदर एक विद्यार्थी जिंदा रहता है। एक अध्यापक से हमें यही उम्मीद रहती है की वह जो भी बोले सही, शुद्ध और सच बोले।
एक शिक्षक एक शिल्पकार की तरह है जो अपने विद्यार्थियों को सही ज्ञान प्रदान करके उनको योग्य नागरिक बनाता है। इसलिए किसी भी देश को महान और गौरवशाली बनाने में शिक्षकों की अहम भूमिका होती हैं।
विद्यार्थियों को हमेशा यह विश्वास दिलाकर की वे कुछ कर सकते है, वे कुछ बन सकते है शिक्षक एक बहुत महान काम करते हैं।
शिक्षक अपने रचनात्मक विचारों द्वारा बच्चों का आचरण ऊँचा करते हैं।
उनका यही लक्ष्य रहता है की वे अपने विचारों से अपने विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाकर उन्हें ऊँचाइयों की और ले जायें।
इस शुभ अवसर पर ऐसे सभी शिक्षकों को मेरा प्रणाम।
धन्यवाद!
शिक्षक दिवस पर चौदहवां भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षक और मेरे प्यारे सहपाठियों
यहां उपस्थित सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ। अध्यापकों को किसी भी देश और समुदाय का गौरव माना जाता हैं। इन शिक्षकों को मान-सम्मान देने के लिए हर साल हम 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।
5 सितंबर को टीचर्स डे मनाने की परंपरा 1962 से शुरू हुई थी। जब भारत के एक सबसे योग्य शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के दुसरे राष्ट्रपति बने।
5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। उन्होंने आग्रह किया की उनका जन्मदिन मनाने के बजाय इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाये ताकि देश के शिक्षकों को हम योग्य सम्मान दे सकें।इसमें कोई संदेह नहीं है की समाज में शिक्षक ही एक ऐसा व्यक्ति है जो आने वाली पीढ़ी को योग्य शिक्षा देकर उनको देश के विकास और उन्नति के लिए तैयार करता हैं।
देश के राजनेताओं, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, कलाकारों, किसानों, व्यापारियों, मजदूरों, सैनिकों, इंजीनियरों आदि में गुणवत्ता पैदा करने का श्रेय अध्यापकों को ही जाता हैं इसलिए, देश के हर आदमी और सरकार का यह हक़ बनता है की समाज में शिक्षकों को योग्य स्थान मिले और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया जाये।
देश के चरित्र निर्माण में जितनी भूमिका शिक्षक निभाते है उतनी शायद कोई और नहीं निभाता है। तो हमारा इतना कर्तव्य तो बनता है की हम शिक्षकों को शुभकामना दें और समाज में सभी शिक्षकों को योग्य और सम्मान दें।
हर शिक्षक लगातार अपना ज्ञान बढ़ाता रहता है ताकि वे अपने विद्यार्थियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दे सकें। वह अपने छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत और दिशा निर्देशक बनने के लिए निरंतर प्रयास करते हैं।
5 सितंबर एक ऐसा दिन है जिस दिन कुछ छात्रों को शिक्षकों की भूमिका निभाने का सौभाग्य प्राप्त होता है। रंगीन सूट, कुर्ते पायजामे, सलवार कुर्ते और साड़ीयां पहनकर विद्यार्थी अपने शिक्षकों की भूमिका निभाते हुए एक अनूठा अनुभव महसूस करते हैं।
अगर हम अध्यापकों का सामाजिक और आर्थिक स्तर ऊँचा करते है तो हम उम्मीद कर सकते है की हमारे ये विद्यार्थी जो एक दिन के लिए शिक्षक बनते हैं भविष्य में यही विद्यार्थी उच्च स्तर शिक्षक बनकर देश का मान और गौरव बढ़ाएंगे।
मेरी तरफ से और दुनिया के सभी विद्यार्थियों की तरह से दुनिया के सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
धन्यवाद!
शिक्षक दिवस पर पंद्रहवां भाषण
आदरणीय शिक्षकों और प्यारे दोस्तों! आप सभी को एक बहुत अच्छी सुबह।
आज 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर, हम यहां उन सभी प्रिय शिक्षकों को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने हमारे राष्ट्र के भविष्य के निर्माण के लिए अथक प्रयास किए थे।शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, जिसमें बहुत सारी खुशी और उत्साह होता है। आज डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है, जो एक महान विद्वान और शिक्षक थे।
वह हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति भी थे। देश भर के छात्र इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं ताकि वे अपने शिक्षकों का सम्मान कर सकें जो छात्रों के चरित्र के निर्माण में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं और समाज की निर्विवाद रीढ़ हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि शिक्षक हमारे माता-पिता के बराबर हैं। वे हमें नि:स्वार्थ सिखाते हैं और हमें अपने बच्चों के रूप में मानते हैं।
माता-पिता एक बच्चे को जन्म देते हैं, जबकि शिक्षक उस बच्चे के व्यक्तित्व को आकार देते हैं और वे लगातार एक अच्छे इंसान के रूप में विकसित होने वाले बच्चे की मदद करने की कोशिश करते हैं। इसलिए हमें हमेशा उनका सम्मान और प्यार करना चाहिए।
शिक्षक प्रेरणा के स्रोत हैं। वे हमें प्रेरित करते हैं, हमारे युवा मन को ज्ञान के साथ पोषण करते हैं, हमें ताकत देते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं या चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। इसलिए, शिक्षक कई मायनों में हमारे लिए एक आशीर्वाद हैं।
आइए आज हम अपने शिक्षकों का हमेशा सम्मान करें, उनका पालन करें और योग्य नागरिक बनने के लिए उनकी सलाह का पालन करें। इस दिन, मैं अपने सभी शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि जब भी मुझे आपकी आवश्यकता हो, मुझे मार्गदर्शन करें।
आप सभी को एक बड़ा धन्यवाद!
शिक्षक दिवस पर सोलहवां भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकों, और मेरे प्यारे दोस्तों!
एक और सभी को सुप्रभात! शिक्षक दिवस के सम्मानजनक अवसर को मनाने के लिए हम आज यहां हैं।
यह दिन हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने और उन्हें व्यक्त करने का अवसर देता है।
5 सितंबर को हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर राधाकृष्णन की जयंती मनाई जाती है, जो न केवल एक राजनीतिक व्यक्ति थे, बल्कि सच्चे अर्थों में ओ एक अच्छे शिक्षक भी थे। इसलिए, उनका जन्मदिन कल के भविष्य को बनाने में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए हमारे शिक्षकों के प्रति हमारे प्यार और प्रशंसा को व्यक्त करने का सही दिन है।
शिक्षक न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि वे बच्चों के व्यक्तित्व को भी आकार देते हैं। शिक्षक बच्चों को सपने देखने की आशा देते हैं, वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं और उनका समर्थन करते हैं।
वे शिक्षा की गुणवत्ता को समृद्ध करते हैं और इसे और बेहतर बनाने की दिशा में अथक प्रयास करते हैं। इसलिए वे प्रेरणा और प्रेरणा के एक बारहमासी स्रोत हैं।
शिक्षक इस आभार के लायक हैं कि वे उन लाखों तरीकों के लिए हैं जिनसे वे छात्रों के जीवन को छूते हैं।एक छात्र के रूप में, मैं आपको पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकता।
मैं जो भी कहूंगा वह कम होगा क्योंकि शब्दों की कोई भी मात्रा पर्याप्त नहीं हो सकती है कि आप सभी मेरे और मेरे साथी छात्रों के लिए कितना मायने रखते हैं।उन सभी शिक्षकों को, जिन्होंने मुझे पढ़ाया है, जब भी मुझे आपकी आवश्यकता हो, मेरा मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद।
यहां उपस्थित सभी शिक्षकों के लिए, आपके वास्तविक प्रयासों, धैर्य और सकारात्मक प्रोत्साहन के लिए आप सभी का धन्यवाद।आज मैं आपके प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।
अंत में, मैं सभी शिक्षकों को समर्पित इस उद्धरण के साथ इस भाषण को समाप्त करना चाहता हूं, “एक शिक्षक एक कम्पास है जो विद्यार्थियों में जिज्ञासा, ज्ञान और ज्ञान के चुम्बक को सक्रिय करता है।”
हमेशा हमारा समर्थन करने के लिए धन्यवाद।
शिक्षक दिवस पर सत्रहवां भाषण
आप सभी को सुप्रभात!
हम यहां शिक्षक दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं! मुझे शिक्षक दिवस पर भाषण देने, अपने विचार व्यक्त करने और उन शिक्षकों को धन्यवाद देने का अवसर मिला है जिन्होंने मुझे बेहतर जीवन जीने और सीखने के लिए प्रभावित किया है।
मैं एक उद्धरण के साथ शुरू करूंगा। ब्रैड हेनरी के शब्दों में, “एक अच्छा शिक्षक आशा को प्रेरित कर सकता है, कल्पना को प्रज्वलित कर सकता है और सीखने के प्यार को बढ़ा सकता है।” यह अद्भुत विचार हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्व को दर्शाता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर भाषण देना मेरा सम्मान है।
1962 से, भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन डॉक्टर राधाकृष्णन की जयंती है, जो एक उत्कृष्ट विद्वान थे, एक शिक्षक जिन्होंने कई जीवन बदले, और भारत के दूसरे राष्ट्रपति भी थे।हमारे दिल में शिक्षकों का एक विशेष स्थान है। हालाँकि माता-पिता हमें सही तरीके से ऊपर लाने में बहुत योगदान देते हैं, लेकिन यह शिक्षक ही हैं जो ज्ञान की रोशनी से हमारे दिलों को जागृत करते हैं और अज्ञानता के अंधेरे को दूर करते हैं।
शिक्षक हमें बेहतर भविष्य के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए सिखाते हैं। वे छिपी हुई प्रतिभाओं और रचनात्मकता को बाहर लाते हैं और अपार ज्ञान भी प्रदान करते हैं।
चूंकि शिक्षक हर बच्चे के जीवन में ज्ञान और शिक्षा की नींव रखते हैं, वे उन सभी चीजों के लिए आभार और सम्मान के पात्र हैं जो वे निस्वार्थ रूप से करते रहते हैं। यहां उपस्थित सभी छात्रों की ओर से, मैं आप सभी को यह बताना चाहता हूं कि आप ताकत के प्रतीक हैं और समर्थन के स्तंभ हैं।
आपके अपार योगदान ने हमें वह बना दिया है जो हम आज हैं।शिक्षक बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी छात्रों को सहजता से स्वीकार करते हैं। चाहे मैं जितना भी कहूं कम होगा। इसलिए, मैं सभी साथी छात्रों की ओर से सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्य को धन्यवाद देते हुए निष्कर्ष निकालना चाहूंगा। हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा होने के लिए धन्यवाद।
आपको बहुत – बहुत धन्यवाद!
शिक्षक दिवस पर अठारहवां भाषण
मैं सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्य को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ!
यह एक विशेष दिन है जब देश भर के छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं और आभार व्यक्त करते हैं जो हमारे देश की रीढ़ हैं।यह सर्वविदित तथ्य है कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में हर साल शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो भारत के दूसरे राष्ट्रपति और शिक्षक के रूप में उत्कृष्ट थे।
यह दिन विशेष और महत्वपूर्ण है क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। ऐसे कई संबंध हैं जो मौजूद हैं, लेकिन एक शिक्षक और एक छात्र के बीच संबंध और समझ, या मैं एक शिष्य कहूंगा, हर दूसरे संबंध से परे है।
शिक्षक और छात्र रक्त से बाध्य नहीं हैं, फिर भी यह शिक्षक हैं जो अपने छात्रों की उपलब्धियों पर बेहद गर्व महसूस करते हैं।वे वास्तव में अपने छात्रों द्वारा हासिल किए गए हर मील के पत्थर के बारे में सुनकर प्रसन्नता महसूस करते हैं।
यह शिक्षकों का अथक प्रयास है जो सफलता को संभव बनाता है।
एक शिक्षक की महानता को दुनिया उसके छात्रों के माध्यम से जानती है।
यह केवल एक शिक्षक है जो औसत दर्जे के छात्र को एक सफल में बदल सकता है।
इस विशेष अवसर पर, मैं अपने सभी दोस्तों से अपील करता हूं कि वे शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करने में मेरा साथ दें और उन्हें आश्वस्त करें कि वे हमेशा हमारे दिल में एक विशेष स्थान पर रहेंगे।सभी छात्रों की ओर से, मैं उन सभी शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमें जीवन में कुछ बनने की आशा दी।आपने जो हमारे लिए किया है, हम उसे चुका नहीं सकते, हम केवल आपके प्रयासों के लिए धन्यवाद कर सकते हैं। हमें सिखाने के लिए, और जब हम चिल्लाते हैं, तो हमारे साथ वहन करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
हम अच्छे छात्र होने का वादा करते हैं और एक दिन हम सभी आपको गर्व महसूस कराएंगे।
आप सभी को धन्यवाद!
शिक्षक दिवस पर उन्नीसवां भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकों और मेरे मित्रों को एक बहुत ही शुभ प्रभात!
शिक्षक दिवस के इस विशेष अवसर पर, और यहाँ उपस्थित सभी छात्रों की ओर से, मैं अपने शिक्षकों द्वारा किए गए अद्भुत कार्य को स्वीकार करने, धन्यवाद, सराहना और सम्मान देने के लिए एक छोटा भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। वह एक उत्कृष्ट शिक्षक थे जो मानते थे कि शिक्षकों को देश में सबसे अच्छा दिमाग होना चाहिए।भारत में, हम इस महान नेता को मनाने और सम्मानित करने के लिए 1962 से शिक्षक दिवस मना रहे हैं, जिन्होंने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।शिक्षक छात्रों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। कोई भी छात्र अपने शिक्षकों की सहायता के बिना एक महान छात्र नहीं बनता है।
वे हमें ज्ञान से संपन्न करते हैं, हम पर विश्वास करते हैं और हमें अपने सपनों का पीछा करते हैं।हम कभी भी अपने शिक्षकों का शुक्रिया अदा नहीं करते हैं। हम अपने जीवन में अपने शिक्षकों के महत्व को कभी महसूस नहीं करते हैं। शिक्षक हमें वही बनाते हैं जो हम हैं!
ज़रा एक पल के लिए कल्पना कीजिए कि हमारे जीवन में जो कुछ होता था क्या हम आज के शिक्षकों के पास नहीं थे – ये सभी शिक्षक जिन्होंने हमें शुरुआत से ही धैर्य के साथ मार्गदर्शन किया है? शुरुआत से ही, हमारे जीवन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। और हम केवल आपके बिना हमारे जीवन की कल्पना नहीं कर सकते।
जब हम अपने आप में विश्वास नहीं करते थे, और जब हमने कहा कि हम मंच पर भयभीत थे, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए हमें प्रोत्साहित करने के लिए, धैर्य के साथ हमें सिखाने के लिए यहां मौजूद सभी शिक्षकों के लिए एक बड़ा धन्यवाद।
यह आपकी वजह से है कि आज, मैं आपके सामने खड़ा हूं और आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। यहां उपस्थित सभी छात्र आप सभी के आभारी हैं। हम आपको किसी दिन गर्व महसूस कराने का वादा करते हैं!
धन्यवाद।
शिक्षक दिवस पर बीसवां भाषण
सबसे पहले आप मंच पर जाएं, वहां मौजूद सभी शिक्षकों को प्रणाम करें…
अब आप कहें सभी शिक्षकों को मेरा प्रणाम और साथियों को मेरा प्यार..
आज 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
शिक्षक दिवस का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक होता है।शिक्षक छात्रों के जीवन को एक नया आयाम देते हैं, शिक्षक छात्रों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।दूसरे शब्दों में कहें तो शिक्षक अपना पूरा जीवन हमें शिक्षित करने में लगाते हैं और हमें बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं।हालांकि, आमतौर पर, लोग अपने शिक्षकों को भूल जाते हैं, जब वह अपने स्कूल से बाहर निकलते हैं या पास आउट होते हैं।
इस प्रकार, शिक्षकों के लिए एक दिन होना बहुत महत्वपूर्ण है, जो केवल शिक्षकों के योगदान के लिए समर्पित हो। बल्कि इन महान मनुष्यों के प्रति आभार प्रकट करना आवश्यक है, क्योंकि शिक्षक ही हमें असंख्य तरीकों से आकार देते हैं।भारत में हम हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं।
छात्रों के जीवन में शिक्षकों के योगदान की सराहना करने के लिए बहुत सारी एक्टिविटीज आयोजित की जाती है।
नर्सरी के बच्चे के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण
आप सभी को मेरा प्रणाम,
मेरे प्यारे टीचर्स, मेरा नाम शौर्य है मैं आपको अपने शिक्षक के बारे में बताना चाहता हूँ मेरे शिक्षक बहुत ही दयालु हैं वह हमेशा इस बारे में बताते हैं कि हमें अपने दोस्तों से नहीं लड़ना चाहिए।
अगर हम किसी के साथ लड़ते हैं तो वह इसे हल करती है। आपके जैसा शिक्षक मिलना, यह मेरे लिए गर्व की बात है।
मेरे लिया आप अब तक की सबसे अच्छी शिक्षिका हैं।कुछ शिक्षक सख्त होते हैं लेकिन वे अंदर से नरम होते हैं।
जब परीक्षाएं आती हैं तो वह हमारी अधिक मदद करती हैं।शिक्षक ही हमारी मदद करते हैं, इसलिए हम भी अपने प्रिय शिक्षक से प्यार करते हैं।
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं