उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों में तैनात 69000 शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षकों के द्वारा इन दिनों SCERT पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ धरना दे रही महिला शिक्षकों का धैर्य उस वक्त जवाब दे गया जब उनके द्वारा किए जा रहे धरने के दौरान उनकी समस्या सुनने सचिव बेसिक शिक्षा नहीं आए।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अनदेखी करने के चलते धरना दे रही महिला शिक्षकों का पारा इतना बढ़ गया कि सभी महिला शिक्षकों ने एससीईआरटी से निकलकर सीएम आवास की तरफ धरना देने का प्लान बना लिया सीएम आवास के सामने धरना देने के प्लान के बाद सारी 69000 शिक्षक भर्ती सारी महिलाएं सीएम आवास की तरफ कूच कर गई।
मगर रास्ते में खड़ी पुलिस ने महिला शिक्षकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। धरने के रूप में अपनी मांगों को रखने पहुंची महिला शिक्षकों को लखनऊ पुलिस बल द्वारा लोहिया पथ पर ही रोक लिया गया और सभी महिला शिक्षकों को गाड़ियों में भरकर इको गार्डन पहुंचा दिया।
प्रदर्शन में जनपद पीलीभीत से आई महिला शिक्षक रेखा सिंह ने बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्ति हुई महिला टीचर्स का ट्रांसफर शासन ने स्वेच्छा से किया था पर 13 मार्च को महेंद्र पाल सिंह की याचिका का हवाला देकर ट्रांसफर के बाद अचानक से रिलीविंग पर रोक लगा दी गई हैं।
गौरतलब है कि 69000 शिक्षक भर्ती की यह सभी महिला शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग में हाल में एक से दूसरे जिले में हुए तबादले के बाद कार्य मुक्ति के लिए धरना देने लखनऊ पहुंची थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में हाल में हुए तबादले में 4000 से अधिक शिक्षिकाएं 69000 शिक्षक भर्ती की हैं। इन सभी महिला शिक्षकों की कार्यमुक्ति पर सचिव ने कोर्ट का हवाला देते हुए रोक लगा दी थी। कहा गया की 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षण का मामला न्यायालय में होने से 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी गई है।
सचिव प्रताप सिंह बघेल के इस आदेश के बाद नाराज महिला शिक्षिकाएं सोमवार को धरना देने के लिए लखनऊ पहुंच गई और बेसिक शिक्षा निदेशालय पर देर शाम तक धरने पर बैठकर अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करने लगी।
मंगलवार सुबह वह SCERT पहुंच गई और फिर उनके द्वारा धरना शुरू कर दिया गया राम तेजा शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षकों को यह उम्मीद थी कि उनकी मांगों को सुनने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल आएंगे और उनके मुद्दे पर कार्य मुक्ति के लिए सचिव से लंबी वार्ता होगी लेकिन दोपहर तक सचिव प्रताप सिंह बघेल धरना स्थल पर महिला शिक्षकों से मिलने नहीं पहुंचे।
इस बात से नाराज होकर 69 शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षिकाएं अपने छोटे बच्चों को गोदी में लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए सीएम आवास की तरफ कूच कर गई कार्य मुक्ति की मांग कर रही महिला शिक्षकों ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगी।
महिला शिक्षकों की प्रमुख मांगें
* कार्य मुक्ति के आदेश पर रोक लगाने के बाद धरना स्थल पर पहुंची 69000 शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षकों ने मांग रखी कि 69k के ऐसे शिक्षक जिनका स्थानांतरण सूची में नाम है उनको शपथ पत्र के माध्यम से स्थानांतरित किया जाए।
* यदि चयन सूची के रिवाइज होती है और चयनित अभ्यर्थी का आवंटित जनपद में परिवर्तन होता है ऐसी दशा में अभ्यर्थी चाहे अपने मूल आवंटित जनपद में पदस्थापित हो अथवा स्थानांतरित होकर किसी अन्य जनपद में कार्यरत हो उसे चयन सूची रिवाइज होने के पश्चात नवीन जनपद आवंटित होने पर वहां जाना ही पड़ेगा।
* न्यायालय में विचाराधीन 69 हजार भर्ती में जो भी आदेश आयेगा वो सबके लिए एक जैसा होगा चाहे कोई मूल आवंटित जनपद में हो या स्थानांतरित जनपद में सबको परिवर्तन के पश्चात नवीन आवंटित जनपद में जाना ही पड़ेगा।
* महिला शिक्षकों की यह भी दलील थी कि 69 हजार स्थानांतरित होने वाले शिक्षक पर आदेश का कोई विशेष प्रभाव नही पड़ेगा, इसलिए शपथपत्र के माध्यम से स्थानांतरित किया जाए।
बता दें कि सोमवार को राजधानी में 69000 शिक्षक भर्ती बैच की महिला शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया। लखनऊ के निशातगंज स्थिति शिक्षा निदेशालय कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन करते हुए स्थानांतरण के बावजूद कार्यमुक्ति का आदेश न मिलने का मुद्दा उठाया। इस दौरान यूपी के तमाम जनपदों से महिला शिक्षक निदेशालय पहुंची थी। महिला शिक्षकों ने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए ट्रांसफर के बाद भी रिलीविंग ऑर्डर जारी न करने की बात कही।