राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने अपनी 50वीं आम सभा की बैठक में जब से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) की वैधता को सात से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला लिया है जिसके चलते यूपी में पिछले 4 बर्षों से संघर्ष कर रहे 2011 टीईटी पास उम्मीदवारों के लिए 72825 भर्ती के शेष 6170 पदों पर न्यायालय में लंबित याचिका को संजीवनी मिल गयी।
टीईटी संषर्ष मोर्चा के सचिव वेद निमेष सैकड़ो याचियों को लेकर 72825 के शेष 6170 पदों के लिए आज भी कोर्ट की लड़ाई लड़ रहे हैं वेद ने बताया कि हमारी 6170 पदों पर पिछले 4 सालों से जो दावेदारी की जा रही थी टीईटी की आजीवन वैद्यता के चलते और भी पुख्ता हो गयी।सरकार झूठे हलफनामे लगाकर कोर्ट को भ्रमित भी कर चुकी है मगर हम इन पदों पर अपना हक कोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुसार लेकर रहेंगे।
आपको बता दें कि सुप्रीमकोर्ट ने बीते 25 जुलाई 2017 को निर्देश दिया था कि 72825 भर्ती के शेष पदों के लिए अलग से विज्ञापन जारी किया जाए साथ ही उस वक़्त कोर्ट द्वारा 72825 शिक्षक भर्ती में टीईटी मेरिट पर भर्ती करने पर सवाल उठाए थे बाद में न्याय विभाग की रिपोर्ट की संस्तुति के आधार पर भर्ती करने की बात तत्कालीन योगी सरकार ने भी कही थी मगर 72825 शिक्षक भर्ती की 6 साल प्रक्रिया चलने के बाद भी सभी रिक्त 6170 पद आज तक भरे नहीं जा सके।
हांलांकि बीते 25 जुलाई 2017 को शीर्ष कोर्ट की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 72825 में से 66555 पद भरे जा चुके हैं, बाकी 6170 पदों पर भर्ती होना है जिसमें कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि शिक्षक पात्रता परीक्षा अभ्यर्थियों की अर्हता परीक्षा है इसकी मेरिट के आधार पर भर्ती ठीक नहीं है, हालांकि साथ ही में भर्ती हो चुके शिक्षकों को प्रभावित न करने का भी निर्देश दिया गया।
चूँकि कोर्ट ने शेष पदों को नये सिरे से विज्ञापन जारी करके भर्ती करने को कहा ऐसे में शेष पदों 6170 पदों की भर्ती की गुत्थी इस बात को लेकर उलझ गयी कि आगे की भर्ती टीईटी मेरिट पर ही पूरी की जाए या फिर एकेडमिक मेरिट को प्रभावी माना जाए।
अभ्यर्थियों का मानना है कि केंद्र सरकार ने जब से टीईटी की वैद्यता आजीवन कर दी है तब से 6170 पदों पर जीत सुनिश्चित हो गयी है।