उत्तर प्रदेश के स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने उत्तर प्रदेश के 50 से अधिक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मानव संपदा पोर्टल पर आ रही विसंगति के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बेसिक शिक्षा द्वारा उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा, अलीगढ़, अमेठी, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बागपत , बलरामपुर, बांदा , बाराबंकी ,बरेली, बहराइच, बिजनौर, बुलन्दशहर, चन्दौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, फतेहपुर, गोण्डा, गोरखपुर , हमीरपुर हरदोई, हाथरस, जालौन , जौनपुर, झांसी, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महाराजगंज महोबा, मिर्जापुर, मथुरा, मैनपुरी, पीलीभीत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली रामपुर, सहारनपुर, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर, शाहजहाँपुर, शामली, सिद्वार्थनगर सीतापुर, सोनभद्र, सल्तानपुर, उन्नाव एवं वाराणसी के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को परिषदीय शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों के अवकाश प्रकरणों का मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से निस्तारित करने के सम्बन्ध में आदेश देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कि बेसिक शिक्षा विभाग के शासनादेश संख्या: 785 / 68-5-2019 दिनांक 02 सितम्बर, 2019 तथा कार्यालय के विभिन्न पत्रों के द्वारा मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के अंतर्गत संचालित परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेतर कर्मियों के समस्त प्रकार के अवकाश प्रकरणों का मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से निस्तारित किए जाने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गये हैं। मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध अवकाश प्रकरण निस्तारण संबंधी डाटा का विश्लेषण करने पर करने पर विसंगतियाँ संज्ञानित हुई हैं-
एक्सेल शीट को संलग्न करते हुए आदेश में कहा गया है कि एक दिवसीय अवकाश प्रकरणों को अवकाश आवेदनकर्ता कार्मिक के अनुरोध के कम में अवकाश तिथि को दोपहर 12:00 बजे के बाद अवकाश कैंसिल किया गया।
कतिपय प्रकरणों में रात 10:00 बजे के भी बाद अवकाश कैंसिल किया गया है (एक्सेल शीट संलग्न) । इससे प्रतीत होता है कि अवकाश उपभोग करने के बाद मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश कैंसिल किया गया हैं। इसमें संबंधित अवकाश आवेदनकर्ता कार्मिक तथा अवकाश कैंसिल करने वाले रिपोर्टिंग आफीसर के संलिप्तता प्रतीत होती है। उक्त स्थित किसी भी रूप में स्वीकार योग्य नहीं है।
अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त के संबंध में प्रकरणवार स्थिति स्पष्ट करते हुये आख्या दिनांक 05 जनवरी, 2023 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।