प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड डिग्री धारकों को बाहर कर देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बीएड डिग्री धारकों ने देशभर में हल्ला बोल करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। B.Ed डिग्री छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गलत बताया।
महिला अभ्यर्थियों का कहना है की प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने से अच्छे टीचर्स मिलते हैं और क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा मिलता है इसलिए प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड धारकों को मौका मिलना चाहिए।
प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री धारकों के शामिल होने से चयन सूची में बनने वाली मेरिट का परसेंटेज काफी ज्यादा रहता है जिससे प्राथमिक शिक्षक भर्ती में चयनित होने वाले शिक्षक काफी योग्य मिलते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अधिकतम छात्रों ने गलत करार दिया। बीएड डिग्री धारकों का कहना है कि बीएड को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से यदि बाहर कर दिया गया है तो फिर तो बीटीसी डिग्री धारकों का जूनियर स्तर पर प्रमोशन भी नहीं होना चाहिए क्योंकि वह भी जूनियर स्तर पर पढ़ाने की योग्यता नहीं रखते।
सुप्रीम कोर्ट ने भी बीटीसी डिग्री धारकों को लेवल 1 पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती के योग्य माना है इसलिए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिया गया निर्णय छात्रों के लिए हितकर नहीं है।
B.Ed डिग्री धारकों ने अपनी-अपने राज्य सरकारों के सामने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ b.Ed डिग्री छात्रों के हित में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने के लिए अध्यादेश लाने की बात कही है।
वहीं देश भर के अलग-अलग राज्यों में बीएड डिग्री धारकों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है और सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सरकार से अध्यादेश लाने का निवेदन किया है।