गौरतलब है कि शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई जो कि मार्च में ही पूरी होती दिख रही थी लेकिन अचानक कोविड 19 की महामारी ने इस प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया।लगातार बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी से गुहार लगाते शिक्षकों ने स्थानांतरण को लेकर ट्विटर ट्रेंड भी किया, बेसिक शिक्षा मंत्री के हर लाइव वीडियो में स्थानांतरण को लेकर मैसेज भी किये तब जाकर स्थानांतरण की प्रक्रिया दोबारा शुरू हो पायी लेकिन विधि का विधान ऐसा बना कि पहले 15 अक्तूबर से प्रक्रिया 22 अक्तूबर तक बढ़ी और कोर्ट केस के चलते 3 नवंबर तक बढ़ गयी।
फ़िलहाल शासन ने 3 नवंबर तक स्थानांतरण की अपनी कार्रवाई को पूर्ण करने का दावा किया है और 12 नवंबर के बाद स्थानांतरण करने का मन भी बना लिया है पर अगर कोई अड़चन नहीं आयी तो दीवाली के तुरंत बाद स्थानांतरण हो सकते हैं।
आज आये कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल सरकार को बहुत बड़ी राहत मिली है अब शासन स्थानांतरण को जल्द से जल्द करना चाहेगा।
क्या हुआ आज कोर्ट में,आइए जानिए ?
ऑर्डर आते ही सोशल मीडिया का बाजार गर्म हो गया ,तरह तरह के आदेश सोशल मीडिया पर तैरने लगे जिनमें कहा गया कि बहुप्रतीक्षित दिव्या गोस्वामी केस और साथ मे अटैच सम्बन्धित केस जिन पर आदेश रिजर्व था आज जस्टिस अजित कुमार जी ने दोपहर बाद फैसला सुनाया। चूँकि कोर्ट रूम में काफी भीड़ थी तो पूरा ऑर्डर पढ़ने की बजाय जज साहब ने मुख्यतः दो बातें कही पहली ये कि विशेष परिस्थितियों का सामना कर रहे शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु कोई बाध्यता नही होगी। सरकार को विशेष परिस्थितियों वाले शिक्षकों के स्थानांतरण में नरमी बरतनी चाहिए भले ही पूर्व में उनका स्थानांतरण हो चुका हो।
नियमित स्थानान्तरण को परिभाषित करते हुए न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की मांग को स्वीकार किया और सरकार को आदेशित किया कि दिव्यांग, महिलाओं और एकल माता पिता के आधार पर पात्र अभ्यर्थियों को अवसर की सीमा में बांधना मानवीय और विधिक संवेदनाओं के विरुद्ध होगा अतः समस्त महिला, दिव्यांग और एकल माता पिता के आधार पर मिलने वाले अनुमन्य लाभ को अभ्यर्थी एक से भी अधिक बार लेने का पूर्ण अधिकारी है।
ऐसे आदेशों को पढ़कर शिक्षक ये कयास लगाने लगे कि अब पुनः ऐसे अभ्यर्थियों से आवेदन लिये जाएंगे जो पूर्व में उपर्युक्त आधार पर स्थानान्तरण ले चुके हैं ।विशेष लाभ उन अभ्यर्थियों को प्राप्त होगा जो महिलाएं पूर्व में ट्रांसफर का लाभ ले चुकी हैं और पुनः आवेदन करेंगी या पहले अविवाहित थीं या जिनके पति की शासकीय सेवा में बाद में नियुक्ति हुई है।
इन सबके बाद फ़िलहाल अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया इसलिए शिक्षकों को पूर्ण ऑर्डर अपलोड होने का इंतज़ार है ।