परिषदीय स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों को ब्लॉक स्थानांतरण का इंतजार है और शिक्षक शासन की स्थानांतरण पॉलिसी का इंतजार देख रहे हैं। मगर स्थानांतरण के आदेश न आने के कारण वह काफी निराश हैं हाँलाकि शासन ने स्थानांतरण पॉलिसी को शुरू करने के संकेत दिए थे जिसके मुताबिक गत जुलाई माह में शासन स्तर से स्थानांतरण को शुरू करने की बात कही गयी, मगर इस संबंध में अभी तक कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ।
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हो चुके हैं पर शिक्षकों को अब एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में ट्रांसफर के आदेश के इंतजार में हैं। बताया जा रहा है कि ब्लॉक स्थानांतरण को देखते हुए कई जिलों में शासन द्वारा छात्र एवं शिक्षकों की संख्या स्कूलवार विभाग से मंगा ली गयी है जिससे अनुमान लगाया गया कि स्थानांतरण नीति को शासन जल्द ही खोल सकता है पर अब तक इस संबंध में आदेश न आना शिक्षकों की चिंता का विषय बना हुआ है।
यह भी कहा जा रहा है कि एक ही जिले में कार्यरत बड़ी संख्या में शिक्षक अपने घर से 40 से 50 किमी की दूरी स्थित विद्यालय में पढ़ाने के लिए प्रतिदिन आते-जाते हैं। ऐसे में पूरे दिन उन्हें विद्यालय आने-जाने में ही लग जाता है इसलिए अगर स्थानांतरण खुले तो शिक्षकों को मनचाहे ब्लॉक में जाने का मौका मिलेगा और उनकी लम्बी दौड़ भी बचेगी।
आपको बता दें कि छात्र और शिक्षक अनुपात के आधार पर विभाग द्वारा शिक्षकों के स्थानांतरण करने की बात कही गयी है। यदि शिक्षक एवं छात्र संख्या का अनुपात बिगड़ता है तो संबंधित स्कूल से शिक्षक का ट्रांसफर नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार माह जुलाई में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिले के भीतर ब्लाक स्तर पर तबादले की तैयारी शुरू करने की बात कही गयी थी साथ ही यह भी कहा गया था कि तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा और पूरी प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी मगर यह प्रक्रिया अभी तक शुरू न हो सकी।
यदि ब्लॉक स्थानांतरण हुआ तो
नियमानुसार बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से स्थानांतरण की सूची तैयार करते समय स्कूल में शिक्षकों की संख्या और दूरी पर विशेष ध्यान रखा जाएगा साथ ही स्थानांतरण के बाद विद्यालय में शिक्षकों की मानक संख्या का भी ध्यान रखा जाएगा। ऐसा माना जा रहा है प्रदेश भर में ब्लाक स्तरीय तबादले में एक जगह से दूसरी जगह जाने में दो लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित होंगे। इन शिक्षकों को अपने घर के पास नियुक्ति मिलने पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है।
तीन जोन में विभाजित होंगे विद्यालय
पूर्व आदेश के मुताबिक जिलों के अंदर स्थानांतरण के लिए तीन जोनवार विद्यालय निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे। जोन-1 में जनपद के नगरीय निकाय सीमा से 8 किमी के दायरे वाले विद्यालयों को रखा गया है जबकि तहसील मुख्यालय से 2 किमी दूरी के दायरे वाले विद्यालयों को जोन-2 में रखा गया है। शेष विद्यालय जोन-3 की श्रेणी में आएंगे।
निर्धारित अंको को मिलेगा वेटेज
तबादलों में शिक्षकों को वेटेज अंकों के आधार पर संबंधित जोन में तैनाती मिलेगी। जिले में समायोजन व ट्रांसफर के लिए गठित कमेटी पिछली कमेटियों से अलग है। इस बार कमेटी के अध्यक्ष डीएम हैं लेकिन सीडीओ की जगह डायट प्राचार्य द्वारा नामित एक सदस्य रखा गया है।
देने होंगे पांच विद्यालयों के विकल्प
नई ट्रांसफर पॉलिसी के मुताबिक ब्लॉक स्थानांतरण में शिक्षकों को पांच विद्यालयों के विकल्प देने होंगे।आवेदन के साथ वेटेज अंक के लिए वांछित दस्तावेज की स्कैन कॉपी भी लगानी होगी।