69000 शिक्षक भर्ती में स्थानांतरण पर रोक लगने के कारण कार्यमुक्त होने से वंचित होने वाली महिला शिक्षक कल 10 जुलाई को लखनऊ के एससीआरटी भवन में प्रस्तावित आंदोलन के लिए एकत्रित होंगी।
सोशल मीडिया पर आह्वान के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती के स्थानांतरण पर रोक के बाद महिला शिक्षकों ने यह फैसला लिया है हालांकि इन महिलाओं के साथ उनके पति भी आंदोलन के लिए एकत्रित हो रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत 69 हजार शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षकों ने सचिव के 1 जुलाई के आदेश, स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्त न करने के खिलाफ कार्यमुक्त की मांग करते हुए ट्वीटर पर अभियान भी चलाया था।
इस ट्वीटर अभियान में 69 हजार शिक्षक भर्ती की महिला शिक्षकों में शामिल शबनम शिफा, शालिनी गुप्ता, पूजा मौर्य, फरहा अंजुम , निशा त्यागी, रीना गंगवार, दीक्षा त्यागी ,दिव्या , प्रियंका मिश्रा ,श्वेता मिश्रा , अनुपम, नेहा यादव, प्रशाली पांडे आदि सैकड़ों महिला शिक्षकों ने ट्वीट करते हुए लिखा कि…
#69000ट्रांसफरकार्यमुक्ति
माननीय मुख्यमंत्री जी , माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री जी, माननीय सचिव बेसिक शिक्षा परिषद 69000 की वे सभी महिलाएं जिनका स्थानान्तरण होकर भी उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया पिछले एक सप्ताह से मानसिक कष्ट में हैं कृपा हमें कार्यमुक्त करें।
आंदोलन की रणनीति बना रहे पैरोकार ने लखनऊ पहुंचने वाली महिला शिक्षकों के रूट्स को भी फ्रेम किया है जिसके तहत कहा गया कि गोरखपुर, अयोध्या की तरफ से बस से आने वाले टीचर्स अवध बस स्टेशन (कमता) पर उतर कर निशातगंज के लिये टैक्सी ले सकते हैं।
सीतापुर के तरफ से बस से आने वाले टीचर्स इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा पर उतर कर निशातगंज के लिये टैक्सी ले सकते हैं।साथ ही गोरखपुर से आने वाली ट्रेन बादशाह नगर में रुकती है तो टीचर्स वहीं उतर जाये।
कानपुर, उन्नाव की तरफ से आने वाले लोग आलमबाग या चारबाग पहुँच कर निशातगंज के लिए टैक्सी ले सकते हैं और ट्रेन से आने वाले लोग चारबाग उतर कर निशातगंज के लिये टैक्सी ले सकते हैं
आंदोलन की रणनीति बना रहे टीचर्स ने सभी 69 महिला शिक्षक भर्ती के टीचर से हाथ जोड़ कर निवेदन किया है कि सभी लोग ख़ासकर महिला अध्यापिका जिनका ट्रांसफर होल्ड हुआ है सुबह 10 बजे कल जरूर पहुंचे।
दूसरी ओर 69000 शिक्षक भर्ती के टीचर्स ने सरकार पर आरोप लगाते हुए साथी शिक्षकों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि कोर्ट के मार्च 2023 के आदेश के तहत 69000 शिक्षक भर्ती की लिस्ट को 3 महीने में बिना चयनित अभ्यर्थी को डिस्टर्ब किए रिबाइज्ड करने को कहा गया था लेकिन विभाग द्वारा उन 3 महीनों में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।
जिसके बाद अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में स्थानांतरित हुए 69000 शिक्षक भर्ती के टीचर्स ने जून के ग्रीष्मावकाश में अपने आवेदन को फाइल सहित बीएसए कार्यालय में जमा कर ट्रांसफर से रिलेटेड सभी काम किए।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल द्वारा जारी 1 जुलाई के आदेश के तहत स्थानांतरित हुए शिक्षकों को 2 जुलाई को कार्यमुक्त और स्थानांतरित जनपदों में कार्यभार ग्रहण करने के लिए आदेश भी आया लेकिन 2 जुलाई की सुबह सचिव का एक दूसरा आदेश वायरल हुआ कि 69000 शिक्षक भर्ती में स्थानांतरित हुए शिक्षकों को कार्यमुक्त होने से रोक दिया गया है जिसका कारण जज का दिया हुआ मार्च वाला कोर्ट ऑर्डर था।
69000 शिक्षक भर्ती के टीचर्स का कहना है कि 3 महीने पुराना कोर्ट आर्डर विभाग को 3 महीने बाद याद आता है ज़ब स्कूल खुलने वाले होते है। यदि याद आ गया तो जैसे रोकने का आर्डर था उसी तरह शपथ पत्र के साथ आर्डर कार्यमुक्त का आर्डर निकाल सकते थे नहीं ऐसा नहीं किया गया।
सोशल मीडिया पर 69 हजार शिक्षक भर्ती के टीचर्स ने आपस में चर्चा करते हुए यह डिसीजन लिया कि विभाग द्वारा हम लोगो के साथ प्रयोग हो रहा है यदि सभी टीचर्स शांत बैठे रहे तो ट्रांसफर पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।
वो अलग बात है कि 17 जुलाई को डबल बैंच में केस लगा है जिसका ट्रांसफर से कोई लेना देना नहीं यह केस सिर्फ 3 महीने में लिस्ट नहीं बनाई उसका है।
आंदोलन की रणनीति बना रहे सर्वेश प्रताप सिंह नाम के टीचर ने कल 10 जुलाई को लखनऊ आने वाले शिक्षकों से स्लोगन के प्रिंटआउट लाने को कहा है,कहा गया कि सभी साथी (महिला व पुरुष), जो कल 10 जुलाई को धरने में आ रहे हैं, वो स्लोगन के प्रिंट आउट को अपने साथ लेकर आएं। जिससे आपकी समस्या आसानी से समाचार पत्र/मीडिया और अधिकारियों तक पँहुच सके।