उत्तर प्रदेश अटेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष व NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने हाल ही में एक समाचार पत्र में छपी ख़बर को लेकर पुरानी पेंशन के मुद्दे पर तीन पक्षों से अपील की है जिसमें उन्होंने पुरानी पेंशन पर एक मत होने को लेकर आंदोलित रहने को कहा है उन्हों ने संभावना जताई कि अलग अलग पुरानी पेंशन के मुद्दों को लेकर लड़ाई लड़ने किसी के हित में नहीं है।
उत्तर प्रदेश अटेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष व नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम|National Movement for Old Pension Scheme (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने अपने सोशल मीडिया के फेसबुक अकाउंट से समस्त पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ रहे पुराधाओं से पुरानी पेंशन की बारीकियों व पुरानी पेंशन के लिए चलाए जा रहे राष्ट्र और प्रदेश व्यापी आंदोलनो का हवाला देते हुए केवल पुरानी पेंशन का दीप प्रज्वलित रखने की अपील की है उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर संबोधित करते हुए कि पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे से इतर सरकार द्वारा प्रस्तावित कोई भी स्कीम हमें नामंजूर है और सभी को इस मुद्दे पर एकमत होने की ज़रूरत भी है नहीं तो सरकार द्वारा पुरानी पेंशन के मुद्दे से भटकाया जा सकता है।
एक समाचार पत्र में “पुरानी पेंशन छोड़ कर्मचारियों की हर समस्या पर मंथन” नामक शीर्षक से छपी ख़बर का खंडन करते हुए खबर की आंतरिक कड़वाहट व दूरगामी नकारात्मक आहट को महसूस करते हुए विजय कुमार बन्धु ने तीन वर्गों से अपील की उन्हों कहा यदि समय पर पुरानी पेंशन जैसे मुद्दों पर एक साथ नहीं आएंगे तब तक पुरानी पेंशन का मुद्दा हल नहीं होगा।उन्होंने वर्तमान दौर में अखबारों में छप रही इस तरह के खबरों पर तीन वर्गो से विषय अपील की है।
◆ वरिष्ठ शिक्षक कर्मचारी नेताओं से पहली अपील
● बहुत लोगों के लिए बहुत कुछ मुद्दे होंगे,समस्याएं होंगी लेकिन अपने वरिष्ठ शिक्षक कर्मचारी नेताओं से अपील है कि पेंशन के आंदोलन को इस माहौल को किसी और तरफ न ले जाएं सिर्फ और सिर्फ पुरानी पेंशन पर डटे रहें अन्यथा नई पीढ़ी माफ नहीं करेगी।
● यदि पुरानी पेंशन के लिए ईमानदारी से सभी लोग लड़ना चाहते हैं तो एक कॉमन एजेंडा पुरानी पेंशन है और एक कॉमनडेट तय करें,आप सभी मिलकर एक साथ कलम बंद हडताल की घोषणा करे। एक- एक नव जवान पूरी शिद्दत के साथ शामिल होगा, बस पेंशन के मुद्दे से इतर न जाये।
● सभी लोग मन बडा करे ।
पेंशन का मुद्दा हल करे ।।
हमने शिक्षक कर्मचारी नेताओं से व्यक्तिगत मिलकर व फोन कर इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिये आप लोग भी लगे।
◆ सत्ता पक्ष से दूसरी अपील
● सत्ता मे बैठे लोग यह बात अच्छी तरह से समझ ले ,पेंशन विहीनो के लिए एक मात्र मांग पुरानी पेंशन है केन्द्र और राज्य मे एक ही दल की सरकार है आपके लिए बेहतर अवसर है हां एक बात और स्मरण करा दें कि राज्य कर्मी के लिए राज्य व केन्द्र कर्मी के लिए केन्द्र सरकार कर सकती है इसे केन्द्र और राज्य के बीच न उलझाये यदि ऐसा संभव न होता तो पश्चिमबंगाल आज भी पुरानी पेंशन व्यवस्था देने वाला एक मात्र राज्य कैसे होता?
● यदि इसके बाद भी सरकार हीला हवाली करती है तो वह सरकार के लिए नुकसानदेह होगा। जो सरकार हमारी पुरानी पेंशन बहाल नही करेगी वो बहार होने को भी तैयार रहे। क्योकि आपके लिए जिस तरह से सत्ता सब कुछ है उसी तरह से यूपी के 13 लाख सहित देश भर के 70 लाख पेंशन विहीनो के लिए पुरानी पेंशन सब कुछ है। यदि हम भी राजनेताओं के लिए कहें कि आपकी हर बात मान ली जाएगी सिर्फ चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा तो आपको कैसा लगेगा ?
◆ शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों से तीसरी अपील
● सभी शिक्षक ,कर्मचारी व अधिकारी सहित खास कर युवा साथियो से निवेदन है कि इस बार सिर्फ सिर्फ मुद्दे पर डटे रहना क्योंकि पुरानी पेंशन हमारे आपके लिए जीवनमरण का प्रश्न है।
● इसलिए यह एहसास कराना है की हम अपने बुढ़ापे की लाठी के लिए कितना संजीदा हैं कितना दृढ संकल्पित है। वक्त पर यदि सही चोट कर दी जाये तो जीत हमारी होगी। बस याद रखना बुढापे में न पद, न विभाग न गुट न संघ, न नेता काम आयेगा यदि कोई सहारा होगा तो सिर्फ और सिर्फ पुरानी पेंशन।
● इसीलिए सब बातें पीछे छोड़कर सिर्फ और सिर्फ पुरानी पेंशन के लिए खुद लड़े है और अपने अपने संगठन और नेताओ से कहिए कि हमारी पुरानी पेंशन के अतिरिक्त कोई अऱ्य किसी बात पर समझौता न करें।
● बंद मुट्ठी लाख की,
खुली खाख की।
इसी सूत्र वाक्य पर सभी लोग लग जाएं तो हम सभी अपने सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई जीत जाएंगे।